भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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Communist Party of India, U.P. State Council

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मंगलवार, 11 अगस्त 2020

Tribute to Rahat Indauri

 

राहत इंदौरी के निधन पर भाकपा ने शोक जताया

 

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल ने अवामी शायर श्री राहत इंदौरी के निधन पर गहरा दुख जताया है और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। भाकपा ने उनके शोक संतप्त परिवार और उनके करोड़ों चाहने वालों की पीढ़ा के प्रति सहभागिता की है।

एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि श्री इंदौरी के निधन से साहित्य जगत खास कर उर्दू अदब को गहरा धक्का पहुंचा है। मंच से करोड़ों करोड़ पीड़ितों की आवाज को मुखरित करने वाली आवाज आज कोरोना महामारी ने हम से छीन ली। उनके निधन से हुयी क्षति की पूर्ति आसानी से संभव नहीं है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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CPI on Women astrocity in UP

 

बहू- बेटियों की जान खतरे में, इज्जत तार तार: आखिर कौन है इसका जिम्मेदार?

भाकपा ने कहा- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार ही बनी बेटियों का काल  

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश में जंगलराज और महिलाओं/ बालिकाओं की जिन्दगी/ आबरू पर उसके कहर पर गहरी चिन्ता, दुख और आक्रोश जताया है। भाकपा ने उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों की इस समझदारी को फिर दोहराया है कि राज्य सरकार स्थितियों को संभाल नहीं पा रही और वह शासन करने का नैतिक अधिकार खो बैठी है।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि अभी हापुड़ की बच्ची की चीखें विचलित कर ही रहीं थी, उरई ( जालौन ) की लड़कियों की पुलिस प्रताड़ना और उससे विचलित हुयी एक लड़की की आत्महत्या की भयावह खबरें व्यथित कर ही रहीं थीं कि एक और होनहार बेटी- बुलंदशहर की सुदीक्षा आज शोहदों की छेड़छाड़ का शिकार बन कर जान से हाथ धो बैठी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार आज बेटियों का काल बन कर रह गयी है।

उत्तर प्रदेश में हर तरह के अपराधों की बाढ़ आयी हुयी है और हर जनपद में अखबारों के कई कई पन्ने स्थानीय अपराधों की  खबर से भरे रहते हैं। बागपत में भाजपा नेता की हत्या तो सुर्खियों में आनी ही थी, लेकिन, प्रदेश में हत्याओं का अंबार लगा हुआ है। ज़मीनों- जायदादों को लेकर झगड़े भी रिकार्ड तोड़ रहे हैं। अपहरण, फिरौती और फिरौती लेकर भी हत्या, लूट और ठगी की वारदातें भी बढ़ी संख्या में हो रही हैं। अर्थाभाव और अव्यवस्था से लोग बड़े पैमाने पर आत्महत्याएं कर रहे हैं। लेकिन महिला हिंसा ने तो अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं।

भाजपा राज आज अपराध राज बन गया है। यह भी तमाम तमाम एंकाउंटर्स के वाबजूद। क्योंकि लोगों की नजर में ये एंकाउंटर राजनैतिक हैं और अपराध करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश की पुलिस की कारगुजारियां अपने आप में सवालों के घेरे में हैं। वह अपराधों को रोक नहीं पा रही है और आम लोगों पर कहर वरपा रही है। इस सबकी कोई ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। जनता इस जंगलराज को भोगने को अभिशप्त है। लोगों में यह सवाल गहराता जा रहा है कि जब सरकार अपने दायित्वों का निर्वाह कर नहीं पा रही तो फिर क्यों सत्ता में बनी हुयी है।

भाकपा ने बुलंदशर, हापुड़, उरई और प्रदेश भर की महिला हिसा के दोषियों के विरूध्द कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है। भाकपा राज्य सचिव मंडल ने अपनी जिला इकाइयों और सहयोगी संगठनों से अपील की कि वे स्थानीय स्तर पर तत्काल प्रतिरोध जताएं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश  

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