1. टेªड यूनियनों द्वारा आहूत 7 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल में खेत मजदूर को भारी संख्या में गोलबंद किया जाये। यूपीए-2 सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के विरूद्ध आयोजित इस हड़ताल को खेत मजदूरों की विशाल भागीदारी से अत्यंत ही जुझारू बनाया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य यूनिटें खेत मजदूरों की भारी भागीदारी सुनिश्चित करें।
2. खेत मजदूरों का संसद मार्च: यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति ने खेत मजदूरों के ‘संसद मार्च’ (दिल्ली रैली) के लिए 2011 साल में मार्च महीने के प्रथम पखवाड़े में आयोजित करने का फैसला किया। भाखेमयू, खेत मजदूरों की मांगों को लेकर इस रैली के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देगी।
- ‘चलो पार्लियामेंट’ के आह्वान को लेकर तैयारी पूरी करने हेतु कन्वेंशन, सम्मेलन तथा आम सभाएं आयोजित कर इसका संदेश लोगों के बीच ले जाया जाये,
- आगामी अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में विभिन्न स्तरों पर सरकारी कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन आयोजित कर खेत मजदूर आंदोलन की मांगों को, जो प्रधानमंत्री को संबोधित हो पेश किया जाये;
- ‘चलो पार्लियामेंट’ को लेकर पर्चे एवं पोस्टर प्रसारित किये जायें;
2011 जनवरी एवं फरवरी के माह में जिलों के अंदर “जत्था मार्च” का कार्यक्रम चलाया जाये।
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र से खेत मजदूरों की भारी गोलबंदी पर ही इस कार्यक्रम की सफलता निर्भर करेगी। अतः इनकी राज्य यूनिटों की विशेष जवाबदेही है। इन राज्यों में खेत मजदूरों की गोलबंदी के लिए व्यापक अभियान चलाया जाये।
-रैली के लिए पूर्व से निर्धारित कोष संग्रह के लक्ष्य को सभी राज्य यूनिटें पूरा कर दिसंबर के अंत तक जमा करा दें। रैली की तिथि का ऐलान भी शीघ्र कर दिया जायेगा।
3. मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर 2010 का कार्यक्रम: 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। कार्यकारिणी समिति ने 10 दिसंबर 2010 को ‘मानवाधिकार दिवस’ को भूमिहीनों के बीच खेती एवं आवासीय भूमि के वितरण की मांग को लेकर मनाने का आह्वान किया है। इसमें बंटाईदारों के हक एवं आदिवासियों के भूमि अधिकार संरक्षण की मंागें भी शामिल हैं। 15 डिसमिल आवासीय भूमि और आवास योजना के अंतर्गत 3 लाख रुपये की मांग को शक्तिशाली ढंग से उठाना है। इसी के साथ शामिल है इंदिरा आवास योजना के अंदर हाल में बने क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण की मांग। खाद्य सुरक्षा, अस्पृश्यता निवारण और अत्याचार पर रोक की मांगेे भी उठायी जायें।
इस अवसर पर स्थानीय बाजारों में खेत मजदूरों के जुलूस, मशाल जुलूस, सभाएं और कन्वेंशन आयोजित करें। इसे व्यापक पैमाने पर मनाने की योजना बनाकर उसे लागू करें।
4. राष्ट्रीय सम्मेलन: केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति ने राष्ट्रीय सम्मेलन 2011 में संपन्न करने का फैसला किया जो अक्टूबर या नवम्बर में होगा। सम्मेलन की तिथि एवं स्थान की सूचना शीघ्र दी जायेगी। 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन 2010 की सदस्यता के आधार पर होगा।
5. खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं की राष्ट्रीय स्तर पर एक बैठक आगामी दिसम्बर माह के अंत तक आयोजित की जायेगी जिसमें केन्द्रीय खेत मजदूर विभाग, राज्य के ख्ेात मजदूर विभाग अथवा खेत मजदूर उपसतिति के सदस्य भाग लेंगे और प्रत्येक राज्य में 2 से 5 तक की संख्या में अन्य प्रमुख साथी इस बैठक के लिए आमंत्रित किये जायेंगे। यह बैठक खेत मजदूर आंदोलन की वर्तमान चुनौतियों और कर्तव्य विषयक एक प्रस्तावित दस्तावेज पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से आयोजित होने वाली है। बैठक की तिथि एवं स्थान की सूचना शीघ्र ही तय की जायेगी।
6. कार्यकारिणी ने यूनियन के राज्य सचिवों से आग्रह किया हे कि वे राज्य परिषदों की बैठक कर इन फैसलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें। निर्धारित अवधि के अंदर रैली के लिए फंड एवं यूनियन की सदस्यता का लक्ष्य पूरा कर लिया जाये।