” लखीमपुर, सीतापुर और बहराईच जनपदों से गुजरने वाली शारदा एवं घाघरा नदियों द्वारा अपना पाट बार-बार बदलने से उस क्षेत्र में इन नदियों के बीच में तथा किनारों पर बसने वाले गांव अपना अस्तित्व लगातार खोते रहे हैं। यह बहुत ही गंभीर समस्या है। सीतापुर और बहराईच जनपद आपस में भौगोलिक रूप से सटे हुए हैं परन्तु सीतापुर से बहराईच का कोई रास्ता आज तक नदियों के पाट बदलते रहने के कारण नहीं बन सका है। वर्षा काल में ये नदियों विकराल होकर प्रलय सहोदरायें बन जाती हैं।
सत्तर के दशक से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इन दोनों नदियों पर लखीमपुर, सीतापुर और बहराईच जनपदों में बांध बनाने की मांग करती रही है और इसके लिए कई बार आन्दोलन भी किये गये हैं।
इसी मांग को लेकर सीतापुर जनपद की जनता द्वारा कल से शुरू किये गये जल सत्याग्रह का भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समर्थन करती है और आपसे मांग करती है कि इन दोनों नदियों पर बांध बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी नियुक्त की जाये जो तीन माह के भीतर इस परियोजना का ब्लू प्रिंट तैयार करे तथा राज्य सरकार उसे अमली जामा पहनाने के लिए आवश्यक बजट आबंटित करे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आपसे यह भी अनुरोध करती है कि पिछली बाढ़ में विस्थापित हुए परिवारों के पुनर्वास हेतु तुरन्त बजट आबंटित किया जाये।“
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा है कि सीतापुर कलेक्ट्रेट में आज खाद्य सुरक्षा को लेकर आयोजित एक धरने में भाकपा कार्यकर्ताओं ने भी जल सत्याग्रह को भी समर्थन दिया तथा मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया।
कार्यालय सचिव