उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही साम्प्रदायिक वारदातों को गंभीरता से लेते हुये पार्टी ने 1 दिसम्बर को ”साम्प्रदायिक सद्भाव एवं धर्मनिरपेक्षता की रक्षा दिवस“ जिलों-जिलों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। पार्टी कमेटियों को दिये निर्देश में कहा गया है कि साम्प्रदायिक और कट्टरपंथी ताकतें अपने राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए दंगे भड़का रहीं हैं। उनका स्पष्ट लक्ष्य आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्ण साम्प्रदायिक विभाजन पैदा कर वोट हथियाना है। राज्य सरकार भी निहित राजनैतिक स्वार्थों एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में दंगों से निपटने में उदासीनता बरत रही है। इससे साम्प्रदायिक सद्भाव एवं धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को जबरदस्त चुनौती खड़ी हो गयी है, जिसको बचाना सभी धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक ताकतों का फौरी कर्तव्य है। भाकपा की जिला कमेटियां 1 दिसम्बर को कन्वेंशन, सभायें, शान्ति-मार्च आयोजित करेंगी जिनमें वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष तथा लोकतांत्रिक व्यक्तियों एवं शक्तियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। 6 दिसम्बर को साम्प्रदायिक शक्तियां जो कुछ करने की सोच रही हैं, उसको देखते हुये भी चौकसी और सक्रियता जरूरी है।
भाकपा राज्य मंत्रिपरिषद ने अपने पिछले फैसले को दोहराते हुये 10 दिसम्बर मानवाधिकार दिवस को ”अनुसूचित जाति, जनजाति उपयोजनाओं को लागू करो दिवस“ के रूप में मनाने का आह्वान किया है तथा जिला केन्द्रों पर धरने/प्रदर्शन आयोजित कर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन दिये जाने का निर्देश दिया है।
केन्द्र सरकार द्वारा खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश लागू करने और खाद्य सुरक्षा बिल अभी तक लागू न करने के सवाल को गंभीरता से लेते हुये भाकपा मंत्रिपरिषद ने इन दोनों सवालों पर लगातार आन्दोलन एवं जन जागरूकता अभियान चलाने का निश्चय किया है। ‘एफडीआई रद्द करो, सबको खाद्य सुरक्षा दो’ अभियान के तहत पूरे दिसम्बर महीने सभायें, नुक्कड़ सभायें, कन्वेंशन, धरने, प्रदर्शन चलाने का निर्देश जिला कमेटियों को दिये हैं। कन्वेंशनों में राज्य नेतृत्व के साथी भी भेजे जा सकते हैं।
मुस्लिम अल्पसंख्यकों के समक्ष मौजूद समस्याओं, गरीबी, बेरोजगारी, शैक्षिक पिछड़ापन, जान व माल की असुरक्षा, भेदभाव एवं पुलिस उत्पीड़न के अलावा सच्चर कमेटी एवं रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट को लागू न करने से उनकी शोचनीय स्थिति को ध्यान में रखते हुये तथा अल्पसंख्यकों में प्रगतिशील सोच का विकास करने हेतु ‘इंसाफ’ तंजीम के माध्यम से प्रदेश में तीन क्षेत्रीय कन्वेंशन आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया है। यह कन्वेंशन पूर्व, पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी तक आयोजित किये जायेंगे। सदस्यता कराके फरवरी माह में इंसाफ का राज्य सम्मेलन कराने का निर्णय भी इंसाफ ने लिया है।
इसके अलावा ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी अभियान को भाकपा द्वारा पूर्ण समर्थन दिये जाने का निर्णय भी किया गया।
पार्टी शिक्षा हेतु पार्टी स्कूल लगाने तथा इसके लिये जिला कौंसिलों की बैठक बुलाकर रूपरेखा तैयार करने का निर्देश भी जिला कौंसिलों को दिया गया है।
राष्ट्रीय परिषद द्वारा सदस्यता शुल्क की दर बढ़ाने पर विचारोपरान्त निर्णय लिया गया कि अब राज्य केन्द्र पर प्रति सदस्य शुल्क मय लेवी 20 रूपये देय होगा।