सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य से आये पर्यवेक्षक प्रदीप तिवारी ने कहा कि आन्दोलन के अस्तित्व को बरकरार रखने और विचारधारा का झंडा थामे रहने का दौर अब खतम हो गया है। अरब एवं दक्षिण अफ्रीकी देशों के नागरिक विद्रोहों तथा दक्षिण अमरीकी महाद्वीप में वामपंथी सरकारों के गठन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में भी माहौल अब हमारे अनुकूल बन रहा है और जनता में वामपंथ की आकर्षण पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों से उत्तर प्रदेश भी अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि अब आगे बढ़ने का वक्त है और नौजवानों तथा छात्रों को संगठित किये बगैर और उन्हें मार्क्सवाद की शिक्षा दिये बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता। वक्त का तकाजा है कि हम नई कम्युनिस्ट पौध लगाना शुरू कर आगे बढ़ने की प्रक्रिया को अब आगे बढ़ायें।
सीतापुर के भाकपा के इतिहास का उल्लेख करते हुए प्रदीप तिवारी ने कहा कि जिले में भाकपा की सदस्यता बहुत ज्यादा कभी नहीं रही परन्तु एक लम्बे दौर तक जिले के हर अंचल में पार्टी के सदस्य थे और पार्टी के जन संगठनों का आधार लम्बे दौर तक बीस हजार के आस-पास रहा। पार्टी जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शनों में हजारों की संख्या में जन समुदाय को सड़कों पर उतारने तथा लखनऊ या दिल्ली ले जाने की सामर्थ्य रखती थी। उन्होंने कहा कि यहां की भाकपा की यह स्ट्राइकिंग पावर ही थी कि सन 1970 के किसान आन्दोलन में केन्द्रीय भूमिका यहां के साथियों को दी गयी थी और कामरेड एस.ए. डांगे ने लखनऊ में गिरफ्तार होने के बावजूद सीतापुर जेल अपना ट्रान्सफर करवा लिया था। राज्य पार्टी के लिए यह चिन्ता की बात है कि पार्टी संगठन अब एक इलाके में सिकुड़ कर रह गया है। ‘ऐसा क्यों हुआ?’ की मीमंासा में समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है और हमें अब अपने पुराने गौरव को हासिल करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जनपद में नौजवान सभा और स्टूडेन्ट्स फेडरेशन को तुरन्त गठित करने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए प्रतिनिधियों से अपील की कि वे आज इसी सम्मेलन में दो नौजवान साथियों को नौजवान सभा बनाने के कार्यभार के लिए नामांकित कर दें और कम से कम दो वर्ष तक उन्हें संगठन बनाने में हर तरह की सुविधा मुहैया करायें।
सम्मेलन में राजनीतिक एवं सांगठनिक रिपोर्ट जिला मंत्री शकील बेग ने पेश करते हुए कहा कि कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण उत्तर प्रदेश में राज्य सम्मेलन और जिला सम्मेलन जल्दी करवाने पड़ गये हैं जिसके कारण पार्टी कांग्रेस के दस्तावेजों के प्रारूप अभी उपलब्ध नहीं हैं। हम अगली बैठकों पर उन दस्तावेजों पर भी चर्चा करेंगे। रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता जव्वार हुसेन ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों की चर्चा करते हुए राज्य से आये पर्यवेक्षक प्रदीप तिवारी को विश्वास दिलाया कि राज्य की अपेक्षाओं पर सीतापुर के साथी खरे उतरेंगे। 18 अक्टूबर को होने वाले वामपंथी दलों के राज्य-स्तरीय अनशन में भी अधिक से अधिक साथियों को भेजने की व्यवस्था की जायेगी।
जिला सम्मेलन की अध्यक्षता वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता राम किशन मौर्या तथा हरबंस शुक्ला के अध्यक्षमंडल ने की। सम्मेलन ने शकील बेग को अगली अवधि के जिला मंत्री निर्वाचित किया तथा एक 11 सदस्यीय जिला कौंसिल का गठन किया गया। जिला कौंसिल में जिला मंत्री शकील बेग के अलावा जव्वार हुसेन, हरबंस कुमार शुक्ला, नाजिम अली, मोहम्मद कलीम, राम किशन मौर्य, जियाउल हसन खां, ईदरीस, दुर्जन, शिवपाल तथा श्री राम को शामिल किया गया। राज्य सम्मेलन के लिए जव्वार हुसेन को प्रतिनिधि चुना गया तथा दूसरे प्रतिनिधि के लिए निर्वाचित जिला कौंसिल को अधिकृत किया गया।
जिला सम्मेलन ने मोहम्मद जावेद खां तथा नाजिम अली को नौजवान सभा का कार्यभार देखने के लिए नामित किया। जिला सम्मेलन ने ”पार्टी जीवन“ के अधिक से अधिक ग्राहक बनाने का अभियान चलाने का भी फैसला किया।