रविवार, 12 जुलाई 2020
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कानपुर बालिका गृह के बाद अब मुजफ्फरनगर बाल दुराचार कांड
मुजफ्फर नगर का बाल गृह दुराचार कांड नैतिकता की दुहाई
देने वाले शासकों के मुंह पर करारा तमाचा
भाकपा ने भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिये सभी
बालक, बालिका आश्रय ग्रहों की जांच की मांग की
लखनऊ- मुजफ्फर नगर
के शुक्रताल स्थित एक आश्रम में अबोध और गरीब बच्चों के साथ दुराचार और अत्याचार के
खुलासे ने भाजपा के रामराज के ढकोसले की धज्जियां बिखेर कर रख दी हैं। बहुचर्चित कानपुर
बालिका गृह कांड के बाद एक माह के भीतर यह दूसरा मामला है जिससे नैतिकता की दुहाई देने
वाले सत्ताधारियों के मुंह पर कालिख पुत गयी है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव
मंडल ने इस बात पर गहरा रोष और आक्रोश जताते हुये इसे समाज के लिये बहुत ही घातक बताया
है। त्रिपुरा और मिजोरम के गरीब घरों के बच्चे पढ़ाने लिखाने के नाम पर इस कथित आश्रम
में लाये जाते थे। आश्रम के साधुवेशधारी दो मठाधीश उन्हें कोरोना की दवा बता कर शराब
पिलाते थे, गंदी फिल्में दिखाते थे और फिर अनैतिक दुष्कर्म
करते थे। प्रतिरोध करने पर उन्हें बुरी तरह पीटा जाता था। यह शर्मनाक खेल वर्षों से
चल रहा था।
इतना ही नहीं उन बच्चों से भारी काम कराये जाते थे।
उनके घरों से आया पैसा हड़प लिया जाता था। पर यह सब बच्चों के यौन शोषण के सामने छोटा
अपराध है। अफसोस की बात है कि यह सब ऐसी जगह चल रहा था जिसे लोग पवित्र स्थान मानते
हैं और श्रध्दा और आदर के साथ देखते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि बालकों को रखने के
लिये इस आश्रम का कहीं कोई रजिस्ट्रेशन तक नहीं था। यह सब नेहरूकाल में नहीं योगीकाल
में घटित होरहा था।
सामाजिक शख्सियतों और संस्थाओं के प्रयास से दुराचार
कांड का भंडाफोड़ हुआ है और दोनों बाबा जेल भी भेजे गये हैं। पर यह सब इसलिए चल रहा
है कि तमाम दुराचारी बेखौफ हैं। किसी को नहीं मालूम कि कानपुर बालिका गृह कांड की जांच
होरही है या नहीं। फिर जांच के परिणाम की तो बात ही छोड़ दीजिये।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि यह जरूरी होगया है
कि इस तरह के तमाम आश्रमों, बालिका ग्रहों और बाल ग्रहों की सघन
जांच कराई जाये और देश के भविष्य गरीबों के बालक और बालिकाओं का जीवन बरवाद होने से
बचाया जाये। पार्टी ने आशा व्यक्त की कि गैर कानूनी और आपराधिक ठोक- ठाक में संलिप्त
यूपी सरकार इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम उठायेगी।
भाकपा ने छात्र, युवा और मानवाधिकार
संगठनों से अपील की कि वे पीढ़ित बालक बालिकाओं को न्याय दिलाने को अपने नैतिक दायित्व
का निर्वाह करें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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