भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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सोमवार, 5 अगस्त 2013

खनन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्यवाही और दुर्गा शक्ति के निलम्बन वापसी की मांग को लेकर भाकपा करेगी 7 अगस्त को जिला केन्द्रों पर प्रदर्शन

लखनऊ 5 अगस्त। समूचे उत्तर प्रदेश में पर्यावरण को बरबाद कर रहे अवैध खनन को रोके जाने, खनन माफियाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही किये जाने, आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का निलम्बन वापस लेने और उन्हें दी गई फर्जी चार्जशीट को तत्काल रद्द करने, निलम्बन की अवैध कार्यवाही को मस्जिद विवाद से जोड़कर राजनीतिक कार्ड न खेले जाने तथा प्रदेश में हो रहे दंगों की जांच कराके दंगाइयों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांगों को लेकर अब भाकपा समूचे प्रदेश में सड़कों पर उतरने जा रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि उपर्युक्त मांगों को लेकर भाकपा 7 अगस्त को प्रदेश भर में जिला केन्द्रों पर धरने/प्रदर्शन आयोजित करेगी और महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपे जायेंगे। लखनऊ में भाकपा 3 अगस्त को ही प्रदर्शन आयोजित कर चुकी है।
भाकपा राज्य सचिव ने राज्य सरकार पर आरोप जड़ा है कि इस छोटे से मामले पर अड़ियल रूख अपना रही है और वोट की राजनीति कर रही है। यदि अखिलेकश सरकार सख्त होने का सन्देश ही देना चाहती है तो दंगों और दंगाइयों से कड़ाई से निपटे और चरमरा चुकी प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाये। आईएएस अधिकारी के खिलाफ सरकार के अतार्किक कदम ने भ्रष्टाचारी एवं माफियाओं के हौसले बढ़ाये हैं और वह जनता की दृष्टि में अपनी छवि धूमिल कर रही है।
भाकपा राज्य सचिव ने अपनी समस्त जिला इकाइयों का आह्वान किया कि वे 7 अगस्त को जिलों-जिलों में धरने/प्रदर्शन की कार्यवाही को अंजाम दें। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वह न्याय के पक्ष में और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करे।
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साहसी AISF नेत्री -अंशु कुमारी

Saturday

YES...........YES IT'S TRUE,,,,,,,.......!!!!!!!!!!!!!!!!!!1



हां, यह सच है। '"सच विचलित हो सकता है पर पराजित नहीं।'" यही वो वीसी हैं जो झूठा मुकदमा में मुझे फंसा कर छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश की.... इन्होंने अटेम्प्ट टू मर्डर के साथ कई और धारा लगाकर एफआईआर करवाई... इतना ही नहीं... एक महीने के लिए कॉलेज कैंपस के साथ-साथ गर्ल्स हॉस्टल से भी निकालवा दिया... वो भी बिना किसी नोटिस के... रात में ही जरूरी सामानों को सीज कर दिया... इतना भी प्रारंभिक जांच नहीं की गई कि जिस घटना का मुझे आरोपी बनाया गया उस वक्त मैं छात्रसंघ की मीटिंग में थी... इसकी जानकारी डीन और एडमिन्स्ट्रेशन को अच्छी तरह से और लिखित रूप से थी... मीटिंग कक्ष से वीसी ऑफिस की दूरी को भी ध्यान में नहीं रखा गया.... एक महीने तक लगातार मर्डर की धमकी दी गई.... ऐसे वक्त में मुझपर कुछ लोगों का विश्वास था... वह थे यूनिवर्सिटी के छात्र... लेकिन पुरुषवादी मानसिकता के कुछ लोग अपने आदत से बाज नहीं आए... उन्हें जो कहना था कहा... नसीहत आने लगी कि लड़की को घर से बाहर क्रांति करने नहीं निकलना चाहिए... ऐसे ही कुछ अपने रिलेटिव भी शुरू हो गए... अब बताओ तुमसे कौन शादी करेगा???... पर मैं डरी नहीं। मुझे पता था मैं छात्रों के लिए लड़ रही हूं... उनकी परेशानियों को खत्म करवाने के लिए किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटूंगी... ऐसे वक्त में मुझे एक गाने के बोल अक्सर याद आ रहे थे... सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है... देखना hai जोर कितना बाजुए कातिल में है............
 
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