फ़ॉलोअर
सोमवार, 28 नवंबर 2016
at 6:55 pm | 0 comments |
Akrosh Divas of LEFT in U.P.
लखनऊ- 28, नवंबर: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने दाबा किया है कि नोटबंदी के खिलाफ आज वाम दलों द्वारा आयोजित आक्रोश दिवस उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व रहा.
लगभग हर एक जिले में भाकपा और वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सडकों पर उतर कर प्रदर्शन किये और अनेक जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाये. वे 500 और 1,000 के नोट 31 दिसंबर तक जारी रखने की मांग कर रहे थे ताकि आम जनता की परेशानियों को दूर किया जासके. साथ ही बैंकों पर लाइन में लगे जिन लोगों की मौतें हुयी हैं अथवा जो धन की कमी से बिना इलाज के मर गये हैं उनको रु. 10 लाख का मुआबजा देने की मांग कर रहे थे. काले धन पर सीधी कार्यवाही और धनपतियों पर बैंकों के बकायों को बसूले जाने की मांग कर रहे थे.
भाकपा यह लगातार आवाज उठाती रही है कि मोदी सरकार ने यह नोटबंदी राजनैतिक लाभ उठाने की गरज से की है. जनता काले धन के खिलाफ है और वह काले धन को जब्त करने की आकांक्षा रखती है. सरकार के पास कई कानून और कई विभाग हैं जिनके जरिये वह काले धन पर चोट कर सकती थी. लेकिन काले धन के बलबूते चुनाव लड़ कर सत्ता में आयी मोदी सरकार ने काले धन के सरगनाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की और निरीह जनता को एक एक पैसे के लिये मुहंताज कर दिया.
मोदी सरकार की इस अविवेकी कार्यवाही से किसान, मजदूर और व्यापारी बुरी तरह से तबाह हुये हैं. उद्योगों में उत्पादन ठप है और देश एक आर्थिक मंदी की ओर बढ रहा है. नोटबंदी से ना तो आतंकवाद पर रोक लगी न नक्सल गतिविधियों पर. आतंकवादियों पर न केवल नये नोट पहुंच रहे हैं अपितु वे जेलों को तोड कर भाग रहे हैं. निरीह जनता बैंकों के बाहर लाइनों में लगी है.
श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा लगाये गये आपात्काल में जबरिया नसबंदी बड़े पैमाने पर हुयी थी. उसी के चलते उनकी चुनावों में करारी हार हुयी थी. आज दो दो हजार रु. के लिये लोग नसबंदी करा रहे हैं. ये नोट्बंदी और नसबंदी मोदी सरकार को ले डूबेंगे.
डा. गिरीश ने कहा कि वामपंथी दलों और विपक्ष ने आक्रोश दिवस आयोजित करने का नारा दिया था, भारत बंद का नहीं. कई राज्यों में बंदी का नारा भी दिया गया. वहाँ वह पूरी तरह सफल भी रहा है. पर मोदी सरकार इसे भारतबंद प्रचारित करती रही. फिर भी जगह जगह व्यापारियों ने अपनी पहल पर बंदी रखी. ये मोदी सरकार के मुहं पर तमाचा है जो आज भी दाबा कर रही है कि नोट बंदी से पूरा देश खुश है और केवल काले धन वाले इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होने दावा किया कि भाकपा पूरी तरह काले धन से दूर है. फिर भी वह जनहित में नोटबंदी का प्रबल विरोध कर रही है. पर भाजपा बताये कि उसकी 75 रथयात्रायें और करोड़ों खर्च करने वाली रैलियां कैसे निकल रही हैं.
डा. गिरीश ने सपा बसपा पर भी सवाल उठाया कि वे आक्रोश दिवस पर सड़कों पर उतरने से क्यों कतराते रहे. वैसे इन दलों का हमेशा संसद में एक रुख रहता है तो सड़कों पर दूसरा रुख.
भाकपा के इस विरोध प्रदर्शन में राज्य नेत्रत्व के साथियों ने अलग अलग स्थानों पर नेत्रत्व प्रदान किया. राज्य सचिव डा. गिरीश ने हाथरस में आंदोलन का नेत्रत्व किया तो सहसचिव द्वय अरविन्दराज स्वरुप और इम्तियाज अहमद ने क्रमश: कानपुर और मऊ में नेत्रत्व किया. मंत्रि परिषद सदस्य आशा मिश्रा ने लखनऊ, अतुल सिन्ह ने फैज़ाबाद तो अजय सिन्ह ने बुलंदशहर में आंदोलन की अगुवाई की. राज्य कार्यकारिणी व राज्य काउंसिल के अन्य साथियों ने अपने अपने जनपदों में भागीदारी की.
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
»» read more
at 6:54 pm | 0 comments |
Akrosh Divas in U.P.
लखनऊ- 28, नवंबर: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने दाबा किया है कि नोटबंदी के खिलाफ आज वाम दलों द्वारा आयोजित आक्रोश दिवस उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व रहा.
लगभग हर एक जिले में भाकपा और वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सडकों पर उतर कर प्रदर्शन किये और अनेक जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाये. वे 500 और 1,000 के नोट 31 दिसंबर तक जारी रखने की मांग कर रहे थे ताकि आम जनता की परेशानियों को दूर किया जासके. साथ ही बैंकों पर लाइन में लगे जिन लोगों की मौतें हुयी हैं अथवा जो धन की कमी से बिना इलाज के मर गये हैं उनको रु. 10 लाख का मुआबजा देने की मांग कर रहे थे. काले धन पर सीधी कार्यवाही और धनपतियों पर बैंकों के बकायों को बसूले जाने की मांग कर रहे थे.
भाकपा यह लगातार आवाज उठाती रही है कि मोदी सरकार ने यह नोटबंदी राजनैतिक लाभ उठाने की गरज से की है. जनता काले धन के खिलाफ है और वह काले धन को जब्त करने की आकांक्षा रखती है. सरकार के पास कई कानून और कई विभाग हैं जिनके जरिये वह काले धन पर चोट कर सकती थी. लेकिन काले धन के बलबूते चुनाव लड़ कर सत्ता में आयी मोदी सरकार ने काले धन के सरगनाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की और निरीह जनता को एक एक पैसे के लिये मुहंताज कर दिया.
मोदी सरकार की इस अविवेकी कार्यवाही से किसान, मजदूर और व्यापारी बुरी तरह से तबाह हुये हैं. उद्योगों में उत्पादन ठप है और देश एक आर्थिक मंदी की ओर बढ रहा है. नोटबंदी से ना तो आतंकवाद पर रोक लगी न नक्सल गतिविधियों पर. आतंकवादियों पर न केवल नये नोट पहुंच रहे हैं अपितु वे जेलों को तोड कर भाग रहे हैं. निरीह जनता बैंकों के बाहर लाइनों में लगी है.
श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा लगाये गये आपात्काल में जबरिया नसबंदी बड़े पैमाने पर हुयी थी. उसी के चलते उनकी चुनावों में करारी हार हुयी थी. आज दो दो हजार रु. के लिये लोग नसबंदी करा रहे हैं. ये नोट्बंदी और नसबंदी मोदी सरकार को ले डूबेंगे.
डा. गिरीश ने कहा कि वामपंथी दलों और विपक्ष ने आक्रोश दिवस आयोजित करने का नारा दिया था, भारत बंद का नहीं. कई राज्यों में बंदी का नारा भी दिया गया. वहाँ वह पूरी तरह सफल भी रहा है. पर मोदी सरकार इसे भारतबंद प्रचारित करती रही. फिर भी जगह जगह व्यापारियों ने अपनी पहल पर बंदी रखी. ये मोदी सरकार के मुहं पर तमाचा है जो आज भी दाबा कर रही है कि नोट बंदी से पूरा देश खुश है और केवल काले धन वाले इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होने दावा किया कि भाकपा पूरी तरह काले धन से दूर है. फिर भी वह जनहित में नोटबंदी का प्रबल विरोध कर रही है. पर भाजपा बताये कि उसकी 75 रथयात्रायें और करोड़ों खर्च करने वाली रैलियां कैसे निकल रही हैं.
डा. गिरीश ने सपा बसपा पर भी सवाल उठाया कि वे आक्रोश दिवस पर सड़कों पर उतरने से क्यों कतराते रहे. वैसे इन दलों का हमेशा संसद में एक रुख रहता है तो सड़कों पर दूसरा रुख.
भाकपा के इस विरोध प्रदर्शन में राज्य नेत्रत्व के साथियों ने अलग अलग स्थानों पर नेत्रत्व प्रदान किया. राज्य सचिव डा. गिरीश ने हाथरस में आंदोलन का नेत्रत्व किया तो सहसचिव द्वय अरविन्दराज स्वरुप और इम्तियाज अहमद ने क्रमश: कानपुर और मऊ में नेत्रत्व किया. मंत्रि परिषद सदस्य आशा मिश्रा ने लखनऊ, अतुल सिन्ह ने फैज़ाबाद तो अजय सिन्ह ने बुलंदशहर में आंदोलन की अगुवाई की. राज्य कार्यकारिणी व राज्य काउंसिल के अन्य साथियों ने अपने अपने जनपदों में भागीदारी की.
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
»» read more
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
भाकपा के प्रतिनिधिमंडल ने अलीगढ़ के गांव किवलाश पहुंच दलित बिटिया की हत्या के संबंध में गांववासियों से भेंट की , घटनास्थल का निरीक्षण ...
-
Anshu Kumari Saturday YES...........YES IT'S TRUE,,,,,,,.......!!!!!!!! !!!!!!!!!!1 हां, यह सच है। '"सच ...
-
प्रकाशनार्थ- जुर्माना बसूल अध्यादेश को तत्काल वापस ले यूपी सरकार: भाकपा लखनऊ- 14 मार्च , 2020 , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल 22 , क़ैसर बाग , लखनऊ- 226001 दिनांक- 28 मार्च 2020 मुख्यमंत्री उत्...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल 22 , कैसर बाग , लखनऊ- 226001 दिनांक- 31 मार्च 2020 उत्तर प्रदेश के म...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल 22 , कैसर बाग , लखनऊ- 226001 दिनांक- 30 मार्च 2020 उत्तर प्रदेश के मुख...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल 22 , कैसर बाग , लखनऊ- 226001 दिनांक- 1 जुलाई , 2022 प्रकाशनार्थ- पुलिस क...
-
The national green tribunal (NGT) on Sunday banned mining or removal of sand from river beds across the country without an environ...
-
दिल्ली के दंगा पीड़ितों की मदद हेतु धन एकत्रित करें शीघ्र से शीघ्र भेजे जाने की भाकपा की अपील दिनांक- 11 मार्च 2020 , प्रिय साथी...
-
प्रकाशनार्थ- उच्च न्यायालय ने दिया वसूली पोस्टर हठाने का फैसला भाकपा ने सरकार से जनता से माफी मांगने की मांग की लखनऊ- 9 मार्च 2...