लखनऊ- 6 जुलाई 2021, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने फादर स्टान स्वामी की मौत पर गहरा आक्रोश और दुख जताया
है। भाकपा मांग करती है कि उनकी मौत के लिये जिम्मेदार सभी को गिरफ्तार किया जाये, और बुजुर्ग समाजसेवी के साथ घोर अमानवीय वरताव करने के दोषियों को कड़ी से
कड़ी सजा दी जाये।
आदिवासियों के उत्पीड़न और उनके अधिकारों के लिये लड़ने
वाले झारखंड के 84 वर्षीय संत को पिछले अक्तूबर में भीमा कोरेगांव केस में गिरफ़्तार
कर जेल में डाल दिया गया था। जबकि वे भीमा कोरेगांव गए तक नहीं थे। उनके ऊपर यूआपा
UAPA
जैसा कठोर कानून लादा गया। यहां तक कि उनकी गंभीर बीमारियों का इलाज
तक नहीं किया गया। हाल ही में बंबई हाई कोर्ट के दखल के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल
में दाखिल कराया गया, जब उनकी सेहत लगभग जबाव देगयी।
उनकी मौत संस्थागत हत्या है जिसने न्यायपालिका, हिरासत के दौरान इलाज, चिकित्सा न कराना एवं हिरासत
में उत्पीड़न आदि कई मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। भाकपा उनके ऊपर झूठे मुकदमे
लगाने वालों, उनको लगातार कैद में रखने वालों और उनको यातना देने
वाले सभी की गिरफ्तारी की मांग करती है। वे सब उनकी मौत के लिये जिम्मेदार हैं और उन्हें
समुचित दंड मिलना ही चाहिए।
भाकपा भीमा कोरेगांव केस में गिरफ्तार सभी की अविलंब
की मांग करती है।
भाकपा सभी का आह्वान करती है कि इस लोमहर्षक यातना पर
गुस्से का इजहार करने, UAPA एवं देशद्रोह
कानून जैसे कठोर क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर और भारतीय संविधान में निहित
मूलभूत अधिकारों के सरकारों द्वारा किए जारहे हनन के खिलाफ प्रतिरोध प्रदर्शन करें।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने अपनी सभी इकाइयों का आग्रह
किया है कि वे गरीबों, किसानों, दलितों, युवाओं और बुद्धिजीवियों को व्यापक पैमाने पर संगठित कर 7 से 11 जुलाई के
बीच फादर स्टान स्वामी की श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित करें और 12 जुलाई को सभी वामपंथी
जनवादी एवं मानवाधिकारों के लिये संघर्षरत संगठनो को लेकर तहसील अथवा जिला जहां संभव
हो आक्रोश जताते हुये ज्ञापन दें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश