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रविवार, 13 अक्टूबर 2019

Jazia Tex by UP Govt. on Electricity consumer


प्रकाशनार्थ एवं प्रसारणार्थ-

सीक्यौरिटी के नाम पर विद्युत उपभोक्ताओं पर भारी आर्थिक बोझ लादने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम की भाकपा ने कड़े शब्दों में भर्त्सना की।

आर्थिक मंदी और इस सवाल पर 16 अक्तूबर को विरोध प्रदर्शन का किया आह्वान।

 लखनऊ- 13 अक्तूबर 2019, हाल ही में बिजली की कीमतों में 12 प्रतिशत से अधिक व्रध्दि का भार उपभोक्ताओं पर थोपने से भी जब उत्तर प्रदेश की भगवा सरकार का पेट नहीं भरा तो उसने दीपावली के अवसर पर विद्युत उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने का एक और तरीका ढूंढ लिया है। इसके तहत उपभोक्ताओं पर जो आर्थिक भार लादा जारहा है उससे उपभोक्ता कराह उठेंगे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने एक बयान में खुलासा किया कि विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को नोटिस भेज कर वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये अतिरिक्त “सीक्यौरिटी राशि” की मांग की जारही। जनता की निगाहों से ओझल किन्ही मनमाने नियमों के तहत यह राशि उपभोक्ताओं द्वारा गत वर्ष उपभोग की गयी बिजली की औसत 45 दिन की कीमत के बरावर मांगी जारही है।
यदि किसी उपभोता का गत वर्ष 45 दिनों का औसत बिल 10,000 रुपये था तो उसे इस अग्रिम सीक्यौरिटी की मद में 10,000 रुपये जमा करने होंगे। इसी तरह यदि यह राशि 5, 4, 2 अथवा 1 हजार रही होगी तो इतनी ही राशि अब जमा करनी होगी। यदि किसी उपभोक्ता का गत वर्ष 45 दिन का औसत बिल 15, 20 अथवा 25 हजार रहा होगा तो उसे इतनी राशि इस मद में जमा करनी होगी।  यह धनराशि नोटिस जारी होने के 30 दिनों के भीतर जमा कर विद्युत विभाग को लिखित रूप में अवगत कराना होगा। ऐसा न करने पर बिजली कनेक्सन काट दिया जायेगा।
अभूतपूर्व आर्थिक मंदी की मार से व्यथित लोगों पर जब विद्युत विभाग के ये नोटिस पहुँचने शुरू हुये तो उनके होश उड़ गए। उन्हें अपनी दीवाली अंधेरी नजर आने लगी। मध्यमवर्ग और गरीब वर्ग इस पेनल्टी की कल्पना मात्र से सिहर उठा है। उसे अपने पुश्तेनी कनेक्सन पर अलग से यह भारी राशि जमा करने का कोई औचित्य नजर नहीं आरहा। वह इसे सरकार द्वारा जनता की खुली लूट मान रहा है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य काउंसिल इस भारी भार को विद्युत उपभोक्ताओं पर थोपने के राज्य सरकार के कदम की कड़े शब्दों में निन्दा करती है। अभी अभी लागू हुयी महंगी दरों से ही उपभोक्ता हलकान हैं और अब इस अतिरिक्त भार की मार को वे सहन नहीं कर पाएंगे। जैसे जैसे ये नोटिस उपभोक्ताओं पर पहुँच रहे हैं उनकी बेचैनी बढ़ती जारही है। कभी भी यह बेचैनी आक्रोश का रूप ले सकती है।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि आए दिन कटौती और नित रोज होरहे फाल्ट्स से उपभोक्ता पहले ही परेशान हैं। उनके ऊपर हाल ही में कीमतें बढ़ा कर भारी बोझ लाद दिया और अब सीक्यौरिटी के नाम पर यह चोट की जारही है। लाखों दीप जला कर दीवाली मनाने वाले मुख्यमंत्री को जनता की दीवाली में अंधेरा घोलने वाली इस कार्यवाही को तत्काल रद्द करना चाहिये। भाकपा सरकार की इस कारगुजारी का पुरजोर विरोध करती है और इसे फौरन रद्द करने की मांग करती है।  
भाकपा ने अपनी समस्त जिला इकाइयों से आग्रह किया है कि वे 16 अकूबर को सभी वामपंथी दलों के साथ मिल कर सरकार द्वारा थोपी जारही इस अनैतिक वसूली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करें। प्रदर्शन के दौरान नौजवानों, किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों, व्यापारियों  और आर्थिक मंदी से पीढ़ित अन्य तबकों की समस्याओं को भी उठाया जाये।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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