उत्तर प्रदेश
बना बलात्कार प्रदेश- बेटियों की सुरक्षा के लिये चिन्तित माँ- बाप
हाथरस के
बाद अब बलरामपुर सहित कई जगह हुयी दरिंदगी की वारदातें
हाथरस की
सीमाएं सील, राजनेताओं को घुसने से रोका: लोकतन्त्र तार तार
वामदलों ने
पुनः मांग की- इस्तीफा दें योगी आदित्यनाथ
कल गांधी
प्रतिमाओं पर आक्रोश जतायेंगे वामपंथी दल
लखनऊ- 1 अक्तूबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अपने प्रेस बयान में कहा
है कि बालिकाओं और महिलाओं से दरिंदगी और उनकी जघन्य हत्याओं को रोक पाने में पूरी
तरह विफल योगी सरकार दरिंदगी के खिलाफ उठ रही हर आवाज को कुचलने पर उतर आयी है।
हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गयी है, 4 से अधिक लोगों को पुलिस इकट्ठा नहीं होने दे रही है, जनपद की सीमायें सील कर दी गईं हैं, हर राजनेतिक व्यक्ति
को जनपद में प्रवेश करने से बलपूर्वक रोका जा रहा है, पीड़िता
के गाँव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदनायें
व्यक्त करने जाने वालों को बलपूर्वक खदेड़ा जा रहा है। विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं
को गिरफ्तार किया जा रहा है और सैकड़ों के खिलाफ मुकदमे लिखे जा रहे हैं। बलात्कारों
पर खुल कर राजनीति करने वाली राज्य सरकार अब विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रही
है। वह पूरी तरह लोकतन्त्र को कुचलने पर आमादा है।
हाथरस की बेटी की चिता की आग अभी ठंडी नहीं हुयी थी
कि जनपद बलरामपुर में हाथरस से भी भयानक वारदात हुयी है। जनपद के थाना गैसड़ी के ग्राम
मझौली की दलित छात्रा का स्कूल से लौटते समय अपहरण कर लिया, उसके साथ गैंगरेप किया गया, उसके दोनों पैर तोड़ दिये
गये, कमर तोड़ दी गयी, इससे पहले मुंह बंद
करने के लिये घातक इंजेक्शन ठूंस दिया। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत होगयी।
इसके अलावा शाहजहांपुर, बुलंदशहर, आजमगढ़ में भी इसी तरह की जघन्य घटनायें सामने
आयी हैं। यूपी में प्रति दिन इसी तरह की लगभग दर्जन भर वारदातें घट रही हैं। हर बेटी
के माता पिता अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिये चिन्तित हैं। अन्याय के लिये उठ रही
हर आवाज को योगी सरकार पुलिस- प्रशासन के बल पर कुचल रही है।
भाकपा का आरोप है कि यूपी में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों, किसानो
और मजदूरों का अलग अलग तरीकों से उत्पीड़न किया जा रहा है। नित रोज उठ रहे मुद्दों को
उठाने वाले विपक्ष एवं वामपंथी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। यह सब उस
सरकार को बचाने के लिये किया जा रहा है जो प्रशासन पर से नियंत्रण खो बैठी है, बेटियों और आम आदमी की रक्षा करने में असमर्थ है और नैतिक रूप से पराजित हो
चुकी है।
भाकपा वामपंथ की इस मांग को पुनः दोहराती है कि शासन
का नैतिक अधिकार खो चुके मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं और उन्हें
पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
बेटियों को न्याय दिलाने, हर तरह का उत्पीड़न रोके जाने, नफरत की राजनीति और लोकतन्त्र
की हत्या से बाज आने आदि सवालों पर उत्तर प्रदेश में वामपंथी दल कल गांधी जयंती पर
गांधीजी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने के बाद विरोध प्रदर्शन करेंगे।