भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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शनिवार, 6 मई 2017

भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों की साजिश का नतीजा हैं सहारनपुर की वारदातें

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य इकाई ने कल सहारनपुर जनपद के ग्राम- शब्बीरपुर में हुयी घटना पर गहरा रोष और अफसोस जताया है जिसमें एक युवक की जान चली गयी, दर्जनों लोग घायल हुये हैं तथा तमाम सरकारी और निजी संपत्तियों का विनाश हुआ है. यहाँ जारी एक बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि गत दो सप्ताहों में सहारनपुर हुयी यह दूसरी बड़ी घटना है जिससे जनता की एकता तार तार हुयी है. दोनों घटनायें पूर्व नियोजित जान पड़ती हैं और इनमें कई समानताएं हैं. दोनों घटनाओं में कमजोर तबकों को निशाना बनाया गया है तथा दोनों के मूल में भाजपा के बड़े नेता और कार्यकर्ता हैं. भाकपा के सूत्रों के अनुसार शब्बीरपुर गाँव के दलित समाज के लोग काफी समय से वहां के रैदास मंदिर पर डा. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने का प्रयास कर रहे थे और स्थानीय भाजपा और क्षत्रिय समाज उसका विरोध कर रहे थे. अतएव वहां पहले से ही तनाव व्याप्त था. ऐसे तनावग्रस्त गाँव में दलितों की आबादी के बीच से महाराणा प्रताप की शोभा यात्रा निकालना और आयोजन में भाजपा के चार चार मंत्रियों व विधायकों को आमंत्रित करने को दलितों को सबक सिखाने के उद्देश्य से की गयी कार्यवाही माना जारहा है. सभी को मालूम है कि गत 20 अप्रेल को इसी जनपद के गाँव- सड़क दूधली में भाजपा के सांसद और विधायक ने अल्पसंख्यकों की आबादी में जबरिया तरीके से डा. अंबेडकर शोभा यात्रा निकाली जो अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने और दलितों व अल्पसंख्यकों के बीच फूट डालने के उद्देश्य से आयोजित की गयी थी. अराजकता का ऐसा नंगा नाच खुद शासक दल के नेता कर रहे हैं. दोनों वारदातों में अल्पसंख्यकों और दलितों तथा उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया और पुलिस के अफसरों और उनके वाहन आदि को क्षति पहुंचाई गयी है. यह मामला बेहद संवेदनशील इसलिए भी है कि इस समूचे क्षेत्र में सामंती ताकतें काफी मजबूत हैं. उन्हीं के बीच से भाजपा के सांसद और विधायक चुने गए हैं और उनमें से कई मंत्री हैं. एक युवक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को बहाना बना कर वे जातीय उन्माद भड़का सकते हैं और दलितों व अल्पसंख्यकों पर हमले बोल सकते हैं. गत लोकसभा चुनाव से पहले से ही भाजपा और संघ परिवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोटों के लिए विभाजन और हिंसा का सहारा लेता रहा है और लगता है वे इस आग को सुलगाये रखना चाहते हैं. सहारनपुर ही नहीं उत्तर प्रदेश में हर बड़ी आपराधिक वारदात भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों के सौजन्य से होरही है और योगी सरकार को बदनामी झेलनी पड़ रही है. भाकपा ने कहा कि राज्य सरकार ये सुनिश्चित करे कि राज्य सत्ता में भागीदारों के दबाव में कमजोर वर्गों के लोग न पिसने पावें और वास्तविक दोषियों को क़ानून के हवाले किया जाय. डा. गिरीश
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