भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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सोमवार, 21 जुलाई 2014

मोहनलालगंज प्रकरण पर पुलिस की जाँच संदेह के घेरे में: भाकपा ने सी. बी. आई. जाँच की मांग की.

लखनऊ- २१ जुलाई, २०१४- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि मोहनलालगंज में महिला के साथ हुई दरिंदगी प्रकरण पर पुलिस का रवैय्या एकदम अविश्वसनीय है और यह इस संगीन मामले को हल्का कर रफा-दफा करने की साजिश है. इस स्थिति में भाकपा ने घटना की जाँच सी. बी. आई. से कराने की मांग की है. यहाँ जारी एक बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि तमाम हालात और मीडिया की छानवीन से यह स्पष्ट होजाता है कि घटना में कई लोग शामिल थे और भोथरे तथा भारी औजार से घटना को अंजाम दिया गया. लेकिन पुलिस ने खुलासे को जिस नाटकीयता से पेश किया है उससे साफ झलकता है पुलिस किसी ताकतवर शख्स को बचाने की कबायद में जुटी है और पूरी कहानी को एक व्यक्ति के ऊपर टिका दिया है. भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सत्ता के शीर्ष कर्णधार आये दिन बलात्कारियों की प्रतिरक्षा में और उनके मनोबल को बढाने वाले बयान देते रहते हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ लगातार होरही दुराचार की घटनाओं के पीछे एक कारण यह भी है. ऐसी सत्ता के मातहत काम कर रहे पुलिसजनों से न्याय की उम्मीद भी कम ही रह जाती है. मोहनलालगंज प्रकरण में भी पुलिस की कार्यवाही पूरी तरह संदेहास्पद है. ऐसी स्थिति में पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने को जरूरी है कि इस घटना की जाँच सी. बी. आई. से कराई जाये. अतएव भाकपा राज्य सरकार से मांग करती है कि वह बिना विलम्ब किये मोहनलालगंज प्रकरण की सी. बी. आई. से जांच कराने की संस्तुति करे. लोकमत भी इसी के पक्ष में है. यदि सरकार लोकभावनाओं को ठुकराने की हिमाकत करेगी तो लोकमत भी उसे करारा जबाब देगा, भाकपा राज्य सचिव ने कहा है. डा. गिरीश
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