वैचारिक संघर्ष और मुद्दों पर आंदोलन खड़ा करके ही भाजपा को परास्त
किया जा सकता है; विचारधारा-विहीन
लफ्फाजी और जातियों के गठजोड़ से नहीं
लखनऊ- 26 जून 2022, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव
नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के सचिव मंडल ने कहा कि भाजपा को निरन्तर वैचारिक संघर्ष और
उठ रहे जन मुद्दों पर व्यापक आंदोलन खड़े करके ही परास्त किया जा सकता है। विचारधार-विहीन
लफ़्फ़ाज़ी, जातियों- उपजातियों के गठजोड़ और संकीर्ण दलीय स्वार्थों
को लेकर चलने वाले दल और व्यक्ति, महाशक्ति बन चुकी भाजपा को
परास्त नहीं कर सकते।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि सत्ता, प्रशासन
के भय, धनबल, विभाजनकारी नीतियों और बिके
हुये मीडिया की एकतरफा भूमिका के बावजूद इन चुनावों में भाजपा की हार के लिए पर्याप्त
कारण मौजूद थे। आकाश छूती महंगाई, बेरोजगारी, नित रोज सामने आरहे घोटाले, अर्थव्यवस्था की दयनीय दशा, सार्वजनिक क्षेत्र का बेचा जाना, अग्निपथ जैसी योजनाएँ
लाकर नौजवानों से छलावा और उनका दमन, विकास और गरीबी के मानकों
में उत्तर प्रदेश का पिछड़ते जाना, बलात्कार हत्या लूट जैसे अपराधों
की बाढ़, अल्पसंख्यकों दलितों कमजोरों का उत्पीड़न, ऊपर से दमनकारी बुलडोजरवाद और पुलिसराज जैसे तमाम मुद्दे थे जिन पर भाजपा
और उसकी सरकार को घेरा जा सकता था। लेकिन विपक्ष की क्षेत्रीय पार्टियां इन मुद्दों
को उभारने में असफल रहीं और जातीय जोड़ तोड़ और विचारधारा-विहीन लफ्फाजी पर ही आश्रित
रहीं।
भाकपा ने कहा कि विधान सभा एवं विधान परिषद के चुनावों में भाजपा
के हाथों करारी हार के बावजूद विपक्षी नेत्रत्व ने उपचुनावों में समस्त भाजपा विरोधी
ताकतों को एकजुट नहीं किया, वामपंथी दलों से संपर्क तो दूर उनके बारे में
नकारात्मक टिप्पणियाँ की गयीं, आजमगढ़ जैसी जगह जहां भाकपा का
परंपरागत आधार है, उसकी उपेक्षा की गयी और भाजपा की ताकत के मुक़ाबले
एक सक्षम और समानान्तर ताकत खड़ी करने की कोशिश दूर दूर तक नहीं की गयी। अतएव नतीजा
सामने है। इन नतीजों ने भाजपा के दुस्साहस को और बढ़ा दिया है और अब वह और अधिक निर्ममता
एवं निर्भयता से दमन और आतंक चलायेगी।
अतएव भाकपा दोहराती है कि भाजपा और संघ की कट्टर हिंदुत्ववादी
और कारपोरेटपरस्त नीतियों और उनके लागू किये जाने से पैदा हो रहे मुद्दों पर वैचारिक
अभियान और आंदोलन खड़ा करने की आवश्यकता है। वामपंथी दल इसके लिये प्रतिबध्द हैं और
शीघ्र ही एक ठोस कार्ययोजना आम जनता के समक्ष रखी जायेगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश