भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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सोमवार, 28 दिसंबर 2015

जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुखों के चुनावों चल रही धींगामुश्ती को रोका जाये : भाकपा

लखनऊ- 28 दिसंबर- 2015 : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य मंत्रि परिषद ने प्रदेश में जिला पंचायत और ब्लाक पंचायत के अध्यक्ष/ प्रमुखों के होने जारहे चुनावों में चल रही धींगामुश्ती, छीन-झपट और बल प्रयोग पर कडी आपत्ति जताते हुये इसे लोकतंत्र के लिये बहुत ही घातक बताया है. भाकपा ने इन कारगुजारियों पर अंकुश लगाने तथा ‘फ्री एंड फेयर’ चुनाव कराये जाने की मांग की है. उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे गये पत्र में भाकपा के राज्य साचिव डा. गिरीश ने कहा है कि हाल ही में प्रदेश की जनता द्वारा जिला पंचायत एवं ब्लाक समितियों के सदस्यों का निर्वाचन इस मकसद से किया है कि वे अपने निकायों का ऐसा मुखिया चुनेंगे जो सच्चाई और ईमानदारी के साथ विकास कार्यों को अंजाम देगा. लेकिन इनके निर्वाचित होते ही इनकी खरीद फरोक्त के लिये बोली लगना शुरु होगयी और धन बल बाहुबल और सत्ता बल के जरिये इनको अपने कब्जे में करने की होड लग गयी. वैसे तो प्रदेश की तीनों प्रमुख पार्टियां- सपा, भाजपा और बसपा इस अनैतिक और लोकतंत्र विरोधी कारगुजारी में लिप्त हैं, लेकिन सत्ता में होने के नाते सपा इस काम में औरों से आगे है. सपा प्रवक्ता ने तो बयान दिया है कि अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तय करने में उनकी ‘ताकत और दबंगई’ का ध्यान रखा गया है. अपने पत्र में भाकपा राज्य सचिव ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि इन दोनों निकायों में विकास के लिये भारी धनराशि आबंटित होकर आती है. माफियातत्त्व इस धनराशि को हडप कर जाना चाहते हैं. अतएव वे सक्षम राजनैतिक दलों के प्रत्याशी बन कर चुनाव लड रहे हैं. राज नेता और राजनैतिक दल भी इस लूट खसोट के भागीदार बनना चाहते हैं. इससे जनता के धन के नेताओं की झोली में जाने का रास्ता तो खुला ही है लोकतंत्र और पंचायती राज सिस्टम भी गहरे संकट में है. इसको बचाने का प्रयास फौरन किया जाना चाहिये. डा. गिरीश ने दोनों संवैधानिक शख्सियतों से इस मामले में तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है. डा. गिरीश, राज्य सचिव
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