बुलडोजरवाद- पुलिसराज, जर्जरतम कानून व्यवस्था, महिलाओं अल्पसंख्यकों दलितों
पिछड़ों और अन्य गरीबों को कुचलने की कोशिशों, आसमान छूती महंगाई, बेरोजगारी तथा सांप्रदायिक विभाजन की कोशिशों के खिलाफ 18 मई को जिला केन्द्रों
पर धरने- प्रदर्शनों का आयोजन करेगी भाकपा
लखनऊ-10 मई 2022, कानपुर में बिना एफ़आईआर माँ और बेटी को पुलिस
ने उठाया तो प्रताड़ित महिला ने फांसी लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, कानपुर में ही छत से गिरी/ कूदी छात्रा इलाज के अभाव
में तड़प-तड़प कर मर गयी और आरोप है कि कालेज के लोग अस्पताल तक नहीं पहुंचाये, पीलीभीत में किशोरी से छेड़छाड़ के मामले में समझौता न करने पर आरोपियों ने
माँ-बाप पर तेजाब छिड़क कर घायल कर दिया, आगरा में छत पर सो रहे
परिवार पर तेजाब फेंका गया तो माँ बेटी सहित परिवार के चार लोग झुलस गये, हाथरस में खेत से घर लौट रहे किसान की गोली मार कर हत्या कर दी गयी, लखीमपुर में मंदिर गये युवक को दिनदहाड़े मारपीट के बाद गोली मार दी गयी वहीं
शाम को सिनेमा रोड पर युवक को चाकुओं से गोद कर गोली मार दी गयी, बुलंदशहर में क्लीनिक पर बैठे डाक्टर पर 30 राउंड गोलियां झौंक कर हत्या कर
दी गयी।
इसके अलाबा हत्या कर लाश नाले में फेंकी, फिरौती
के लिए अपहरण, महिला के गले से चेन खींची, पेट्रोल पंप पर दो लाख की लूट, सर्राफ के घर से दो करोड़
के आभूषण चोरी आदि अनेक खबरें रामराज्य बन चुके उत्तर प्रदेश में आज के अखबारों की
सुर्खियां बनी हुयी हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने आरोप लगाया
है कि संघ नियंत्रित- कार्पोरेट्स संचालित केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा
सरकारों ने अपने ही देश/ प्रदेश की जनता के खिलाफ युध्द जैसा छेड़ रखा है। पूरे देश
और उत्तर प्रदेश में बुलडोजरवाद के तहत पुलिसराज कायम है। दबंगों,
भाजपाइयों और पुलिस की तिकड़ी ने किसानो- कामगारों- मेहनतकशों खासकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आर्थिक
और सामाजिक रूप से पिछड़ों पर तीखे हमले बोल दिये हैं। पूरे पूरे परिवारों की
न्रशंस हत्याएं की जा रही हैं, अनगिनत कत्ल और आत्महत्याएं
लगातार हो रहे हैं, भयभीत और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से
पुलिस घरों में घुस कर हत्यायेँ कर रही है, पुलिसजनों द्वारा
बलात्कार आम बात होगयी है, सुरक्षा और न्याय की गुहार करने
वालों की सुनी नहीं जा रही, भाजपा और पुलिस प्रशासन आकंठ
भ्रष्टाचार और दलाली में डूबे हैं। शुरू में विभाजन और वोटों को हथियाने की गरज से
बुलडोजर का इस्तेमाल चंद मुस्लिम माफियाओं के खिलाफ किया गया पर अब उसकी धार जनता
की ओर मोड दी गयी है।
साथ ही डीजल पेट्रोल रसोई गैस ही नहीं, खाने
पीने की चीजें, फल- सब्जी, दवाएं/ इलाज, पढ़ाई और जीवनयापन की चीजें बेहद महंगे होगये हैं और आम लोगों की जिंदगी
दूभर होकर रह गई है। ऊपर से सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर नौकरियाँ समाप्त की जा
रही हैं, भर्तियाँ रद्द की जा रही हैं। आक्रोश को शिथिल करने
को चंद खैरातें बांटी जारही हैं और नए और पुश्तैनी हथकंडे अपना कर सांप्रदायिकता
को हवा दी जा रही है। जनता का ध्यान उसकी मूलभूत समस्याओं से हटाये रखने की
साजिशें हैं ये सब।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि
हमें गर्व है कि इस नाजुक दौर में उत्तर प्रदेश में इन सभी मामलों में हमारी
पार्टी पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी हुयी है और उसने कारगर और सार्थक हस्तक्षेप
किया है। आगे इस हस्तक्षेप को और धार देने की कोशिश की जायेगी।
अतएव समस्त परिस्थितियों और हालातों का आकलन कर भाकपा राज्य
सचिव मंडल ने निश्चय किया है कि- बुलडोजरवाद- पुलिसराज के खिलाफ,
किसानो कामगारों खासकर- महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों पर दबंगों/ पुलिस और
भाजपाइयों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न/हमलों के खिलाफ, आसमान
छूती और जीवन को कठिन बनाती महंगाई के खिलाफ, बेरोजगारी और
नौकरियों को छीने जाने के खिलाफ, फौज,
सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र में भर्तियाँ खोले जाने के लिये,
मनरेगा को चलाने के लिये तथा सांप्रदायिकता और तानाशाही के खिलाफ 18 मई, 2022 बुधबार को समस्त उत्तर प्रदेश में जिला केन्द्रों पर व्यापक
भागीदारी के साथ धरने- प्रदर्शन किये जायेंगे। राष्ट्रपति और राज्यपाल महोदय को
संबोधित ज्ञापन में चुनींदा स्थानीय समस्याओं को भी जोड़ा जायेगा। जहां जहां
उत्पीड़न की घटनायें हुयी हैं उन पर पार्टी द्वारा लिए गये स्टैंड के मुताबिक
मांगें माँगपत्र में जोड़ी जायेंगी। आंदोलन के प्रमुख नारे इस प्रकार हो सकते हैं-
@ बुलडोजरवाद- पुलिसराज----- नहीं चलेगा नहीं चलेगा।
@ महिलाओं से दरिंदगी और अत्याचार---- बंद करो, बंद करो।
@ अल्पसंख्यकों पर हमले और उत्पीड़न---- बंद करो, बंद करो।
@ दलितों- कमजोरों- गरीबों का उत्पीड़न----- बंद करो, बंद करो।
@ महंगाई घटाओ, घटाओ दाम----- वरना होगी
नींद हराम।
@ महंगाई को कर दो हाफ----- वरना जनता कर देगी साफ।
@ बेरोजगारों को काम दो----- वरना गद्दी छोड़ दो।
@ चलाओ मनरेगा भर्तियाँ दो अंजाम---- वरना होगी नींद हराम।
@ सांप्रदायिकता नहीं, नहीं----- भाईचारा
हाँ हाँ हाँ।
आदि।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने अपनी समस्त जिला इकाइयों से अपील की
है कि वे जनता के कष्ट की घड़ी में उनकी मुखर आवाज बनें और 18 मई के आंदोलन को व्यापक
बनायें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश।