मार्च से पहले उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डॉ गिरीश ने कहा कि श्री अखिलेश यादव की राज्य सरकार खुले आम खनन माफियाओं को प्रश्रय दे रही है और उन्हीं को लाभ पहुंचाने को एक कर्तव्य परायण तथा ईमानदार युवा आई ए एस अधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल का अवैध निलंबन कर दिया. अब पूरी की पूरी सरकार इस अधिकारी के खिलाफ अधर्म-युद्ध छेड़े हुए है. प्रदेश में सच्चे और कर्तव्यनिष्ठ अफसरों को प्रताड़ित किया जा रहा है जबकि भ्रष्ट और निकम्मे अफसरों को प्रश्रय दिया जा रहा है. सरकार की यह नीति जन विरोधी है और लोकतंत्र के लिए घातक है. भाकपा इसका कड़ा विरोध करती है और इसके खिलाफ लगातार आवाज़ उठाई जाती रहेगी.
भाकपा के राज्य सह - सचिव कामरेड अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि निलंबन के अनैतिक कृत्य पर राजनीती की जा रही है और इसे मस्जिद और मुसलमानों से जोड़ा जा रहा है. तमाम रिपोर्टों से साफ़ है कि निलंबन का किसी मस्जिद से कोइ लेना-देना नहीं. यह सिर्फ और सिर्फ पर्यावरण को तहस-नहस कर अरबों-खरबों रूपये डकारने वाले खनन माफियाओं को अभयदान देने के लिए किया गया है.
भाकपा जिला सचिव कामरेड मोहम्मद खालिक ने कहा कि लखनऊ सहित प्रदेश के लगभग हर इलाके में दंगे हो रहे हैं जिनमें तमाम निर्दोषों की जानमाल का नुक्सान हो रहा है. प्रदेश सरकार दंगों को रोकने के लिए कोइ कार्यवाही नहीं कर रही है . खनन माफिया ने वहां किसान पाले राम की हत्या कर दी यह भी सरकार के माथे पर कलंक है.
प्रदर्शन के बाद महामहिम राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन उपस्थित अधिकारी को सौंपा गया. ज्ञापन में मांग की गयी है कि आई ए एस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन तत्काल रद्द किया जाए,समूचे प्रदेश में पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले अवैध खनन को रोका जाए,खनन माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर उन्हें जेल भेजा जाए,कर्मठ और ईमानदार अधिकारियों का उत्पीडन बंद किया जाए-भ्रष्ट और नाकारा अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए,निलंबन की कार्यवाही पर राजनीती न की जाए और इसे मस्जिद अथवा अल्पसंखकों से न जोड़ा जाए तथा लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न भागों में हो रहे दंगों को रोका जाए और उनकी जांच करके दोषियों को दण्डित किया जाए.
इस मार्च में सर्व कामरेड प्रदीप तिवारी,फूल चंद यादव,मोहम्मद मुख्तार, ओ पी अवस्थी,परमानंद दिवेदी ,मोहम्मद अकरम,विजय माथुर,ए आई एस ऍफ़ के नेता-विनोद पाल,गौरव सिंह,सौरभ पण्डे,के अलावा महेंद्र रावत,राज पाल यादव,शमशेर बहादुर,चन्द्र शेखर,राम गोपाल शर्मा,परमानद,वी के सिंह आदि शामिल रहे.
प्रदर्शंनकारी मार्ग में जो नारे लगा रहे थे उनमें प्रमुख थे-'अखिलेश यादव होश में आओ;दुर्गा शक्ति को बहाल करो -बहाल करो', 'मुख्यमंत्री होश में आओ,माफियाओं पर लगाम लगाओ',अखिलेश होश में आओ,दंगो पर रोक लगाओ','खनन माफियाओं के दम पर सरकार नहीं चलेगी,नहीं चलेगी','तख्त बदल दो -ताज बदल दो;बेईमानों का राज बदल दो'आदि-आदि।