शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019
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Left Parties statement on Police atrocities on agitator
प्रकाशनार्थ
नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन को कुचलने की उत्तर प्रदेश और केन्द्र
सरकार की दमनकारी कार्यवाहियों की वामपंथी दलों ने निंदा की।
गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने की मांग
की वामदलों ने ।
जनता से की शांति और सौहार्द बनाये रखने की अपील।
सरकार फौरन राजनैतिक दलों और आंदोलनकारियों से संवाद
कायम करे।
राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से संज्ञान लेकर सामान्य स्थिति कायम
करने हेतु पहलकदमी की अपील की।
लखनऊ- 20 दिसंबर
2019, वामपंथी दलों ने नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) एवं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर ( NRC ) के खिलाफ
कल हुये आंदोलन के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के घोर तानाशाहीपूर्ण और दमनकारी रवैये
की कठोर शब्दों में निन्दा की है।
यहां जारी
एक संयुक्त बयान में वामपंथी दलों ने कहा कि वामपंथी दलों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ
शान्तिपूर्ण और लोकतान्त्रिक ढंग से राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया था जिसको
तमाम जनवादी शक्तियों ने समर्थन प्रदान किया था।
लेकिन उत्तर
प्रदेश सरकार ने घोर तानाशाही का परिचय देते हुये आंदोलन को कुचलने की हर संभव कोशिश
की। लोकतन्त्र में विपक्षी दल जनता के आक्रोश को सेफ़्टी वाल्व की तरह निष्प्रभावी करने
का काम करते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने विरोधी दलों को निशाना बनाते हुये आंदोलन को कुचलने
के लिये सारी शासकीय मशीनरी मैदान में उतार दी। सारे प्रदेश में दफा 144 लगा दीगई।
प्रदेश भर में राजनैतिक दलों के नेताओं को CrPC की धारा 149 के
तहत नोटिस देकर पाबंद किया गया और उनको देशद्रोह के तहत बंद करने की धमकियाँ दी गईं।
राजनैतिक दलों के कार्यालयों पर पुलिस ने बार बार छापेमारी की। लखनऊ में भाकपा के कार्यालय
में बिना इजाजत के पुलिस राज्य सचिव के आवास में घुस गयी और बाथरूम तक जापहुंची। नेत्रत्वकारी
साथियों के वहां न मिलने पर पुलिस देशद्रोह में बंद करने की धमकियाँ देकर चली गयी।
प्रशासन और सरकार ने इन्टरनेट सेवाएँ समाप्त करके जिम्मेदार राजनैतिक दलों और अवाम
के बीच आवश्यक संवाद खत्म कर दिया है।
सीएए और एनआरसी
के खिलाफ जनता में भारी गुस्सा था और राजनैतिक दलों के नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की
खबरों से जनता में आक्रोश पनपता रहा। पुलिस राजनैतिक दलों की घेरेबंदी करती रही और
राजधानी लखनऊ में पुलिस की घेरेबंदी को तोड़ कर हजारों हजार लोग परिवर्तन चौक पर एकत्रित
होगये। जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही नेत्रत्वविहीन भीड़ को हटाने में पुलिस नाकामयाब
रही तब संदिग्ध किस्म के लोगों ने व्यापक संख्या में उपस्थित पुलिस के समक्ष तोडफोड, पथराव और आगजनी की। तब भीड़ भी
वहाँ से चली गयी। एक युवक गंभीर रूप से घायल होगया और उसकी दुर्भाग्यपूर्ण मौत होगयी।
प्रदेश के
अनेक जिलों में वामपंथी और अन्य दलों के कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते
हुये गिरफ्तार किया गया। वाराणसी में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे वामदलों
के 67 नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगीन दफाओं में जेल भेज दिया गया। लखनऊ में 32 लोग
जिनमें अधिकतर युवा हैं को भी संगीन दफाओं में गिरफ्तार किया गया है। राजनैतिक और नागरिक
समाज के लोगों को गिरफ्तार किया जारहा है। मुख्यमंत्री अब भी लोगों को परिणाम भुगतने
की धमकियाँ देरहे हैं। इससे जनता का आक्रोश निरंतर बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के तमाम
जिलों में आज भी पुलिस और आंदोलनकारी आमने सामने हैं। पुलिस की कार्यवाही और गोलीबारी
से कानपुर सहित तमाम जगह लोग घायल हुये हैं। पुलिस के साथ सरकार समर्थक तत्व भी दमन
की कार्यवाहियों में लिप्त हैं। समूचे आंदोलन को सांप्रदायिक स्वरूप देने की साजिशें
सरकार और संघ की ओर से चल रही हैं।
भाजपा और उसकी
सरकारों की निहितस्वार्थपूर्ण और घ्रणित राजनीति
के चलते देश और प्रदेश बड़े संकट में फंस गया है, जिसको तत्काल संभालना जरूरी होगया है।
वामपंथी दलों
ने तमाम लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। वामदलों ने उत्तर प्रदेश सरकार से
कहा कि वह दमन का रास्ता छोड़े और आंदोलनकारियों एवं राजनैतिक दलों से संवाद कायम करें।
वामदलों ने
वाराणसी, लखनऊ और
अन्य जगह गिरफ्तार वामपंथी एवं लोकतान्त्रिक ढंग से प्रदर्शन करने वालों को तत्काल
रिहा करने की मांग की है।
वामदलों ने
महामहिम राष्ट्रपति एवं सर्वोच्च न्यायालय से इन संगीन हालातों में स्वतः संज्ञान लेकर
गतिरोध समाप्त कर शांति स्थापित करने को आवश्यक कदम उठाने की अपील की है।
यह बयान भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) के राज्य सचिव का॰ हीरालाल यादव, भाकपा माले- लिबरेशन के राज्य सचिव का॰ सुधाकर यादव, लोकतान्त्रिक जनता दल( यू ) के प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद, भाकपा के राज्य सहसचिव का॰ अरविंद राज स्वरूप, का॰ फूलचंद
यादव, माकपा के का॰ प्रेमनाथ राय एवं का॰ दीनानाथ यादव, माले के का॰ रमेश सिंह सेंगर ने जारी किया है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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