सदन में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के शैलेन्द्र कुमार के सवाल के जवाब में श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड्गे ने कहा कि सरकार देश भर के रोजगार कार्यालयों का आधुनिकीकरण करने की योजना बना रही है। पर शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का सरकार का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गुरुदास दासगुप्ता ने सरकार से जानना चाहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण जिन लोगों की नौकरियाँ चली गईं सरकार ने उनकी मदद के लिए क्या किया। खड्गे ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के अनुसार जिनकी नौकरी जाती है उन्हें छह महीने का वेतन दिए जाने की व्यवस्था है।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है जिसकी सही स्थिति का आकलन करने के लिए क्या सरकार कोई नई एवं अधिक प्रभावी व्यवस्था प्रारंभ करने जा रही है।
खड्गे ने कहा देश में बेरोजगारों की वास्तविक स्थिति का आकलन राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही श्रम मंत्रालय हर तीन महीनों में नमूना सर्वेक्षण भी कराता है जिसकी रिपोर्ट समय समय पर मिलती रहती है।
उन्होंने कहा कि नमूना सर्वे पूरी तरह सटीक नहीं माने जाते हैं इसलिए सरकार अभी तक सही आँकड़ों के लिए संगठन की रिपोर्ट पर ही निर्भर रहती है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी नए विकल्प पर भी विचार कर सकती है।