घटना की सीबीआई जांच और म्रतक
परिवार को 50 लाख रु॰ की आर्थिक सहायता देने की मांग की
लखनऊ- 3 अप्रैल 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल
ने जनपद- प्रतापगढ़ की तहसील लालगंज के नकल लिपिक एवं पूर्व नाजिर सुनील कुमार शर्मा
की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है। भाकपा ने हत्या की जांच सीबीआई को सौंपे जाने
की मांग राज्य के मुख्यमंत्री से की है।
सीबीआई जांच इसलिए जरूरी है कि इस हत्या का आरोप उसी तहसील के
उप जिलाधिकारी पर लग रहा है। बताया जाता है कि उन्हें प्रतापगढ़ जनपद की राजनीति के
धुरंधरों का संरक्षण प्राप्त है, ऐसे में पुलिस अथवा राज्य सरकार की एजेंसियां
शायद ही निष्पक्ष जांच कर पायें।
आरोप है कि उक्त अधिकारी और उसके गुर्गों ने लिपिक को 30 मार्च
की रात उसके घर के दरवाजे पर इस कदर पीटा कि उसकी हालत चिंताजनक बन गयी। उसका डाक्टरी
मुआयना भी अगले दिन तब होसका जब उसने जिला प्रशासन से लिखित गुहार की। इस संबंध में
मानवीय आधार पर जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल (एटक) जनपद- प्रतापगढ़ के अध्यक्ष एवं भाकपा
की राज्य काउंसिल के सदस्य कामरेड हेमन्त नन्दन ओझा ने कई कई बार अधिकारियों से मिल
कर और लिखित आवेदन कर शर्मा की जान बचाये जाने की मांग की।
बताया जाता है कि चिकित्सकीय परीक्षण में गंभीर चोटों के सामने
आने के बाद उक्त अधिकारी ने लिपिक को अपने कब्जे में लेलिया। इलाज के लिए जिला अस्पताल
में भर्ती होने से रोका और लालगंज ट्रामा सेंटर में इसलिए बाधित रखा कि मामले का भंडाफोड़
न होजाये। हेमन्त नन्दन ओझा के प्रयास और जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से उसे जिला अस्पताल
लाया गया। लेकिन तब तक उसकी हालत को और भी बिगाड़ दिया गया था। अस्पताल में भी त्वरित
और समुचित उपचार नहीं मिल पाने से अंततः 2 अप्रैल की देर शाम उसकी म्रत्यु होगयी और
उसके छोटे छोटे 3 बच्चे अनाथ हो गए।
बताया जारहा है कि 31 मार्च से 2 अप्रैल के बीच उप जिलाधिकारी
एवं उसके पोषित गुंडों ने श्री शर्मा से किन्हीं कागजातों/ स्टांप पेपर्स पर दस्तखत
भी करा लिये हैं। रामराज्य में रक्षक ही भक्षक बन गये हैं। ऐसी क्या वजह थी कि 30 मार्च
से 2 अप्रैल के बीच पूरे 72 घंटों तक एक अदने से कर्मचारी को सत्ता मद में चूर अधिकारी
के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया।
इसलिए जांच के दायरे में उप जिलाधिकारी, जिला प्रशासन
और पुलिस, ट्रामा सेंटर और अस्पताल सभी आते हैं। इन अति ताकतवर
लोगों की जांच राज्य से ऊपर की एजेंसी ही कर सकती है इसलिए भाकपा सीबीआई जांच की मांग
कर रही है।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने सवाल किया कि क्या माननीय मुख्यमंत्री
जी का बुलडोजर एक कर्मचारी की न्रशंस हत्या करने वालों पर भी चलेगा या फिर वह वोट बटोरने
का हथकंडा ही बना रहेगा।
भाकपा ने म्रतक के अनाथ बच्चों के भरणपोषण और शिक्षा के लिये
रुपए 50 लाख की सहायता प्रदान करने की मांग भी की है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश