लखनऊ- 15 अक्तूबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज उत्तर प्रदेश में बिना
किसी अभियोग अथवा वारंट के भाकपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की अवैध गिरफ्तारी और लोकतान्त्रिक
गतिविधियों को पुलिस के बल पर बाधित करने की कड़े शब्दों में निन्दा की है। भाकपा ने
सभी की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है।
ज्ञात हो कि लखीमपुर किसान संहार में न्याय हासिल करने
और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने कई कार्यक्रमों
की घोषणा की है। आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले दहन किये जाने थे। भाकपा
ने इन आंदोलनों को नैतिक समर्थन प्रदान किया है।
पुतले दहन से घबराई पुलिस ने कल रात से ही कई भाकपा
नेताओं और कार्यकर्ताओं को बिना कोई कारण बताये अथवा बिना वारंट दिखाये घरों से उठाकर
थानों में निरुध्द कर दिया। पार्टी कार्यालयों अथवा पुतला दहन के संभावित क्षेत्रों
को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। लेकिन फिर भी तमाम जगह पुतले जलाये गये और प्रदर्शन
कर ज्ञापन दिये गये। भाकपा ने यदि भौतिक समर्थन दिया होता तो यह कार्यवाही और भी जबर्दस्त
होती।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि केन्द्र
और राज्य सरकार अपने गुंडों और पुलिस प्रशासन के जरिये किसानों, व्यापारियों और गरीब तबकों की हत्यायेँ करा रही है,
वहीं विरोध प्रदर्शन के लिये पुतला दहन जैसी लोकतान्त्रिक गतिविधियों को पुलिस के बल
पर रौंद रही है। यही भाजपा जब विपक्ष में थी तो प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों
का पुतला जलाना इसका सबसे प्रिय शौक था। भाकपा भाजपा के इस दोगलेपन और निरंकुशता की
कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश