लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश
सरकार द्वारा विशेष सुरक्षा बल SSF के गठन को जनतंत्र को कुचलने
और जनतान्त्रिक अधिकारों को हड़पने का एक और तुगलकी कदम बताया और इस अध्यादेश को तत्काल
निरस्त करने की मांग की है।
भाकपा ने इस बल के गठन को औचित्यहीन बताते हुये कहा
कि एक असीमित अधिकारों वाला बल लोकतन्त्र के लिए बेहद घातक है। विशेष सुरक्षा बल किसी
को भी बिना आधार अथवा वारंट के गिरफ्तार कर जेल भेज सकता है, इसके लिये उसे मजिस्ट्रेट की अनुमति की भी जरूरत नहीं होगी। किसी भी निर्दोष
को गिरफ्तार करने के अपराध में बिना सरकार की इजाजत के कोई अदालत इसका संज्ञान नहीं
ले सकती। निश्चय ही सरकार इसका दुरुपयोग अपने विपक्षियों को प्रताड़ित करने के लिये
करेगी। इस बल को निजी तौर पर एंगेज कर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
भाकपा ने कहा कि अपराधों को नियंत्रित करने के लिये
देश/ प्रदेश में पहले से ही अनेक सक्षम कानून हैं। लेकिन उनका सदिच्छा से प्रयोग करने
के बजाय जनविरोधी सरकार एक के बाद एक निरंकुश कानून बनाती जा रही है। लोकतान्त्रिक
शक्तियां इन तानाशाही कदमों को कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगीं।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश