भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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गुरुवार, 27 मार्च 2014

राज्य सरकार ने नहीं निभाया राजधर्म--भाकपा

लखनऊ- २७, मार्च, २०१४. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार इन दंगों के फ़ैलने देने की गुनहगार है और उसे अब इन दंगों की नैतिक जिम्मेदारी कबूल कर लेनी चाहिये. लेकिन इस फैसले की आड़ में भाजपा द्वारा अपने को निर्दोष साबित करने की कोशिशों को भी भाकपा कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और दंगों में उसकी संलिप्तता का भी पर्दाफाश करेगी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भाकपा की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डॉ.गिरीश ने कहा कि वे स्वयं और उनकी पार्टी शुरू से ही कहती आरही है कि मुजफ्फरनगर दंगों में राज्य सरकार अपने राजनैतिक स्वार्थों को पूरा करने में जुटी रही और उसने दंगों को रोकने और फैलने से रोकने के लिये समुचित प्रयास नहीं किये. राज्य सरकार अपने कर्तव्य निर्वहन की दोषी है. अब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसे कटघरे में खड़ा कर देने के बाद राज्य सरकार को इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार कर लेनी चाहिये. भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि इस फैसले की आड़ में भाजपा अपने को पाक दामन साबित करने में जुट गयी है. उसकी इस कोशिश का भाकपा पर्दाफाश करेगी. इस हेतु शीघ्र ही एक “खुलासा पत्र” जारी किया जायेगा. डॉ. गिरीश ने राज्य सरकार से मांग की कि वह इस फैसले को अमली जमा पहनाये और दंगे के दोषी वे चाहे किसी भी सम्प्रदाय अथवा पार्टी से सम्बंधित हों को तत्काल गिरफ्तार करे, सभी पीड़ितों को समान मुआबजा दे तथा वहां से पलायित लोगों को उनके गांवों में बसाने को ठोस कदम तत्काल उठाये. डॉ. गिरीश, राज्य सचिव भाकपा , उत्तर प्रदेश
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