भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

शनिवार, 30 अगस्त 2014

An Apeal to the voters of Uttar Pradesh.

उत्तर प्रदेश विधान सभा के उपचुनावों में प्रदेश के मतदाताओं से भाकपा की अपील आपसी मेल-मिलाप बढ़ाने! महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर लगाम लगाने! महिलाओं, कमजोर वर्गों पर अत्याचार रोके जाने तथा अपने विधान सभा क्षेत्र एवं जनपद के समग्र विकास के लिये! हंसिया-बाली के चुनाव निशान के सामने वाला बटन दबायें! भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशियों को सफल बनायें! उत्तर प्रदेश के मतदाता भाइयो और बहिनो! अभी हाल ही में हुये लोकसभा के चुनावों में आप सभी ने बड़ी ही उम्मीद और आशा के साथ एक पार्टी को भारी बहुमत देकर केन्द्र की गद्दी पर पहुंचाया था. लेकिन इस सरकार को काम करते हुये अभी सौ दिन भी नहीं हुये हैं और इस सरकार से सभी को गहरी निराशा हाथ लगी है. हमारी सीमाओं के पार से तड़-तड़ गोलियां चल रही हैं और सीमाओं के रक्षक हमारे जवान लगातार शहीद होरहे हैं. सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने पिछली केन्द्र सरकार की नीतियों को और भी जोर-शोर से लागू किया है और डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, रेल किराया और मालभाड़े की दरों में भारी बढ़ोत्तरी की है. इससे हर चीज की कीमतें आसमान छूरही हैं और महंगाई की मार से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. भ्रष्टाचार के खिलाफ बड-चड़ कर बातें करने वालों की यह सरकार अपने थोड़े समय के कार्य काल में ही तमाम आरोपों में घिरती जारही है. केन्द्र सरकार के पहले बजट ने ही विकास के इसके दाबों की कलई खोल कर रख दी. बेरोजगार नौजवानों, छात्रों, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, दस्तकारों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों सभी को इसने निराश किया है. जनता ने भाजपा को इस आशा से वोट दिये थे कि उनके अच्छे दिन आयेंगे, लेकिन आगये बेहद बुरे दिन. यह पार्टी और इसकी सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों और कार्पोरेट घरानों के हित में काम कर रही है और आम जनता को तवाह कर रही है. इससे केन्द्र सरकार के प्रति जनता में गुस्सा पैदा होरहा है. जिसका प्रमाण है हाल ही में उत्तराखण्ड, बिहार, कर्नाटक, पंजाब, मध्य प्रदेश के उपचुनाव जहां भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली. अब तो भाजपा की अंतर्कलह भी खुलकर सामने आगयी है. इस सबसे जनता का ध्यान बंटाने और उसे आपस में लड़ाने को भाजपा द्वारा तरह तरह के हथकंडे अपनाये जारहे हैं. सांप्रदायिकता को खास औजार बनाया जारहा है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी आम जनता को हर मोर्चे पर निराश किया है. हर तरह के अपराध बड रहे हैं. महिलाओं और यहां तक कि अबोध बालिकाओं के साथ दुराचार और उसके बाद उनकी हत्या आम बात होगयी है. हत्या, लूट, राहजनी आदि हर तरह के अपराध बड रहे हैं. सांप्रदायिक दंगों को काबू करने में सरकार की हीला हवाली साफ दिखाई देरही है. एक तिहाई उत्तर प्रदेश को बाढ़ ने तो शेष को भयंकर सूखे ने तवाह कर दिया है. सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. पीड़ित किसानों ने आत्म हत्याएं करना शुरू कर दीं हैं. अभूतपूर्व बिजली संकट से हर कोई परेशान है. किसानों का चीनी मिलों पर करोड़ों रुपया बकाया है जिसे अदा नहीं कराया जारहा. डीजल आदि खेती के लिये जरूरी चीजों पर राज्य सरकार ने टैक्स बढ़ा दिया है. राशन प्रणाली में लूट मची है. बेरोजगारी से निपटने को कारगर कदम नहीं उठाये जारहे, शिक्षा को व्यापार बना डाला है. शिक्षा बेहद महंगी है अतएव आम बच्चे शिक्षा नहीं लेपारहे. बेकारी भत्ता और लैपटाप आदि भी देना बंद कर दिया गया है. इलाज भी आज बहुत ही महंगा होगया है. सडकों का बुरा हाल है. भ्रष्टाचार ने सभी को तवाह किया हुआ है और गुंडे अपराधी माफिया दलाल सभी खुशहाल हैं. केंद्र और राज्य सरकार को अपने इन कदमों को पीछे खींचने को मजबूर करना होगा. इसके लिये संसद और विधान सभा के भीतर और बाहर संघर्ष करना होगा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक किसानों, कामगारों और आम जनता के हित में लगातार आवाज उठाई. है. हमें गर्व है कि हम पर आजतक भ्रष्टाचार का कोई भी आरोप नहीं लगा. सांप्रदायिकता और जातिवाद जैसी बुराइयों से हम कोसों दूर हैं. महंगाई भ्रष्टाचार बेकारी और अशिक्षा को दूर करने को हम जुझारू आन्दोलन करते रहे हैं. जातिगत लैंगिक समानता और आपसी भाईचारे के लिये हम हमेशा प्रतिबद्ध रहे हैं. हमारी समझ है कि देश और समाज की आज की समस्यायों का निदान मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था में संभव नहीं है. आजादी को आये ६७ वर्ष बीत गये और हमारी समस्यायें जस की तस बनी हुयी हैं. इन समस्यायों का समाधान केवल समाजवादी व्यवस्था में ही संभव है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समाजवादी समाज का निर्माण करने को प्रतिबध्द है. लेकिन ये चुनाव मध्यावधि चुनाव है. केन्द्र अथवा राज्य सरकार बनाने के लिये नहीं. अतएव इन चुनावों में आप भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशियों को अवश्य ही मौका दे सकते हैं. यदि आपके क्षेत्र से भाकपा प्रत्याशी विजयी होगा तो आपकी समस्याओं के समाधान तथा क्षेत्र के विकास के लिये निश्चय ही वह औरों से अधिक जोरदारी से आवाज बुलंद करेगा. वह हर वक्त आपकी सेवा और सहयोग के लिये आपके बीच रहेगा. अपनी सीमित ताकत और सीमित साधनों के चलते प्रदेश में भाकपा ने केवल चार स्थानों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वे हैं – नोएडा से प्रोफेसर सदासिव चामर्थी, सिराथू से शिवसिंह यादव, हमीरपुर से श्यामबाबू तिवारी तथा लखनऊ पूर्व से राजपाल यादव. अतएव आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि आप १३ सितंबर को होने जा रहे विधानसभा के उपचुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह हंसिया और बाल के सामने वाला बटन दबा कर भारी बहुमत से सफल बनायें तथा भाकपा प्रत्याशियों एवं भाकपा उत्तर प्रदेश इकाई की तन मन धन से मदद करें. निवेदक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य काउन्सिल २२, कैसरबाग, लखनऊ
»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य