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शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2021

खाद दो! धान खरीदो! वरना गद्दी छोड़ दो!



खाद की किल्लत पैदा कर किसानों से बदला लेरही हैं भाजपा सरकारें- भाकपा

शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित न की गयी तो भाकपा खामोश नहीं बैठेगी

 लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में रासायनिक खाद की जबर्दस्त किल्लत किसान विरोधी केन्द्र और राज्य सरकार की देन है। अपनी मांगों के लिये 11 माह से जूझ रहे किसानों को सबक सिखाने के उद्देश्य से खाद का अभाव खड़ा किया गया है। 
इसी उद्देश्य से धान आदि फसलों को निर्धारित कीमत पर सरकारी तौर पर खरीदा नहीं जा रहा और किसान आधे से भी कम दामों पर इसे बेचने को लाचार हैं।
वोटों की नशेड़ी सरकार जब अपनी वोटों की फसल उगाने में मस्त है, तब किसान खाद न मिल पाने और फसल न बो पाने से पस्त है। अति वारिश और तूफान से हुयी फसलों की बर्बादी से वह पहले ही हलकान है।
खाद की भारी कमी के चलते जगह जगह किसान कई कई दिनों तक लाइनों में लगे हैं, उनमें आपसी झगड़े हो रहे हैं, विक्रय एजेंसियों से झगड़े हुये हैं, यहां तक कि गोलीबारी हुयी है और ललितपुर में तो एक किसान ने आत्महत्या तक कर ली।
बड़े पैमाने पर खाद की काला बाज़ारी जारी है। इसे मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है और काला बाजारी रोकने को समिति गठित की है। यह दीगर बात है कि मुख्यमंत्री काला बाजारियों को ठोक नहीं पा रहे, जैसे कि वे तमाम मजलूमों को ठोकवाते रहते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा जमाखोरों और काला बाजारियों की पुश्तैनी पार्टी है।
भाकपा ने चेतावनी दी कि यदि खाद की काला बाजारी तत्काल रोकी न गयी, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया नहीं गया और किसानों की सभी उपजें सरकारी केंद्रों पर खरीदने की व्यवस्था न की गयी तो भाकपा शीघ्र ही खाद बिक्री केन्द्रों और धान क्रय केन्द्रों पर प्रदर्शन करेगी।
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा,  उत्तर प्रदेश।
29- 10-2021

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