गुरुवार, 23 अप्रैल 2015
at 11:31 am | 0 comments |
किसानो! भागो नहीं, परिस्थितियों का मुकाबला करो: भाकपा
लखनऊ- २३ अप्रैल २०१५. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कल ‘आप’ की रैली के दौरान एक किसान द्वारा की गयी आत्महत्या, प्रतिदिन देश भर में सैकड़ों की तादाद में होरही किसानों की आत्महत्याओं और सदमे से होरही मौतों को अत्यंत दुखद और असहनीय बताया है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब राजधानी दिल्ली में किसी किसान ने अपनी आपदा से पीड़ित होकर सरेआम अपनी जान दी हो और प्रशासनिक मशीनरी और राजनीतिक लोग तमाशबीन बने रहे हों. आजादी के बाद यह भी पहला अवसर है जब देश के बड़े हिस्से में किसान जानें देरहे हैं और उनकी सदमे से जानें जारही हैं और पूरी की पूरी व्यवस्था उन्हें ढाढस बंधाने में नाकामयाब रही है.
डा.गिरीश ने कहा कि यह वक्त राजनैतिक रोटियां सैंकने का नहीं ठोस प्रयास करने का है. यदि शीघ्र ही समस्या का ठोस समाधान न निकाला गया तो हालात और भी बिगड़ेंगे. अभी तो किसान ही संकट में है, खाद्यान्नों और रोजगार का संकट पैदा होने से अन्य गरीब तबके भी इन्ही हालातों में पहुंचने जारहे हैं.
भाकपा ने किसान भाइयों से अपील की है कि वे धैर्य न छोड़ें और अपने परिवार और देश के हित में अपनी जानों को यूं ही न गवायें. भाकपा उनके सुख दुःख में उनके साथ खड़ी है और साथ खड़ी रहेगी. किसानों की इस व्यापक पीड़ा की ओर सरकार और व्यवस्था का ध्यान खींचने को ही भाकपा ने पूरे देश में १४ मई को किसानों के प्रति एकजुटता आन्दोलन का निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेश में यह आन्दोलन ‘रास्ता रोको’ के रूप में होगा.
डा.गिरीश ने भाकपा के समस्त कार्यकर्ताओं और हमदर्दों से अनुरोध किया है कि ग्रामीण जीवन में आई इस महाविपत्ति की घडी में वे अपना हर पल हर क्षण ग्रामीण जनता के बीच बितायें और आमजनों को “भागो नहीं, समस्या का मुकाबला करो” का संदेश दें. साथ ही १४ मई के आन्दोलन के लिए किसानों कामगारों को लामबंद करें.
डा.गिरीश
»» read more
at 11:28 am | 0 comments |
किसानो! भागो नहीं, परिस्थितियों का मुकाबला करो: भाकपा
किसानों की लगातार होरहीं आत्महत्याएं और सदमे से मौतें बेहद दुखद: ठोस प्रयासों की जरूरत, राजनीतिक रोटियां न सैंकें पार्टियाँ- भाकपा
लखनऊ- २३ अप्रैल २०१५. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कल ‘आप’ की रैली के दौरान एक किसान द्वारा की गयी आत्महत्या, प्रतिदिन देश भर में सैकड़ों की तादाद में होरही किसानों की आत्महत्याओं और सदमे से होरही मौतों को अत्यंत दुखद और असहनीय बताया है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब राजधानी दिल्ली में किसी किसान ने अपनी आपदा से पीड़ित होकर सरेआम अपनी जान दी हो और प्रशासनिक मशीनरी और राजनीतिक लोग तमाशबीन बने रहे हों. आजादी के बाद यह भी पहला अवसर है जब देश के बड़े हिस्से में किसान जानें देरहे हैं और उनकी सदमे से जानें जारही हैं और पूरी की पूरी व्यवस्था उन्हें ढाढस बंधाने में नाकामयाब रही है.
डा.गिरीश ने कहा कि यह वक्त राजनैतिक रोटियां सैंकने का नहीं ठोस प्रयास करने का है. यदि शीघ्र ही समस्या का ठोस समाधान न निकाला गया तो हालात और भी बिगड़ेंगे. अभी तो किसान ही संकट में है, खाद्यान्नों और रोजगार का संकट पैदा होने से अन्य गरीब तबके भी इन्ही हालातों में पहुंचने जारहे हैं.
भाकपा ने किसान भाइयों से अपील की है कि वे धैर्य न छोड़ें और अपने परिवार और देश के हित में अपनी जानों को यूं ही न गवायें. भाकपा उनके सुख दुःख में उनके साथ खड़ी है और साथ खड़ी रहेगी. किसानों की इस व्यापक पीड़ा की ओर सरकार और व्यवस्था का ध्यान खींचने को ही भाकपा ने पूरे देश में १४ मई को किसानों के प्रति एकजुटता आन्दोलन का निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेश में यह आन्दोलन ‘रास्ता रोको’ के रूप में होगा.
डा.गिरीश ने भाकपा के समस्त कार्यकर्ताओं और हमदर्दों से अनुरोध किया है कि ग्रामीण जीवन में आई इस महाविपत्ति की घडी में वे अपना हर पल हर क्षण ग्रामीण जनता के बीच बितायें और आमजनों को “भागो नहीं, समस्या का मुकाबला करो” का संदेश दें. साथ ही १४ मई के आन्दोलन के लिए किसानों कामगारों को लामबंद करें.
डा.गिरीश
»» read more
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...1 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...1 वर्ष पहले

लोकप्रिय पोस्ट
-
लखनऊ- 2 अप्रेल 2018, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अनुसूचित जाति/ जनजाति उत्पीडन प्रतिरोधक क़ानून को कमजोर किये जाने ...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने गत दिन प्रदेश में हुए राज्य सभा के चुनाव में भाजपा द्वारा धनबल, सत्ताबल और हर अन...
-
लखनऊ- 15 मार्च 2018, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर की बहुचर्चित लोकसभा सीटों पर हु...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पांच महानगरों की विद्युत् व्यवस्था के निजीकरण को उपभोक...
-
बहुभाषाविद, अग्रणी विचारक, यायावर, इतिहासविद, तत्वान्वेषी, युगपरिवर्तनकारी साहित्य के रचयिता, किसान नेता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, ...
-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बजट भाषण पर चर्चा के दौरान विधान परिषद् में “समाजवाद” को लेकर दिए गये वक्तव्य ने एक...
-
लखनऊ- कठुआ, उन्नाव, एटा, सिकंदरा राऊ ( हाथरस ), नोएडा, पीलीभीत, सूरत तथा देश और उत्तर प्रदेश के हर कोने से महिलाओं और अबोध बालिकाओं क...
-
त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बजट भाषण पर चर्चा के दौरान विधान परिषद् में “समाजवाद” को लेकर दिए गये वक्तव्य ने एक नई ...
-
संप्रग शासन काल में पूंजीवाद के साथ जिस विशेषण का लगातार प्रयोग किया गया वह है ”क्रोनी“। अर्थशास्त्र का ज्ञान न रखने वाले लोग इसे छोटा...
-
यह धरती है उस किसान की जो बैलों के कंधों पर बरसात धाम में, जुआ भाग्य का रख देता है, खून चाटती हुई वायु में, पैनी कुर्स...
