भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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Communist Party of India, U.P. State Council

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बुधवार, 2 जून 2010

कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक

राजनैतिक पार्टियाँ भी वोट लेने के लिये क्या-क्या हथकंडे अपनाती है, कभीनारे गढ़ती हैं, कभी बड़े-बड़े वादे करती हैं, कभी पिछली प्रगति के झूठेप्रचार करती है, कभी लुभावने घोषण पत्र छपवाती हैं, और कभी व्यक्ति-विशेषको प्रधानमंत्री बनाने का सपना दिखाती हैं। कुछ शब्द-जाल देखिये गरीबीमिटाओं, मेरा भारत महान, इन्डिया शायनिंग। चुनाव के बाद घोषण-पत्रों को नतो कोई उठा कर देखता है, न ही सरकार से जनता पूछती है कि वे काम कबहोंगें जिनका वादा किया था, चुनाव के समय वोटों के ध्रुवीकरण हेतुअडवाणी, मुलायम, मयावती को प्रधानमंत्री का प्रोजेक्ट किया गया। बहुजनवालों नें सर्वजन की बात शुरू कर दी। कभी जिसने यह कहा था कि तिलक, तराजूऔर तलवार- इनको मारों जूते चार, उसनें बाद में इस नारें से अपना हाथ खींचलिया।यू0पी0 की सत्ताधारी पार्टी की बातों पर ग़ौर करें- तीन वर्ष पूर्व जबचुनाव में उतरी और जीती तब उसका नारा यह था- चढ़ गुंडन की छाती पर- मुहरलगा दो हाथी पर। अब तीन वर्ष बाद यही पार्टी जिसने गुंडो को खुली छुट देदी थी, उनसे पल्ला झाड़ती नज़र आती है। जब यह देखो कि पार्टी के कुछ गुंडोविधायक सांसद लूट खसोट मार घाड़ में लिप्त हैं और जनता में छवि बिगाढ़ रहीहै तो लोग निकाले जाने लगे, मुख्तार अंसारी जिनकों अभी तक संरक्षणप्राप्त था, उन्हें गुंडा मान लिया गया। आम कार्यकर्ताओं को तो निकालागया, लेकिन वाडे के बावजूद सांसदो, विधायकों की कोई सूची अभी तक सामनेनहीं आई।इसी पार्टी की एक और पैतंरे बाजी देखिये काग्रेंस एँव केन्द्र के खिलाफरोज़ ही दो दो हाथ करने वाली पार्टी नें संसद में विपक्ष के बजट के कटौतीप्रस्ताव के खिलाफ़ सरकार का इस हेतु समर्थन किया ताकि सुप्रिम कोर्ट मेंमायावती के खिलाफ़ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सी0बी0आई0 ढ़ील दे दे।इसी पार्टी का एक और मामला सत्ता के तीन साल पूरे होने पर किये गये कामोका ब्योरा अख़बारों के पूरे एक पृष्ठ में छपा है- एक आइटम ऊर्जा- तीनवर्ष में इस पर 23679 करोड़ रूपये खर्च किये गये। 9739 अम्बेडकर ग्रामों,3487 सामान्य ग्रामों, 3487 दलित बस्तियों तथा 3590 मजरों का विधुतीकरण।जब भी जांच होती है, काम नजर नहीं आते। बजट खर्च हो जाता है।ग्रामों की संख्या विद्युतीकरण हेतु बढ़ाते जाइये, तार दौड़ाते रहिये,उत्पादन की फ्रिक न कीजिये। घोषित/अघोषित कटौती करके हर वर्ग को परेशानकरते रहिये। जब मेगावाट बढ़ोत्तरी न हो तो विस्तार से क्या लाभ।व्यवस्थापकों के लिये यह कथन अशिष्ट तो नहीं लेकिन सख्त जरूर है :-
घर में नहीं दाने-अम्मा चली भुनाने
यह रहा यह वादा कि कुछ उत्पादन 2014, कुछ 2020 आदि तक बढ़ेगा। तो क्या पतातब तक हो सकता है आप न रहें, हो सकता है हम न रहें-कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक
- डॉक्टर एस.एम हैदर
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CPI CONDEMNS ISRAELI ATTACK ON GAZA AID SHIPS

The Communist Party of India strongly condemns Israel's piratical attacks on the high seas on a flotilla of civilian aid ships for Gaza strip which is facing a blockade. This deadly attack in the International Waters has left a score of people dead and many injured.

The belligerent act of Israel has once again proved that to what extent Israel could go defying the world public opinion and humanitarian values. It is a fact that Israel is fully backed by US in its war against the Palestinian people.

While the whole world condemns the Israeli attack, the response of the Government of India is weak. This is due to its multiple cooperation with Israel including military one. The Party demands that India should take a firm stand and condemn Israel.

The Communist Party of India calls upon all peace loving and anti imperialist forces to condemn Israeli attack and express solidarity with the people of Palestine.
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हवा गरम है
और धमाका एक हलकी-सी रगड़ का
इंतज़ार कर रहा है
कठुआये हुए चेहरों की रौनक
वापस लाने के लिए
उठो और हरियाली पर हमला करो
जड़ों से कहो कि अंधेरे में
बेहिसाब दौड़ने के बजाय
पेड़ों की तरफदारी के लिए
ज़मीन से बाहर निकल पड़े
बिना इस डर के कि जंगल सूख जाएगा
यह सही है कि नारों को
नयी शाख नहीं मिलेगी
और न आरा मशीन को
नींद की फुरसत
लेकिन यह तुम्हारे हक में हैं
इससे इतना तो होगा ही
कि रुखानी की मामूली-सी गवाही पर
तुम दरवाज़े को अपना दरवाज़ा
और मेज़ को
अपनी मेज कह सकोगे।
- धूमिल
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