यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि इस दर्दनाक हादसे से सारा देश स्तब्ध है। हमें इस समस्या पर बहुत गंभीरता से काबू पाना होगा। उदारीकरण-भूमंडलीकरण के परिणामस्वरूप हमारा परम्परागत सामाजिक ताना-बाना टूट रहा है। इससे रिश्ते भी प्रभावित हो रहे हैं। पैदा हो रही नई अपसंस्कृति के परिणामस्वरूप नारी के प्रति दृष्टिकोण में भी भारी बदलाव आया है और उसे भोग की वस्तु के रूप में देखा जाने लगा है। यही वजह है कि देश भर में बलात्कार और महिलाओं के साथ अभद्रता की घटनायें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा है कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिये हमें त्वरित न्याय देना होगा और कानूनों में कड़ी सजा का प्राविधान करना होगा। साथ ही सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी हमें इस कुत्सित मानसिकता को बदलने के प्रयास करने होंगे। तभी नारी को सुरक्षा मिलेगी और समाज में स्वस्थ वातावरण निर्मित होगा।