लखनऊ 9 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि आज किसानों के नाम पर अलीगढ़ में हुआ कांग्रेस का जमाबड़ा किसानों के हित में नहीं था। केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस का यह जमाबड़ा केवल राहुल गांधी की छवि निर्माण के लिए था।
भाकपा ने कहा है कि आज पूंजीवादी राजनीति नेतृत्व की विश्वसनीयता के संकट से गुजर रही है। अतः कार्पोरेट घराने, कांग्रेस और कार्पोरेट मीडिया राहुल गांधी को गरीबों के हितैषी के रूप में उछालने में जुटे हैं। वे लोगों का ध्यान इस बात से हटाना चाहते हैं कि भूमंडलीकरण, उदारीकरण, निजीकरण की जिस राजनीति के तहत आज उत्तर प्रदेश सहित देश के तमाम भागों में किसानों की उपजाऊ जमीनों का बेतहाशा अधिग्रहण किया जा रहा है, वह नीतियां कांग्रेस की देन हैं।
डा. गिरीश ने कहा कि भाकपा, वामपंथी दल तथा कई किसान संगठन दादरी से लेकर आज तक जमीनों को बचाने की लड़ाई लड़ते रहे और तमाम जगह किसानों को न्याय दिलाने में कामयाब रहे। मगर मीडिया ने कभी उसकी समुचित चर्चा नहीं की। आज जब अलीगढ़ में केन्द्र सरकार, कांग्रेस संगठन और भ्रष्टाचार के धन के बल पर एक भीड़ जुटाई गई है तो उसकी आड़ में एक व्यक्ति विशेष का महिमामंडन किया जा रहा है। लेकिन जादू सिर पर चढ़ कर बोला और श्री राहुल गांधी उपजाऊ जमीनों को अधिग्रहण से बचाने के लिये 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून का ठोस प्रारूप जनता के सामने नहीं रख पाये और न ही किसानों को आत्म हत्याओं से बचाने और उनके खाद, बीज, डीजल, बिजली के संकट के विषय में कोई ठोस योजना ही पेश कर पाये। यह रैली पूरी तरह कांग्रेस के लिये ‘स्वान्तः सुखाय’ रैली ही साबित हुई, डा. गिरीश ने दावा किया है।