लखनऊ- भारत की अर्थव्यवस्था
को खंडहर में तब्दील कर देने और लोकतन्त्र को गहरे संकट में फंसा देने के विरोध में
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 14 सितंबर को सारे देश में प्रतिरोध दर्ज करायेगी। ज्ञातव्य
हो कि इसी दिन संसद का सत्र शुरू होने जा रहा है।
यह निर्णय गत दिन जूम ‘एप’ के माध्यम से संपन्न पार्टी के केन्द्रीय सचिव मण्डल
की बैठक में लिया गया है।
बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा करने वाली, गरीबी बढ़ाने वाली एवं जीवनयापन के साधनों को तहस नहस करने वाली मोदी सरकार
की विनाशकारी आर्थिक नीतियों के विरूध्द जनता को संगठित किया जायेगा।
देश की अर्थव्यवस्था के बारे में लगातार झूठे दाबे करने
और झूठ बोलने वाली वित्त मंत्री को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, अतएव उनसे पद छोड़ने की मांग की जायेगी।
भाकपा “जीवनयापन, समानता और
न्याय के लिये- भारत और भारत के संविधान की रक्षा के लिये सदा प्रतिबध्द रही है और
रहेगी”, इस संकल्प के साथ आंदोलन किया जाएगा।
भाकपा के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा
कि उत्तर प्रदेश में अपराधों की भरमार, भ्रष्टाचार और शासकीय
गुंडागर्दी सहित उन सभी सवालों को उठाया जायेगा जिन्हें भाकपा विगत कई माहों से लगातार
उठाती रही है।
डा॰ गिरीश