भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

रविवार, 25 अप्रैल 2010

वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण जिन लोगों की नौकरियाँ चली गईं सरकार ने उनकी मदद के लिए क्या किया - गुरुदास दासगुप्ता

सरकार ने सोमवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि फिलहाल शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता देने की उसकी कोई योजना नहीं है। हालाँकि सरकार की देश भर के रोजगार कार्यालयों के आधुनिकीकरण करने की योजना है।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के शैलेन्द्र कुमार के सवाल के जवाब में श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड्गे ने कहा कि सरकार देश भर के रोजगार कार्यालयों का आधुनिकीकरण करने की योजना बना रही है। पर शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का सरकार का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गुरुदास दासगुप्ता ने सरकार से जानना चाहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण जिन लोगों की नौकरियाँ चली गईं सरकार ने उनकी मदद के लिए क्या किया। खड्गे ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के अनुसार जिनकी नौकरी जाती है उन्हें छह महीने का वेतन दिए जाने की व्यवस्था है।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है जिसकी सही स्थिति का आकलन करने के लिए क्या सरकार कोई नई एवं अधिक प्रभावी व्यवस्था प्रारंभ करने जा रही है।
खड्गे ने कहा देश में बेरोजगारों की वास्तविक स्थिति का आकलन राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही श्रम मंत्रालय हर तीन महीनों में नमूना सर्वेक्षण भी कराता है जिसकी रिपोर्ट समय समय पर मिलती रहती है।
उन्होंने कहा कि नमूना सर्वे पूरी तरह सटीक नहीं माने जाते हैं इसलिए सरकार अभी तक सही आँकड़ों के लिए संगठन की रिपोर्ट पर ही निर्भर रहती है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी नए विकल्प पर भी विचार कर सकती है।
»»  read more

आईपीएल विवाद की जवाबदेही तय की जानी चाहिए : राजा

दैनिक ट्रिब्यून ने आज छापा है कि :
”पुड्डुचेरी, 24 अप्रैल (वार्ता)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सचिव डी. राजा ने विवादों में घिरी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से जुड़े सभी मामलों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की आज मांग की।
राजा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आईपीएल में लगने वाले धन के श्रोत पर सवालिया निशान लगे हैं और केन्द्र सरकार इस मसले पर निर्णय लेने में ढुलमुल रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को आईपीएल के पूरे ब्यौरे और केन्द्रीय मंत्रियों के इससे संबंधों का खुलासा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि इस पूरे मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और आईपीएल का कौन पदाधिकारी जवाबदेह है और उसकी क्या जवाबदेही है।
उन्होंने कहा कि राजनेताओं के फोन टैप किये जाने की खबरें हैं जो भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में नागरिक अधिकारों को बड़ा आघात है। इसकी कड़ी भर्त्सना किये जाने की जरूरत है। राजनेताओं के खेल संघों और खेलों से जुड़ाव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनकी भूमिका अब सवालों के घेरे में आ गयी है।
भाकपा नेता कहा कि पूरी खेल नीति की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय की भूमिका को भी पुनर्निधारित करना होगा।“
»»  read more

इस्तीफे के बाद पहली बार केरल पहुंचे थरूर

एन डी टी वी ने बताया है लोगों को कि :
”इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की कोच्चि फ्रेंचाइजी पर उठे विवाद के बाद विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले शशि थरूर शनिवार को जब पहली बार केरल पहुंचे तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जहां उनका स्वागत किया वहीं उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
थरूर तिरूवनंतपुरम के सांसद हैं। आईपीएल विवाद के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह पहली बार यहां पहुंचे। वह दोपहर लगभग 12.50 बजे तिरूवनंतपुरम हवाई अड्डे पहुंचे। ......................................................... भाकपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने थरूर का विरोध भी किया। पुलिस ने लगभग 50 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।“
»»  read more

brickbats greet Tharoor on Kerala visit

इंडो एशियन न्यूज़ ने आज छापा है कि :
"Waving cricket bats, hundreds of Congress activists gave a roaring welcome to former minister of state for external affairs Shahshi Tharoor as he arrived here Saturday on his first visit to his home state after quitting over the IPL row.
But a smaller group of protesters allied to the Communist Party of India (CPI) held posters of the Congress MP and his friend Sunanda Pushkar, whose links to the Indian Premier League (IPL) Kochi franchise triggered the controversy that has turned into the country's worst sports crisis.
But the police kept the two groups apart. Around 50 opposition activists were arrested.
It was the first time Tharoor, a former senior UN official, returned to Thiruvananthapuram, which he represents in the Lok Sabha, since resigning from Prime Minister Manmohan Singh's government April १८
.................................
................................
As Congress workers sang his praises, members of the CPI's youth wing waved his and his friend Pushkar's posters. Banners carried by them read: "Should Kerala accept Tharoor's behaviour?"
Similar posters were seen pasted in several parts of the Kerala capital."
»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य