फ़ॉलोअर
बुधवार, 29 दिसंबर 2021
मंगलवार, 28 दिसंबर 2021
at 6:13 pm | 0 comments |
विधानसभा चुनाव फौरन घोषित हों
#लखनऊ पहुंची निर्वाचन आयोग की टीम से से भाकपा ने की मांग
#शासक दल द्वारा चुनावी उद्देश्य से सरकारी मशीनरी और धन का दुरुपयोग रोकें
#चुनाव प्रक्रिया तत्काल शुरू करने और आदर्श आचार संहिता फौरन लागू करने की मांग की।
लखनऊ- 28 दिसंबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश की राज्य काउंसिल की ओर से आज पार्टी के कोषाध्यक्ष एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड प्रदीप तिवारी ने आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चन्द्रा के नेत्रत्व लखनऊ पहुंचे भारत निर्वाचन आयुक्तों से भेंट की और उन्हें 2022 में होने जारहे विधान सभा चुनावों के संबंध में पार्टी का प्रतिवेदन सौंपा और चर्चा में भाग लिया।
भाकपा प्रतिवेदन में मजबूती से कहा गया है की शासक दल द्वारा चुनाव अभियान के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को रोके जाने के लिए तत्काल विधान सभा चुनावों की घोषणा की जाये और आदर्श आचार संहिता अविलंब लागू की जाये।
भाकपा के प्रतिवेदन में कहा गया है कि देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की विधानसभा के चुनाव सन- 2022 के प्रारंभ में अपेक्षित हैं। ये चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत हों, निर्वाचन आयोग से ऐसी अपेक्षा है।
चुनावों में शासक दल लाभ उठाने की कोशिश करते रहे हैं, यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है। लेकिन वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी केन्द्र और उत्तर प्रदेश दोनों ही जगह सत्ता में है, अतएव वह चुनावों में अधिकाधिक लाभ उठाने की स्थिति में है।
प्रतिवेदन में आरोप लगाया गया है कि भाजपा ने नैतिकता की सारी सीमाएं लांघते हुये पिछले कई माह से शासन तंत्र और राजकीय कोश का उपयोग चुनावी तैयारियों के लिए शुरू कर दिया है। वास्तविक और कल्पित योजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण के नाम पर बड़े बड़े और बेहद ख़र्चीले सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जारहे हैं जिनमें स्वयं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रीगण चुनावी भाषण कर रहे हैं।
इन्हीं महानुभावों द्वारा संविधान, कानून और मर्यादाओं को ताक पर रख कर धार्मिक स्थलों और आयोजनों को सांप्रदायिक विभाजन और वोट की राजनीति के लिये प्रयोग किया जारहा है। वोटर्लिस्ट्स से विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नामों को गायब करने की कोशिशों की खबरें भी लगातार मिल रही हैं।
कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन कर शासकदल और सरकारी कार्यक्रम धड़ल्ले से जारी हैं, जबकि विपक्ष के कार्यक्रमों पर अनावश्यक पाबन्दियाँ थोपी जारही हैं। विपक्ष को नैतिक रूप से कमजोर करने को आयकर विभाग, सीबीआई तथा ईडी जैसी संस्थाओं का राजनैतिक दुरुपयोग किया जारहा है। विपक्ष समर्थक तमाम लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाया जारहा है।
केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर प्रचार माध्यमों को जो विज्ञापन दिये जा रहे हैं उनकी विषय वस्तु आपत्तिजनक है। ये विज्ञापन भाजपा के प्रचार- प्रसार और विपक्ष को कमजोर करने के उद्देश्य से जारी किए जारहे हैं। अधिकतर प्रचार माध्यम भाजपा का भौंपू बन चुके हैं। चुनाव को निकट आते देख सरकारी धन से तमाम खैरातें बांट कर मतदाताओं को प्रभावित किया जारहा है।
आशंका व्यक्त की जारही है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी भाजपा शासकीय मशीनरी और सरकारी राजस्व का दुरुपयोग करेगी। भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और सत्ताबल से अर्जित धन के बल पर तमाम असामाजिक तत्वों को स्तेमाल कर चुनावों में धांधली करायेगी। ईवीएम मशीनों के दुरुपयोग की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जासकता।
इन तमाम हथकंडों के बावजूद सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण भाजपा को हार का भय सता रहा है। अतएव वह चुनावों को आगे बड़ाना चाहती है। इसके लिये वह कोविड के फैलाव का बहाना बना सकती है।
प्रतिवेदन में चुनाव की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने और आदर्श आचार संहिता को फौरन लागू करने की मांग की गयी है ताकि भाजपा द्वारा सरकारी तंत्र के दुरुपयोग पर कानूनी लगाम कसी जासके।
भाकपा ने मांग की कि राजनैतिक उद्देश्य के लिये भाजपा सरकार द्वारा सरकारी मशीनरी, सरकारी धन और घोषणाओं के दुरुपयोग पर कारगर रोक लगायी जाये। प्रचार माध्यमों को जनता के धन से विज्ञापन देकर अपने निजी राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने की कारगुजारियों को तत्काल रोका जाये।
साथ ही सांप्रदायिक विषवमन, जातीय विद्वेष और धर्म के राजनीतिक उद्देश्य हेतु प्रयोग पर कड़ी कार्यवाही की जाये। मतदाता सूचियों में किसी तरह की गड़बड़ी न हो और सभी को मतदान का अवसर मिले, इस बात की गारंटी की जाये। विपक्ष को डराने के उद्देश्य से चुनाव से पूर्व सक्रिय की गयीं ईडी, सीबीआई एवं आईटी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग रोका जाये।
भाकपा ने मांग की कि चुनाव निर्धारित समय पर ही कराये जायें और अपरिहार्य कोविड प्रोटोकाल का पालन समान रूप से कराया जाये। चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों, इसकी गारंटी की जाये। स्वास्थ्यकर्मी, बैंक कर्मी एवं आम लोगों के बीच हमेशा रहने वाले कर्मियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाये।
जारी द्वारा-
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश
at 12:39 pm | 0 comments |
गरीबों और अमीरों के बीच खाई और चौड़ी हुयी 2021 में
2021 में गरीब और गरीब तथा अमीर और अमीर हुये हैं।
'सबका साथ और सबका विकास' का आलाप 'गरीबों का वोट और अमीरों को नोट' में बदला।
इसी तथ्य पर पर्दा डालने को भाजपा कर रही है तमाम तिकड़में।
हां ये विकास ही है जिसकी रट मोदी शाह योगी और समूचा संघ परिवार दिन रात लगाये रहता है। विकास के इस विकास के तहत पूंजीपति वर्ग और कार्पोरेट घराने मालामाल हुये हैं और गरीब और अधिक गरीबी की ओर धकेले जा चुके हैं।
जिस कोरोना को अर्थव्यवस्था की बरवादी का कारण बताया जाता रहा है उस काल में भी पूंजीवाद ने आपदा में अवसर तलाश लिये। गत एक वर्ष में बाजार नयी ऊंचाइयों को छूते हुए 52 फीसदी तक बढ़ा।
देश में अरबपतियों की संख्या बढ़ कर 126 पहुंच गई। एक अरब डालर ( करीब 75,000 करोड़ रुपये ) की हैसियत वाले प्रवर्तकों और कारोबारियों की संख्या वर्ष 2020 में 85 थी, जो 2021में रिकार्ड तोड़ कर 126 पर पहुंच गई है। इनकी कुल संपत्ति 728 अरब डालर ( करीब 54.6 लाख करोड़ रुपये ) है, जो दिसंबर 2020 में 494 अरब डालर ( करीब 37 लाख करोड़ रुपये) थी। इन अरबपतियों की सूची में इत्र कारोबारी पीयूष जैन जैसे अरबपति शामिल नहीं हैं, जिनकी काली संपत्ति इस गणना की परिधि से बाहर है।
उधर इस तस्वीर का दूसरा पहलू भी सामने आरहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी अवधि के दरम्यान देश में आर्थिक असमानता भी बढ़ गई है। यानी गरीब और गरीब होगये हैं। वहीं, अमीरों की संपत्ति में बढ़ोत्तरी दर्ज हुयी है।
वैश्विक असमानता रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गरीब और अमीर में असमानता का स्तर पांच गुना तक बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में शीर्ष10 फीसदी आबादी के पास कुल राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी हिस्सा है। इन 10 फीसदी में से 1 प्रतिशत के पास 22 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं निचली 50 फीसदी (आधी) आबादी के पास केवल 13 प्रतिशत हिस्सा है।
जी हां! अमीरों के और अमीर होने और गरीबों के और भी गरीब होने के ये आंकड़े 2021 के हैं, जिसके लिए भाजपा के झुठैत न नेहरू को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं न इंदिरा गांधी को। 'सबका साथ, सबका विकास' का भाजपा का आलाप 'गरीबों का वोट और अमीरों को नोट' में बदल चुका है।
इसी पर पर्दा डालने को खैरातें बांटी जारही हैं, धर्म की आड़ ली जारही है तथा सांप्रदायिक विभाजन और जातीय समीकरण बैठाने की तमाम तिकड़में की जारही हैं।
डा. गिरीश।
शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021
at 6:36 pm | 0 comments |
प्रकाशनार्थ
अयोध्या में राम नाम पर मची है लूट
भाकपा ने सर्वोच्च न्यायालय की देख रेख में जांच की मांग उठाई
लखनऊ-24 दिसंबर, 2021- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टौलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है और उसके भ्रष्टाचार के आगोश में राम मन्दिर परिसर तक आगया है। सच तो यह है कि अयोध्या में राम के नाम पर लूट मची है और गरीबों को उजाड़ कर संघी और उनके पोषित लोग ज़मीनें हड़प रहे हैं। भाजपा ने आस्था का कार्पोरेटीकरण और चुनावीकरण कर दिया है। भाजपा के मन्दिर निर्माण के केन्द्र में श्री राम के संघर्षों के साथियों के वंशज दलित पिछड़े आदिवासी नहीं हैं अपितु अधिकारी व्यापारी माफिया और कारपोरेट घराने हैं।
भाकपा ने अयोध्या में राम नाम पर चल रही लूट की सर्वोच्च न्यायालय की देख रेख में जांच करने की मांग की है। वो इसलिए भी कि मन्दिर निर्माण ट्रस्ट का गठन सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के आधार पर हुआ है।
ज्ञात हो कि उत्तरप्रदेश के चुनावों में भाजपा अयोध्या के विकास और वहां बन रहे राम मंदिर को प्रमुख मुद्दा बना रही थी, लेकिन वह अब मंदिर के नाम पर ज़मीन घोटाले के आरोपों में बुरी तरह फंस गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जब रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में फ़ैसला दिया और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ तो वहां विधायकों, मेयर, आयुक्त, एसडीएम और डीआईजी के रिश्तेदारों ने अयोध्या में तमाम ज़मीनें खरीद डाली हैं। खबर है कि ये ज़मीनें महंगे दामों में खरीदी गई हैं।
महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने 1990 के दशक की शुरुआत में, राम मंदिर स्थल से 5 किलोमीटर से भी कम दूरी पर बरहटा मांझा गांव और अयोध्या में आसपास के कुछ अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर ज़मीन का अधिग्रहण किया था। इस ज़मीन में से लगभग 21 बीघा जमीन दलितों से नियमों का उल्लंघन करते हुए ख़रीदी गई थी। इस ख़बर के सामने आने के बाद योगी सरकार ने अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच बैठाई है। विशेष सचिव राजस्व ज़मीन खरीद मामले को लेकर जांच करेंगे और शासन को एक हफ्ते में रिपोर्ट सौंप देंगे।
भाकपा सहित विपक्षी दलों द्वारा उठाई गयी सशक्त आवाज के बाद सरकार ने लीपापोती के उद्देश्य से शासकीय जांच बैठायी है। यह सरकार की स्वीकारोक्ति है कि भ्रष्टाचार हुआ है।
भाकपा मांग करती है कि अपने भाषणों में मन्दिर मन्दिर रटने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चंदे की लूट’ और ‘ज़मीन की लूट’ पर जवाब देना चाहिए और पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय और विश्वसनीय जांच करानी चाहिए।
भाकपा ने आरोप लगाया कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया और अब दलितों की जमीन को हड़पा जा रहा है। इसकी जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में की जानी चाहिए, क्योंकि राम मंदिर को बनवाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि राम के नाम पर लूट का यह खेल अयोध्या तक ही सीमित नहीं है, इसका दायरा काशी तक फैल चुका है और इसे मथुरा तक बढ़ाने की कुचेष्टा की जा रही है। भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने गत दिनों बयान दिया है कि मथुरा श्री कृष्ण की जन्मभूमि है और अब वहां उनका भव्य मंदिर बनना चाहिए। उनके पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी कृष्ण मंदिर की वकालत कर चुके हैं और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी बार-बार मथुरा के चक्कर काट रहे हैं। आए दिन संघ गिरोह का कोई न कोई संगठन मथुरा प्रकरण पर भड़काऊ बयानबाजी करता रहता है।
इधर काशी में पिछले दिनों जिस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया उस पर और उसके लक़दक़ उदघाटन पर जनता के धन के सैकड़ों करोड़ रुपये बहाये जा चुके हैं। अब इस भव्यता की कीमत भी श्रद्धालु जनता को ही चुकानी है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए पहले मामूली रकम लगती थी, लेकिन अब इसकी भी बाकायदा रेट- लिस्ट जारी कर दी गई है। इसका भुगतान कम से कम ग़रीब के लिए संभव नहीं है।
लोगों का अनुमान है कि जब अयोध्या में राम मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा, तब वहां भी यही कहानी दोहराई जाएगी। रामलला तक पहुंचने के मौके और अधिकार अमीरों को ही मिलेंगे, क्योंकि गरीब आदमी के लिए जेब ढीली कर उनका दर्शन कर पाना कठिन हो जायेगा। अब वो दिन चले गए जब जब लोग तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए धर्मशालाएं बनाया करते थे। अब धर्म के नाम पर व्यापार इस कदर बढ़ गया है कि अब आस्था दर्शन पूजा दीन- दुखियों की जगह केवल अमीरों की पहुंच में हो गई है।
मंदिरों में दर्शन, पूजा और प्रसाद के नाम पर व्यापार तो शुरु हो ही गया है, मंदिरों के नाम पर बने न्यासों में जो लाखों-करोड़ों की कमाई होती है, उस पर भी व्यापारियों की नज़र टिकी रहती है। कई मंदिर ट्रस्ट अपने खर्च पर गरीबों की पढ़ाई, इलाज जैसे काम करते हैं। मगर जिस तरह धर्म को धंधा बना लिया गया है, उसमें परोपकार के ये काम कितने देर तक चलेंगे, कहना कठिन है।
अयोध्या में जिस तरह ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त में गड़बड़ी उजागर हुई है, उससे सिध्द होगया है कि भाजपा राम के नाम पर लूट मचाये हुये है। राफेल लड़ाकू विमान खरीद से लेकर अयोध्या काशी तक भ्रष्टाचार का यह मायाजाल पसरा पड़ा है। इस पर तभी लगाम लगेगी जब उच्चस्तरीय जांच के बाद दोषी जेल के सींखचों के पीछे होंगे। भाजपा सरकार से ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपने पिटारे में बैठे भ्रष्टाचारियों पर बुलडोजर चलाएगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
•
बुधवार, 22 दिसंबर 2021
at 6:22 pm | 0 comments |
प्रकाशनार्थ
कोरोना की संभावित लहर को देखते हुये समुचित सुरक्षात्मक कदम उठाये सरकार: भाकपा
लखनऊ- 22 दिसंबर, 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना के पुनः प्रसार का खतरा बड़ता जा रहा है और सरकार जनता के प्रति दायित्वों को छोड़ सिर्फ चुनावी कामों में मशगूल है।
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि केन्द्र और राज्य सरकार की लापरवाही से दूसरी लहर के समय अस्पतालों में पलंग, आक्सीजन और डाक्टरों के अभाव में तमाम नागरिकों को जीवन से हाथ धोना पड़ा था। सरकारी अस्पताल तो मानो मौत के अड्डे बन गए थे। लेकिन सरकार बड़ी बेशर्मी से कहती है कि आक्सीजन और इलाज के अभाव में कोई भी दिवंगत नहीं हुआ।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि महामारी से हुयी भीषण जनहानि के बावजूद सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं किया। यही वजह कि गत माहों में डेंगू आदि बुखारों से भी भारी मौतें हुयी हैं। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ की तमाम जगहें खाली पड़ी हैं। दवाओं, पलंगों और उपकरणों का भी भारी अभाव है।
अब जब कोरोना पैर पसारने लगा है और खतरनाक ओमीक्रान वैरियंट से प्रभावितों की संख्या भी बड़ती जा रही है, सरकार नयी व्यवस्थायें करने के बजाय उपलब्ध पलंगों को ही रिजर्व करने की बात कर रही है।
सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और महंगाई हटाने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय विभाजन और वोट की राजनीति में जुटी है। अतएव नागरिकों में असुरक्षा की भावना बड़ती जा रही है। भाकपा मांग करती है कि अस्पतालों में डाक्टरों और स्टाफ की भर्ती की जाये, दवाएं उपकरण उपलब्ध कराये जायें। सचल इलाज समूह जो घरों पर चिकित्सा और देखभाल करें उपलब्ध कराई जायें। वैक्सीनेशन की रफ्तार बड़ाई जाये तथा अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए जायें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
The Central Secretariat of the Communist Party of India (CPI) has issued the following statement to the press: The Communist Party of India ...
-
अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (यूनेस्को), पेरिस अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की 50वीं वर्षगाँठ - 27 मार्च, 2012 - पर जॉन मायकोविच अभिनेता व ...
-
लखनऊ 12 दिसम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 21वाँ राज्य सम्मेलन 16 से 18 दिसम्बर 2011 को अलीगढ़ के हबीब गार्डन में सम्पन्न होगा, जिसमें पूर...
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कार्यकारिणी ने आगामी लोकसभा चुनावों में आरएसएस एवं उसके द्वारा नियंत्रित भाजपा को हराने को वामपंथी,...
-
लखनऊ 17 सितम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य मंत्रिपरिषद की एक आपात्कालीन बैठक राज्य सचिव डा. गिरीश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। ...
-
National Executive (24th May 2011) adopted the following norms for the allotment of MP Lad funds by CPI Members of Parliament Earlier Memb...
-
इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट (यूनेस्को),पेरिस विश्व रंगमंच दिवस संदेश : 27 मार्च, 2011 मानवता की सेवा में रंगमंच जेसिका ए. काहवा ...
-
समानुपातिक चुनाव प्रणाली और बुनियादी चुनाव सुधार लागू कराने को वामपंथी लोकतान्त्रिक दल अभियान तेज करेंगे। वाम कन्वेन्शन संपन्न लखनऊ- 20...
-
उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से मौतों पर भाकपा ने रोष जताया निर्वाचन आयोग से कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की लखनऊ- 13 मार्च , 2019- ...
-
प्रकाशनार्थ ( लखनऊ से दिनांक- 7 अगस्त 2019 को जारी )-- जम्मू एवं कश्मीर पर वामपंथी पार्टियों का संयुक्त बयान जम्मू एवं कश्मीर क...