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बुधवार, 11 अक्तूबर 2017

भाजपा का भ्रष्टाचार उजागर करने और महंगाई, बेरोजगारी जैसे सवालों पर भाकपा ने समूचे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन किया



लखनऊ-  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर उत्तर प्रदेश में आज भाकपा ने सभी जिला मुख्यालयों पर धरने और प्रदर्शनों का आयोजन किया और राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रेषित किये. इससे पहले प्रदेश में तीन सप्ताह तक लगातार जन अभियान  चलाया गया.
उपर्युक्त के संबंध में जानकारी देते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि यह आन्दोलन केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सहित तमाम राज्य सरकारों द्वारा किये जारहे घपले- घोटालों और भ्रष्टाचार, पनामा दस्तावेजों के खुलासे, निरंतर बढ़ रही महंगाई, नोटबन्दी और जीएसटी के लागू होने से उद्योग व्यापार और कृषि पर आये संकट, बैंकों में जमा जनता के धन से पूंजीपतियों को दिए कर्ज को बट्टे खाते में डालने से बैंकिंग व्यवस्था के समक्ष खड़े हुए संकट, बढ़ती बेरोजगारी और उजड़ती खेती जैसे सवालों को बहस के केंद्र में लाने और सरकारों को कार्यवाही के लिये मजबूर किये जाने के उद्देश्य से किया गया था.
प्रदर्शनों के दरम्यान भाकपा ने इस सवाल को शिद्दत से उठाया कि केंद्र सरकार के कार्यकाल के चालीस माह पूरे होते होते भाजपा नेताओं और उसकी सरकारों के भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक कर उघडती जारही हैं. भ्रष्टाचार का यह राक्षस आज सर चढ़ कर बोल रहा है और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे की संपत्ति में हुयी अनाप शनाप वृध्दि ने भाजपा के कथित सदाचार की चूलें हिला दी हैं. एक ओर भाजपा के दर्जन भर मंत्री संवैधानिक मर्यादाओं को लांघ कर इस गैर सरकारी व्यक्ति के भ्रष्टाचार को दबाने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के कई शीर्षस्थ नेताओं ने खुलकर इसके काले कारनामों और नीतियों का मुखर विरोध शुरू कर दिया है. भाकपा ने कहा कि अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जारही है और विकास दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जारही है. सरकार  बताये कि दो हजार और  पांच सौ के नोट कहाँ गायब होगये?
संगीन आरोपों और असंख्य से घिरा भाजपा का नेत्रत्व बौखला कर एक ओर विपक्षी दलों के खिलाफ अनर्गल बयानवाजी कर रहा है वहीं जनता को फुसलाने को खुद प्रधानमंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्रीगण धर्म का बेजा स्तेमाल कर रहे हैं. मंदिरों में पूजा का ढोंग किया जारहा है और राम- रहीमों ( साधुओं ) की टोलियों को भाजपा का कवच बताया जारहा है. बात बात पर आरएसएस की तारीफों के पुल बांधे जारहे हैं. भाकपा ने सवाल खडा किया कि यदि आरएसएस ही सब कुछ कर रहा है तो उसे खुद ही एक राजनैतिक पार्टी के रूप में सामने आना चाहिये भाजपा नामक ढोंग को समाप्त कर देना चाहिये.
भाकपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खनन नीति से बेकारी बढी है. त्योहारों के इस सीजन तक में मजदूरों को काम नहीं मिल रहा. बिजली के दाम असहनीय स्थिति तक बढ़ा दिए गए हैं. सरकारी विभागों और पुलिस में भ्रष्टाचार सारी सीमाएं लांघ चुका है. इलाज के अभाव में बूढ़े बच्चे सभी दम तोड़ रहे हैं, क़ानून व्यवस्था का बुरा हाल है. सरकार के दावों के विपरीत कई दंगे होचुके हैं.
आज दिए गए ज्ञापनों में मांग की गयी है कि केंद्र सरकार विदेशों में जमा काले धन संबंधी पनामा दस्तावेजों में दर्ज नामों का खुलासा करे, काले धन को वापस ला जनता से किये गए वायदों को पूरा करे, बैंकों द्वारा बट्टेखाते में डाल दिए गए पूंजीपतियों पर बकाया धन को सख्ती से बसूल करे, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में और कमी लाई जाए, महंगाई को नीचे लाया जाए, नोटबन्दी और जीएसटी जैसे कदमों से उद्योग व्यापार और कृषि पर आये संकट को दूर करने को कारगर कदम उठाये जाएँ, रोजगार दिए जाएँ, शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट दोगुना कर मुफ्त इलाज और पढाई मुहैय्या कराई जाए, किसानों के सभी प्रकार के कर्जे माफ़ किये जाएँ और उनकी आमदनी दोगुना करने के वायदे को पूरा किया जाए, बिजली के दामों में घटोत्तरी की जाए, छुट्टा जानवरों से किसानों की फसलों और नागरिकों के जीवन की रक्षा की जाए तथा उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए आदि.
जनपद जालों के उरई मुख्यालय पर कल ही एक शानदार प्रदर्शन किया गया था. आज इस समाचार के जारी किये जाने तक कानपुर शहर, आगरा, शामली, संत कबीर नगर, लखनऊ, जौनपुर, हाथरस, मथुरा, अलीगढ़, मेरठ, बदायूं, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, इलाहाबाद, गोरखपुर, मऊ, आज़मगढ़, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, मैनपुरी, झांसी, चित्रकूट, वाराणसी, सोनभद्र, बछरावां, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बलिया, कुशीनगर, मुरादाबाद, मुज़फ्फर नगर तथा गाजीपुर जनपद से प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए जाने के समाचार प्राप्त होचुके हैं.


डा. गिरीश 

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