भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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बुधवार, 30 जून 2021

महंगाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश और देश में वामपंथी दलों की जबर्दस्त दस्तक: मोदी योगी सरकार महंगाई को नीचे लाओ, वरना गद्दी से जाओ


 

लखनऊ- 30 जून 2021, महंगाई को नीचे लाओ, वरना गद्दी से जाओ इस स्पष्ट संदेश के साथ आज वामपंथी दलों ने उत्तर प्रदेश और देश में सड़कों पर उतर कर जबर्दस्त आक्रोश का इजहार किया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के प्रदेश सचिव डा॰ हीरालाल यादव, भाकपा माले-लिबरेशन के सचिव का॰ सुधाकर यादव एवं आल इंडिया फारबर्ड ब्लाक के राज्य संयोजक अभिनव कुशवाहा ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा निर्मित भय के वातावरण के बावजूद वामपंथी दलों के हजारों कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर महंगाई के खिलाफ जबर्दस्त आवाज बुलंद की।

चारों वामपंथी नेताओं ने इस प्रदेशव्यापी सफल दस्तक के लिये समस्त कार्यकर्ताओं को बधाई दी है।

यहां जारी एक बयान में चारों वाम नेताओं ने बताया कि वामपंथी दलों के राष्ट्रीय नेत्रत्व ने 16 से 30 जून तक महंगाई और जनता के अन्य बेहद जरूरी सवालों पर आंदोलन का आह्वान किया था जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 29 जून तक गांव- मोहहल्लों में व्यापक जनजाग्रति अभियान चलाया गया और आज जिला केन्द्रों पर धरने प्रदर्शन किये गये। सोशल मीडिया इन प्रदर्शनो की खबरों, फ़ोटोज़ और वीडियोज़ से पटा पड़ा है।

प्रदर्शनों के बाद जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दामों में इस साल में की गयी भयंकर बढ़ोत्तरियों को वापस लिया जाये, महंगाई पर प्रभावी अंकुश लगाया जाये, आवश्यक वस्तुओं एवं दवाओं की न्यूनतम कीमतें निर्धारित की जायेँ, सभी जरूरतमन्द परिवारों को निशुल्क राशन और रु॰ 7500 प्रतिमाह दिये जायें, बेरोजगारों को रोजगार दिया जाये तथा स्वास्थ्य शिक्षा का सार्वजनीकरण कर उसे हर व्यक्ति को सुलभ बनाया जाये।

आंदोलन में राज्य में शासक दल और सरकार द्वारा लोकतन्त्र पर किए जा रहे हमले और सांप्रदायिकता को हवा देकर समाज को बांटने की कोशिश के सवालों को भी शिद्दत से उठाया गया। वामदलों ने कहाकि यह आंदोलन जारी रहेगा और अन्य जनवादी दलों को भी साथ लाने के प्रयास जारी हैं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

  

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मंगलवार, 29 जून 2021

उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव- लोकतन्त्र को रौंदने पर आमादा है भाजपा : डा॰ गिरीश


लखनऊ- 29 जून 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि जैसी कि उम्मीद की जारही थी भाजपा सरकार और उसके मातहत प्रशासन ने आज फिर धींगामुश्ती से जिला पंचायत की चार और सीटों को हथिया लिया। यदि बड़े पैमाने पर जनता सड़कों पर न उतरी होती तो बागपत की सीट को भी हड़प लिया होता। उन्होने आशंका जतायी है कि 3 जुलाई को होने वाले निर्वाचन और गणना में भी भाजपा बड़ा खेला कर सकती है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहाकि योगी सरकार और प्रशासन द्वारा लोकतन्त्र का यह चीरहरण उस समय किया जारहा था जब लोकतान्त्रिक सत्ता के शीर्ष पुरुष महामहिम राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश में ही मौजूद थे और अपने भाषणों में वे बार बार लोकतन्त्र की दुहाई देरहे थे।

भाकपा ने आरोप लगाया कि बागपत जिला प्रशासन ने नकली प्रत्याशी के आवेदन पर जिला पंचायत की असली प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया। यदि बड़े पैमाने पर विपक्ष और जनता सड़कों पर न उतरी होती तो असली प्रत्याशी को वैध करार न दिया जाता। सवाल उठता है कि अमरोहा में प्रशासन ने वैध प्रस्तावक को अवैध करार दे दिया तो बागपत में अवैध प्रत्याशी की वैधता की जांच किए बिना नामांकन कैसे रद्द कर दिया गया। बागपत जिला प्रशासन पूरी तरह कठघरे में है।

भाकपा ने कहाकि भाजपा के दवाब में चार विपक्षी प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिये। इस तरह जिस जिला पंचायत सदस्यों के चुनावों में भाजपा नगण्य स्थिति में थी, उसने जिलाध्यक्ष की कुल 20 सीटें बिना लड़े ही हथिया लीं। यह लोकतन्त्र की पीठ पर बड़ा आघात है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि अपने जनविरोधी और जनतंत्र विरोधी कार्यों से भाजपा पूरी तरह बेनकाव होगयी है और उसे 2022 के विधान सभा चुनावों में हार का भूत सता रहा है। इसलिए अब वह सत्ता में पुनः वापसी के लिये हर नाजायज हथकंडा अपना रही है। भाजपा की इस तानाशाही का जबाव संयुक्त विपक्ष की लामबंदी और जनता की आंदोलनकारी कार्यवाहियों से ही दिया जा सकता है।

भाकपा ने मांग की कि बागपत के जिलाधिकारी को फौरन दंडित किया जाये, जिन जिलों में भाजपा ने अब तक बिना लड़े ही सीटें हथिया लीं हैं उसकी समयबध्द जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा कराई जाये और जांच होने तक उन पदों को सस्पेंड रखा जाये।

भाकपा ने कहाकि उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों को मिल कर मर्यादाओं को पार कर चुके उत्तर प्रदेश के निर्वाचन आयोग के विरूध्द भी आवाज उठानी होगी।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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शनिवार, 26 जून 2021

उत्तर प्रदेश जिलाध्यक्ष निर्वाचन/ नामांकन में हुयी लोकतन्त्र की हत्या : भाकपा


लखनऊ-26 जून, 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु नामांकन में भाजपा और उसकी सरकार द्वारा की गयी अभूतपूर्व धांधली की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है।

एक ओर आज जब देश के किसान कामगार और उनके शुभचिंतक खेती बचाओ, “लोकतन्त्र बचाओ” आंदोलन के तहत अपनी आवाज बुलन्द कर रहे थे, तब उत्तर प्रदेश में लोकतन्त्र का वीभत्स चीरहरण किया जा रहा था। इससे साबित होगया कि भाजपा का यह आपातकाल क्रूर फासीवाद के सिवा कुछ अन्य नहीं।

भाकपा ने कहाकि देश के लोकतन्त्र के इतिहास में यह पहला अवसर है जब निर्वाचन से पहले ही निर्वाचन प्रक्रिया की भ्रूण हत्या कर दी गयी और विपक्ष के लगभग डेढ़ दर्जन प्रत्याशियों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। कई के नामांकन रद्द कर दिये गये, कई के समर्थकों का अपहरण कर लिया गया तो कई को पहले ही पुलिस प्रशासन द्वारा आतंकित कर नामांकन करने से रोका गया अथवा जबरिया दल बदल करा भाजपा में शामिल कर लिया गया।

हर कोई जानता है कि जिला पंचायत सदस्य चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था और वह एक भी जिले में स्पष्ट बहुमत नहीं ला सकी थी। कई जिलों में उसके उंगलियों पर गिने जाने लायक सदस्य ही जीते थे। परंतु मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भाजपा 65 जिला पंचायत अध्यक्ष हासिल करके रहेगी। कोविड की आड़ में प्रदेश भर का उनका दौरा शासन, प्रशासन और स्थानीय भाजपा को उनके इस अपवित्र टार्गेट को पूरा करने को आदेशित करने को ही था, भाकपा ने आरोप लगाया है।

आज नामांकन के दिन हुयी भारी धांधली से हर कोई हिल गया है। जब नामांकन इतना वीभत्स है तो चुनाव कैसा होगा सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने राज्य निर्वाचन आयोग से मांग की कि जिन जिलों में ये अवैध करतूत हुयी है उसका निराकरण कर विपक्ष के लोगों का दोबारा नामांकन कराया जाये। धांधली से जुड़े अधिकारियों, पुलिसकर्मियों के विरूध्द मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही के आदेश दिये जायें। उन्होने चेतावनी दी कि निर्वाचन आयोग से न्याय नहीं मिला तो अन्य स्तरों पर लड़ाई जारी रहेगी।

भाकपा ने सभी विपक्षी दलों से अपील की कि लोकतन्त्र की हत्या के इस कदम का संयुक्त रूप से प्रतिकार करें।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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