लखनऊ- 30 सितंबर 2021,
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मंडल ने गोरखपुर पुलिस द्वारा
कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की पीट पीट कर की गयी हत्या पर गहरी पीड़ा जतायी है।
मुख्यमंत्री के ठोक दो मिशन को अंजाम देते हुये उत्तर प्रदेश में पुलिस हर रोज निर्दोष
लोगों की हत्या कर रही है। मनीष की हत्या उसी मिशन का हिस्सा है,
भाकपा ने खुला आरोप लगाया है।
गनीमत है कि मनीष अल्पसंख्यक
समुदाय से नहीं हैं और न उनका आपराधिक रिकार्ड है। यदि ऐसा होता तो योगी पुलिस उन्हें
आतंकवादी बता कर अथवा जघन्य अपराधी बताकर वाहवाही लूटने से बाज नहीं आती।
भाकपा ने कहा कि हो सकता है
कि राज्य सरकार अपने कुप्रयासों से इस मामले को भी उसी तरह दफना दे जैसा कि उसने लखनऊ
पुलिस द्वारा एक कारपोरेट कर्मचारी की गोली मार कर की गयी हत्या के मामले को ठंडा कर
दिया। लेकिन आज उत्तर प्रदेश का एक एक नागरिक खौफजदा है,
और ऐसा खौफनाक कांड किसी के भी साथ, कभी भी और कहीं भी हो सकता है।
भाकपा ने कहा कि पूर्व के गैर
भाजपा मुख्यमंत्रियों से छोटी छोटी बातों पर त्यागपत्र मांगने वाली भाजपा आज एक से
एक संगीन मामले घटित होने के बावजूद ध्रतराष्ट्र बनी हुयी है। भाकपा ने मुख्यमंत्री
से मांग की है कि हत्या की ज़िम्मेदारी लेते हुये वे तत्काल त्यागपत्र दें। उन्होने
सभी विपक्षी दलों से कहा कि अब वक्त आ चुका है जब समस्त विपक्ष को उनसे फौरन स्तीफ़ा
मांगना चाहिए।
भाकपा ने कहा कि झूठी मक्कार
और हत्यारी इस सरकार और उसके मातहत मशीनरी से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। अतएव
हत्या की जांच उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश के द्वारा करानी चाहिए। गोरखपुर के
एसएसपी सहित सभी जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर हत्या का मुकदमा दर्ज किया
जाना चाहिए। मुआबजे, नौकरी और पीड़ित परिवार की अन्य मांगों को तत्काल पूरा
किया जाना चाहिए।
डा॰ गिरीश,
राज्य सचिव
भाकपा,
उत्तर प्रदेश