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रविवार, 28 नवंबर 2021
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TET पेपर लीक के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार: भाकपा
प्रकाशनार्थ-
लखनऊ- 28 नवंबर, 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने TET परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने पर गहरा आक्रोश जताया है। पार्टी ने इसे छात्रों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए, इसके लिए सीधे मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।
भाकपा ने कहा कि पेपर लीक होने और लाखों अभ्यर्थियों को हैरान परेशान करने वाले इस कांड के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की चेतावनी देने वाले बड़बोले मुख्यमंत्री और उनकी सरकार वोटों के जुगाड़ में इतनी मशरूफ है कि प्रदेश में एक से एक बड़े कांड होरहे हैं।
प्रयागराज सामूहिक हत्याकांड की स्याही सूखी भी न थी कि अब इतना बड़ा कांड होगया। जनता परेशान है और मुख्यमंत्री चेतावनियों तक सीमित होकर रह गए हैं।
भाकपा ने मांग की कि दोषियों और उनके संरक्षक माफियाओं को कड़ी सजा दी जाये और सभी अभ्यर्थियों को रुपये 50 हजार प्रति व्यक्ति कम्पेनशेसन के तौर पर दिये जायें।
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश।
शुक्रवार, 19 नवंबर 2021
at 6:32 pm | 0 comments |
प्रकाशनार्थ
कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय चुनावों में हार के भय से लिया गया
यह किसान आंदोलन की जीत और सरकार के दंभ की पराजय है: भाकपा
लखनऊ- 19 नवंबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने प्रधानमंत्री द्वारा तीन क्रषी क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा को किसान आंदोलन की बड़ी जीत और अहंकारी, तानाशाह एवं कार्पोरेटपरस्त मोदी सरकार की बड़ी हानि बताया है।
एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि अभी आंदोलन के कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार को ठोस कदम उठाने हैं। तीनों क़ानूनों को संसद में रद्द करने के अलावा किसानों की उपजों की सही कीमत और सम्पूर्ण खरीद संबंधी एमएसपी कानून बनाना शेष है। साथ ही बिजली बिल 2020 को रद्द करने और लखीमपुर किसान- पत्रकार हत्याकांड के प्रायोजक केन्द्रीय ग्रहमंत्री को हटाने, 700 से अधिक किसानों की शहादत को सम्मान और उनके परिजनों को पर्याप्त मुआबजे का प्रश्न भी लंबित है। श्रमिकों के अधिकारों वेतनों और अन्य देयों में कटौती रद्द कराने, बेरोजगारों को रोजगार, पुरानी पेंशन बहाली, महंगाई को नीचे लाने और लोकतान्त्रिक क्रियाओं पर दमन जैसे मुद्दे भी लंबित पड़े हैं।
भाकपा ने कहाकि केन्द्र सरकार का यह निर्णय 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार के भय से बेहद देर से उठाया गया कदम है। प्रधानमंत्री आज भले ही सदाशयता का नाटक कर रहे हैं लेकिन सभी जानते हैं उन्होने, उनकी सरकार और पार्टी भाजपा ने लोकतान्त्रिक आंदोलनों को कुचलने को कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी।
दिल्ली आरहे किसानों की राह में अवरोध खड़े किये, आंदोलन स्थल पर बाड़ें लगवाईं, कीलें ठोकीं, आँसू गैस, पानी और रबर बुलेट से प्रहार किये, उन्हें खालिस्तानी बताया, आन्दोलनजीवी बता कर उनका मज़ाक उड़ाया, उन पर लखीमपुर में बुलडोजर चढ़वा कर हत्यायेँ कीं और प्रधानमंत्री ने आज तक उनकी शहादत पर दो शब्द तक नहीं बोले। सीएए, एनआरसी विरोधी आंदोलनों पर दमनचक्र और जगह जगह पर विपक्ष के आंदोलनकारियों को देशद्रोह जैसे आरोपों में गिरफ्तार कराया।
किसान आंदोलन ने लोकतांत्रिक आंदोलनों के लिये रास्ता हमवार किया है और लोकतन्त्र की रक्षा की है। इस महान आंदोलन को वोटों के लिये किसी के भी द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। भाकपा शुरू से ही चट्टान की तरह आंदोलन के साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी। आगामी आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले का इंतिज़ार रहेगा।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा , उत्तर प्रदेश
बुधवार, 17 नवंबर 2021
at 8:55 pm | 0 comments |
प्रकाशनार्थ
प्रकाशनार्थ-
कानपुर में पुलिस प्रताड़ना से एक युवक की मौत की भाकपा ने कड़े शब्दों में निन्दा की
लखनऊ- 17 नवंबर, 2017, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने यहां बयान जारी कर यह आरोप दोहराया है कि प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री कितना भी गला फाड़ कर चीखें, उत्तर प्रदेश में पुलिसराज कायम है और हर दिन पुलिस किसी न किसी की हत्या कर रही है। यह मुख्यमंत्री के उन शर्मनाक बयानों का दुष्परिणाम है कि पुलिस को ठोकने के आदेश हैं।
गोरखपुर में व्यापारी, आगरा में वाल्मीक युवक और कासगंज में अल्पसंख्यक युवक की हत्या के बाद अब ठोकोराज की पुलिस ने कानपुर में एक युवक को कस्टडी में इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई और एक परिवार फिर उजड़ गया।
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने घटना की तीव्रतम निन्दा की है, और इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। भाकपा ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने, पीड़ित परिवार को 50 लाख सहायता और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के दलों पर तंज कसा है कि वे जनता की रक्षा में आवाज उठाने के बजाय चुनावी मंच सजाने में जुटे हैं। भाकपा आमजनों की आवाज लगातार उठा रही है, और उठाती रहेगी।
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश।
सोमवार, 15 नवंबर 2021
at 3:56 pm | 0 comments |
उत्तर प्रदेश में जंगलराज
उत्तर प्रदेश में हर दिन हो रहे हैं बलात्कार और पीडिताओं की हत्याएं
कानून व्यवस्था की पंगुता पर झूठ पर झूठ बोलना बन्द करे भाजपा नेत्रत्व
पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने को हर संभव कदम उठायेगी भाकपा- राज्य सचिव ने दी चेतावनी
लखनऊ- 15 नवंबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने भाजपा और उसके शीर्षस्थ नेत्रत्व पर आरोप लगाया है कि वे उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त बता कर भुक्त भोगी उत्तर प्रदेश की जनता के घावों पर नमक छिड़क रहे हैं। भाजपा नेत्रत्व के निर्लज्ज और झूठे दावों के विपरीत सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम है। जिन बालिकाओं और महिलाओं के निर्भयतापूर्वक स्कूल जाने के दाबे मुख्यमंत्री अपने बयानों और सरकारी धन से दिये जा रहे विज्ञापनों में कर रहे हैं वे दाबे न केवल खोखले हैं बल्कि कड़वे सच पर पर्दा डालने वाले हैं।
एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि गत दिन जब केन्द्रीय गृह मंत्री उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री की तारीफ़ों के पुल बांध रहे थे और बड़बोले मुख्यमंत्री अपराधियों को भयाक्रांत करने के अपने खोखले दावों पर अपनी पीठ खुद थपथपा रहे थे, उस वक्त भी उत्तर प्रदेश में कई होनहार छात्राओं महिलाओं से दरिंदगी तथा उनमें से एक की हत्या करने की दिल दहलाने वाली घटनायें घट रहीं थीं।
गत शनिवार को ही जनपद- पीलीभीत के थाना- बरखेड़ा के एक गाँव की कक्षा 12वीं की 16 वर्षीय छात्रा अपनी माँ को सुबह साढ़े नौ बजे तक लौटने की कह कर कोचिंग सेंटर के लिए निकली थी। दरिंदों ने दिन दहाड़े उससे गन्ने के खेत में बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। परिवार को सोलह घंटे बाद उसका लहूलुहान शव नग्नावस्था में मिला। होनहार इस छात्रा ने हाई स्कूल की परीक्षा A ग्रेड में पास की थी और वह डाक्टर बन समाज सेवा करना चाहती थी। डा॰ गिरीश ने दिन रात झूठ की फसल उगाने वाले मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि क्या वे इस छात्रा के सपने लौटा देंगे? क्या उस परिवार को उनकी होनहार बेटी लौटा देंगे?
इसी दिन हुयी एक अन्य घटना भी भगवाइयों के रामराज्य के प्रपोगंडा की कलई खोल कर रख देती है। दिन दहाड़े ही लखीमपुर जनपद के खीरी थानान्तर्गत एक गाँव की एक 16 वर्षीय छात्रा स्कूल से घर लौट रही थी, कि गाँव के बाहर छात्रा को अकेला देख दो लोग उसे खेत में खींच ले गये और छात्रा से सामूहिक बलात्कार किया। किसी तरह दरिंदों के चंगुल से छूट छात्रा घर पहुंची और आपबीती से परिजनों को अवगत कराया।
बरेली जनपद के मोरादाबाद क्षेत्र की घटना मुख्यमंत्री के इस दाबे को तार तार कर देती है कि उत्तर प्रदेश के अंदर अपराधी थर थर काँप रहे हैं। क्षेत्र की एक पीड़ित महिला द्वारा कल किये खुलासे के अनुसार 8 व्यक्तियों ने उसके साथ जबरन बलात्कार किया और वीडियो बना लिया। महिला को मुंह बन्द रखने की धमकी दी और मजबूरन वह खामोश रही। पर भयमुक्त दरिंदों ने उसको आन लाइन वीडियो भेज सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी तो महिला को मुंह खोलना पड़ा, और उसने एफ़आईआर दर्ज कराई।
योगीराज में दरिन्दे विकलांग बच्चियों पर भी रहम करने को तैयार नहीं हैं। यहाँ नाबालिगों काम पिपासा भी काबू से बाहर जा रही है। बदायूं जनपद के दातागंज क्षेत्र में 11 और 14 वर्ष के दो नाबालिग लड़के विकलांग 14 वर्षीय बच्ची को उस समय घर से उठा कर गन्ने के खेत में लेगये जब वह घर में अकेली थी। दोनों ने बारी बारी से उसके साथ बलात्कार किया। बालिका दायें पैर से अपंग थी और चल भी नहीं सकती थी।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के साथ ऐसे जघन्य क्रत्य हर दिन हो रहे हैं और प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंती आदि सभी उत्तर प्रदेश के हालातों पर झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं।
भाकपा ने सभी अपराधियों को जेल के सींखचों के पीछे पहुंचाने, उन्हें कड़ी सजा दिये जाने, पीड़ित्त परिवारों को समुचित मुआबजा दिये जाने और संबंधित थानों के पुलिसकर्मियों के विरूध्द कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने की मांग की है। भाकपा ने कहा कि नैतिकता का तकाजा तो यह है कि मुख्यमंत्री जनता के समक्ष अपनी असमर्थता स्वीकार करें और इन बालिकाओं के अभिभावकों के पास पहुँच उनसे माफी मांगें ताकि उनके जख्मों पर मरहम लग सके।
भाकपा ने घटना वाले जिलों की अपनी इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे पीड़ित परिवारों से मिलें, उन्हें ढाढ़स बंधाएं और उन्हें न्याय दिलाने को हर संभव कदम उठायेँ।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
शुक्रवार, 5 नवंबर 2021
at 2:25 pm | 0 comments |
हिंदुत्व का प्रदूषण
दीपोत्सव अपना रौद्र रूप दिखा कर गुजर गया। अढ़ाई सौ रुपये लीटर तेल, दीपक तो नाममात्र को ही जले। शत्रु देश चीन की लड़ियां फुलझड़ियां ही हावी दिखीं। गरीब घरों के बच्चे अमीरों की आबादी में एक मोमबत्ती, एक अदद पटाखे अथवा कोई खाली दीपक ही मिल जाये, ललचाते घूमते दिखे। मिठाई तो दूर कई घरों में सामान्य पकवान तक नहीं बने।
वहीं अमीरों और अमीर होने का दम्भ पाले मध्यमवर्ग का उल्लास पागलपन की हद तक था। पकवान मिठाइयां उन्हें मुबारक। मेरा एतराज पागलपन की सारी हदें पार चुके पटाखेबाजी से है। सर्वोच्च न्यायालय ने जहरीले पटाखे न चलाने की सीख क्या देदी, संघ परिवार और उसका समूचा प्रचारतंत्र चिंघाड़ उठा। "ये सारी पाबन्दियों हिंदुओं पर ही क्यों?" जैसे सवालों की झड़ी लग गयी। संदेश ये था कि खूब फोड़ो पटाखे।
हिंदुत्व के इस उन्माद ने तर्क और हानि जैसे प्रश्नों को पीछे धकेल दिया। जिन पटाखों की खोज चीन ने की, आज भी अधिकतर बारूद चीन से ही आरही है, पर रामराज्य में चीन विरोधी राष्ट्रवाद घल्लूघारा होगया। जो बुज़ुर्गवान शुध्द हवा की तलाश में सुबह सुबह पार्कों बगीचों का रुख करते हैं नाती पोतों के साथ पाकिस्तान और मुसलमानों को संदेश देने में जुटे थे। हिंदू नामधारी तमाम निरीह प्राणियों के फेफड़ों में धुआं उंडेल रहे थे। मासूम सा तर्क था पाकिस्तान और मुसलमानों को सन्देश देना है तो इत्ती कुर्बानी तो करनी होगी।
मुझे याद है कि 2014 से पहले टीवी चैनलों पर दीवाली के हफ्ते भर पहले से सैलिब्रिटीज की अपीलें आने लगतीं थीं कि पटाखे नहीं चलाने। पक्ष विपक्ष के नेतागण भी स्वास्थ्य पर्यावरण की रक्षा के लिए सावधान करते नजर आते। पर अब बात अलग है। 24 कैरट का रामराज है। धुआं भी झेलना है और असह्य कानफोड़ू शोर भी।
सारी शासकीय मशीनरी ने कानों में तेल डाल लिया था। कानून और उसके रक्षक कुंभकर्णी निद्रा में सोये थे। रात डेढ़ दो बजे तक चले इस महाताण्डव की कोई शिकायत तक सुनने को तैयार न था। वाट्सएप मेसेज अभी तक टच नहीं किये गए। राजसत्ता के इशारों को हमारी ब्यूरोक्रेसी से अधिक भगवान? भी नहीं समझते।
सो बुजुर्गों ने, बीमारों ने, नवजातों ने रात भर धुआं झेला और नीन्द खराब की। सुबह उठे तो आसमान में उषा की लालिमा की जगह धुएं की कालिमा छायी हुयी थीं। जो आज दोपहर तक राहु की तरह रोशनी को निगले हुये है।
गुरुवार, 4 नवंबर 2021
at 5:13 pm | 0 comments |
प्रकाशनार्थ
पेट्रोल डीजल की कीमतों में मामूली कमी पर भाकपा की प्रतिक्रिया-
"तोहफा नहीं ये धोखा है," 2020 - 21 में की गयी सारी बढ़ोत्तरियों को वापस ले सरकार।
लखनऊ- 4 नवंबर 2021, केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गयी मामूली कमी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने कहा कि ये कमी तोहफा नहीं धोखा है, और सरकार को इन जिंसों पर 2020 से लेकर अब तक की गयी सारी बढ़ोत्तरी को वापस लेना चाहिए। साथ ही इन लगभग दो वर्षों में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों को बढ़ा कर जनता की जेब से निकाले गये धन को ब्याज सहित लौटाना चाहिये।
भाकपा ने सवाल किया कि यदि सरकार जनता को दीवाली का तोहफा ही देना चाहती थी तो उसे कम से कम एक हफ्ते पहले देना चाहिए था, जैसे कि सरकारी कर्मियों को महंगाई भत्ता दिया गया है। औसतन आदमी जब त्यौहार से संबंधित 90 प्रतिशत खरीददारी कर चुका है तब यह कथित तोहफा बेमानी है।
सच तो यह है कि उपचुनावों में भाजपा की हुयी करारी हार, विपक्ष खासकर वामपंथ के महंगाई विरोधी अभियानों, ट्रांसपोर्टर्स, वाहन उद्योग और बाजार के दबावों, जनता की भारी नाराजगी तथा उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों में हार के भय से भाजपा सरकार ने ये दिखावा किया है। पर जनता सब समझती है और वह लुटेरों को समझाना भी जानती है।
भाकपा ने गत वर्षों में की गयी समूची बढ़ोत्तरियों को वापस लेने और एरियर्स के भुगतान की मांग के साथ साथ टोल टैक्स बसूली और वाहनों पर लगायी जारही तमाम पैनल्टीज पर भी सवाल उठाया है। इन दोनों ने यात्रा और माल ढुलाई को असहनीय पीड़ादायक बना दिया है।
टोल टैक्स के औचित्य पर सवाल उठाते हुए भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि वाहन खरीद पर अधिकतम जीएसटी बसूली जाती है। वाहन रजिस्ट्रेशन के नाम पर भारी रोड टैक्स और बीमा राशि बसूली जाती है, डीजल पेट्रोल पर अतिरिक्त कर( सेस ), एक्साइज एवं वैट बसूले जाते हैं। फिर इसी धन से बनने वाली सड़कों पर टोल टैक्स बसूलना जनता की लूट है और उसके साथ बड़ा धोखा है।
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे पर जरा स्पीड बढ़ने पर रुपये 2 हजार की पैनल्टी ठोक दी जाती है। सड़क पर चलना और माल ढुलाई आज बहुत कठिन होगया है और ये बढ़ती महंगाई का सबसे बड़ा कारण है। जनता के साथ ये अपराध वह सरकार कर रही है जो आसमान से नहीं टपकी जनता के वोटों से चुनी गयी है।
अब वक्त आगया है इस सारी लूट के खिलाफ चहुँतरफ़ा आवाज उठे और सरकार को अपने कदम वापस खींचने के लिए बाध्य किया जाये, भाकपा ने कहा है।
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा उत्तर प्रदेश।
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