भाकपा सचिव मंडल की ओर से जारी बयान में राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि प्रदेश की किसी जांच एजेन्सी से इन मंत्रियों की जांच कराना कारगर साबित नहीं होगा क्योंकि ये लोग इतने ताकतवर हैं कि प्रदेश की जांच एजेंसियों को अपने प्रभाव में ले सकते हैं। पूर्व में ऐसा हो भी चुका है। जांच में विलम्ब करने से ये शक्तिशाली नेतागण अपनी बचत के तमाम रास्ते ढूंढ लेंगे। सीबीआई से इनकी जांच कराना इसलिए भी जरूरी है कि इनका आर्थिक साम्राज्य पूरे देश में फैला है और संभव है कि इनका धन विदेशी बैंकों में भी जमा हो।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि आज एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं, फिर भी लोग भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह पूंजीवादी व्यवस्था में पैदा हो रही सड़न का परिचायक है। जातिवाद ने भी इसको बढ़ाने में बड़ी मदद की है, जिसके चलते अपनी जाति के भ्रष्टाचारी नेताओं, अफसरों और यहां तककि डाकू, अपराधी, माफिया सरगनाओं को लोग खुलकर महिमामंडित करते हैं और उनके फंसने पर उनकी ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं। पूर्व ऊर्जा मंत्री जैसे नेता जातिवाद की बैसाखी पर चढ़कर ही अपना यह सारा साम्राज्य खड़ा किये हैं।
डा. गिरीश ने कहा कि लोकायुक्त के विरूद्ध की जा रही आपत्तिजनक टिप्पणियों, उनको दी जा रही धमकियों तथा शिकायतकर्ताओं को दी जा रही धमकियों को भी गम्भीरता से लिया जाना चाहिए और उचित धाराओं में मुकदमें दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए।
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