यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि प्रदेश के चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का वर्ष 2011-12 का 1800 करोड़ बकाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बकाये के भुगतान का आदेश जारी कर दिया है लेकिन फिर भी राज्य सरकार और चीनी मिलों के मालिकों के बीच चल रही सांठगांठ के चलते किसानों के धन के भुगतान को टाला जा रहा है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि इस भुगतान के विलम्बित होने से किसानों में भारी आक्रोश पनप रहा है और वे जगह-जगह आन्दोलन करने को बाध्य हो रहे हैं। मेरठ जनपद की मवाना चीनी मिल पर भी किसानों का 66 करोड़ रूपये बकाया है जो ब्याज समेत 71 करोड़ हो चुका है। इस बकाये की अदायगी की मांग को लेकर भाकपा समर्थित किसान सभा ने मवाना चीनी मिल के मुख्यद्वार पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है जिसमें सैकड़ों किसानों ने भागीदारी की है। का. जितेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में चल रहे इस धरने के माध्यम से मांग की जा रही है कि मवाना चीनी मिल मय ब्याज के किसानों के समस्त बकाये का अविलम्ब भुगतान करे। इसी तरह के आन्दोलन की रूपरेखा अन्य जिलों में भी बनती नजर आ रही है।
भाकपा राज्य सचिवमंडल ने गन्ना किसानों के आन्दोलन का पुरजोर समर्थन करते हुए चेतावनी दी कि यदि यह भुगतान तत्काल नहीं कराया गया तो किसान आन्दोलन प्रदेश भर में फैल जायेगा।
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