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मंगलवार, 29 मार्च 2016
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उत्तराखंड सरकार की बर्खास्तगी की विपक्षी दलों ने निंदा की
हाथरस: 29 मार्च, जनपद के कई राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की एक बैठक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश की अध्यक्षता में उन्हीं के आवास पर संपन्न हुयी.
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की कडे से कडे शब्दों में निंदा की गयी और भाजपा सरकार के इस कदम को संविधान विरोधी और लोकतंत्र पर बडा हमला बताया गया.
बैठक को संबोधित करते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि बहुमत साबित करने की तिथि से एक दिन पूर्व षड्यंत्र के तहत उत्तराखंड की सरकार को बर्खास्त किया जाना कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि एस.आर. बोम्मई प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बहुमत साबित करने की जगह सदन/ विधान सभा है ना कि राष्ट्रपति भवन अथवा राजभवन. लेकिन सत्ता की भूख में भाजपा सारी लोकतांत्रिक परंपराओं और मर्यादाओं का हनन करने पर आमादा है.
डा. गिरीश ने कहाकि केंद्र सरकार अपने जनविरोधी कार्यों और वायदा खिलाफी के चलते जनता और मतदाताओं का पूरी तरह विश्वास खो बैठी है और दिल्ली तथा बिहार विधान सभा के चुनावों में उसे करारी पराजय का सामना करना पडा था. आगामी पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में भी उसकी करारी हार के लक्षण साफ नजर आने लगे हैं. वोट के जरिये सत्ता हासिल न कर पाने में विफल भाजपा अब सत्ता हरण के लिये तमाम अनैतिक हथकंडे अपना रही है. पहले उसने अरुणांचल में सत्ता हरण का घृणित खेल खेला और अब वही खेल उत्तराखंड में खेला जा रहा है. अगर इसका माकूल जबाव नहीं दिया गया तो विपक्ष की एक एक राज्य सरकार को हडपने की कोशिश की जायेगी.
बैठक में सहमति बनी कि जल्दी ही दोबारा बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जायेगी. " लोक तंत्र बचाओ, संविधान बचाओ," "संविधान बचाओ, देश बचाओ" के उद्घोष के साथ अभियान चलाया जायेगा.
बैठक में राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष चौधरी रमेश ठैनुआं व मनोज चौधरी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष करुणेश मोहन दीक्षित व नगर अध्यक्ष चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, समाजवादी पार्टी के जिला सचिव गौरीशंकर बघेल व अभयपाल सिंह तथा भाकपा के जिला सचिव का. चरनसिंह बघेल व सहसचिव सत्यपाल रावल आदि ने भी विचार व्यक्त किये.
डा. गिरीश
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