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सोमवार, 3 जुलाई 2017
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CPI
गोहत्या के नाम पर होरही
हत्याओं पर घडियाली आंसू बहाना बंद कर
कडी कार्यवाही करे मोदी
सरकार: भाकपा
आगरा- 2जुलाई 2017, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के
आगरा और अलीगढ मंडलों के अग्रणी कार्यकर्ताओं और नेताओं की एक संयुक्त बैठक यहाँ आगरा
के वरिष्ठ नेता का. रमेश मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुयी. यह बैठक पार्टी की राष्ट्रीय
परिषद और उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी की बैठक के निर्णयों से पार्टी कमेटियों को
अवगत कराने और फैसलों को अमल में लाने के उद्देश्य से आयोजित की गयी थी.
बैठक को संबोधित करते हुये भाकपा
के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि मोदी सरकार के इस तीन साल के कार्यकाल में काम कम
बातें ज्यादा हुयीं हैं. यही वजह है कि आज देश का किसान, कामगार और आम आदमी कठिनाइयों
के कठिन दौर से गुजर रहा है. जी.एस.टी. इस सरकार का आम लोगों पर नया प्रहार है. संसद
ने जिस भावना से इस बिल को पारित किया था मोदी सरकार ने उसे उस रुप में लागू नहीं किया.
अंबानी अदानी विजय माल्या जैसे एकाधिकारवादी उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने को पेट्रोलियम
पदार्थों और शराब को जीएसटी से बाहर रखा गया है. यह हरकत जनता पर भार बढाने वाली है.
इतना ही नहीं इसके लागू होते
ही रेल किराया, खान-पान, रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुयें, कपडे, इलाज और यहाँ तक कि कृषि उपादान महंगे होगये हैं और लक्जरी
कारें और अन्य लक्जरी आयटम सस्ते होगये हैं. इसकी जटिल प्रक्रियाओं के मकडजाल में छोटा
व्यापारी तो फंस कर रह जायेगा.
डा. गिरीश ने कहा कि देश भर
में गौरक्षा के नाम पर लोगों के कत्लेआम की वारदातें लगातार बढती जारही हैं. राज्य
सरकारों को स्पष्ट संदेश कि "या तो हत्याओं को रोको नहीं तो परिणाम भुगतने को
तैयार रहो" देने के बजाय प्रधानमंत्री जी इन हत्याओं पर घडियाली आंसू बहा रहे
हैं और भाजपा अध्यक्ष पिछली सरकारों के आकडे गिना रहे हैं. यह दोनों का निंदनीय और
उपहासास्पद आचरण है. जो संगठन इस हिंसा के लिये वातावरण तैयार कर रहे हैं उन पर भी
कार्यवाही की जानी चाहिये.
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था
को गत 70 सालों में बदतरीन बताते हुये भाकपा राज्य सचिव ने राज्य सरकार पर लोकतांत्रिक
मूल्यों को कुचलने का आरोप लगाया. समस्याओं के निराकरण में पूरी तरह असफल योगी सरकार
ध्यान बंटाने को विभाजनकारी क्रिया कलापों को बढावा दे रही है और जनता के हित में आवाज
उठाने वालों को पुलिस प्रशासन के बल पर कुचल रही है. भाकपा और वामपंथ चौकस है और इनके
कारनामों के विरुध्द निरंतर आवाज उठा रहा है.
राज्य कार्यकारिणी के सदस्य
गफ्फार अब्बास एड्वोकेट ने कहा कि अभी हमने उत्तर प्रदेश में 12 जून को दमन विरोधी
दिवस सफलता पूर्वक आयोजित किया था और अब किसानों, मजदूरों और हर तरह के उत्पीडितों के हक की आवाज
बुलंद करने को 24 से 26 जुलाई तक लगातार आंदोलन चलाया जायेगा. राज्य कार्यकारिणी के
सदस्य सुहेव शेरवानी ने कहा कि हमें आंदोलन के साथ साथ संगठन के विस्तार और उसको मजबूत
करने की दिशा में ठोस प्रयास करने चाहिये.
बैठक को हाथरस के जिला सचिव
चरनसिंह बघेल, अलीगढ के एहतेशाम बेग, मथुरा के पप्पू सिंह और अशफाक, राज्य काउंसिल सदस्य तेजसिंह
वर्मा, आगरा के जिला सचिव ताराचंद, महावीर प्रसाद द्विवेदी, ओमप्रकाश पूर्व प्रधान, रमेश चंद्र कटारा, पूरन सिंह, मोहनसिंह जादूगर, जगदीश चंद्र शर्मा, सुधीर कुलश्रेष्ठ आदि ने संबोधित
किया. संचालन का. गफ्फार अब्बास ने किया.
अध्यक्षीय भाषण में रमेश मिश्रा
ने कहा कि आज़ादी के आंदोलन में और आज़ादी के बाद भारत के नव निर्माण में भाकपा ने गौरवशाली
भूमिका निभाई है. हमने किसानों कामगारों और आम जनता के हितों की रक्षा के लिये बडे
संघर्ष चलाये हैं. भाकपा सांप्रदायिकता, जातीय भेदभाव और भ्रष्टाचार के विरुध्द संघर्ष में
सभी से आगे रही है. उन्होने देश के युवाओं से कहा कि वे अपने उज्ज्वल भविष्य को साकार
करने को भाकपा के साथ जुडें.
डा. गिरीश
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