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शनिवार, 26 अगस्त 2017
at 6:11 pm | 0 comments |
Deport so called Gaurakshaks of Bulandshahar: CPI
बुलंदशहर में गोरक्षा
के नाम पर उत्पात मचाने वालों को जेल भेजा जाये: भाकपा
लखनऊ- 26 अगस्त, जिस वक्त बाबा राम रहीम के
समर्थक हरियाणा में तबाही मचा रहे थे ठीक उसी वक्त आरएसएस और बजरंगदल के लोग मोदी और
योगी की चेतावनियों को दरकिनार कर जनपद बुलंदशहर के ग्राम अढौली में तांडव मचा रहे
थे. हरियाणा में उनका निशाना कानून व्यवस्था, न्यायपालिका और आम नागरिक थे तो बुलंदशहर में इनके
निशाने पर अल्पसंख्यक, अमन और भाईचारा थे.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के
राज्य सचिव मंडल ने आरएसएस गिरोह द्वारा प्रायोजित इस उत्पात की कडे से कडे शब्दों
में निंदा की है और जिला पुलिस और प्रशासन से अपेक्षा की है कि वे मोदी जी और योगीजी
द्वारा जनता को लगातार दिये जारहे आश्वासनों कि “गाय के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं
की जायेगी” का अनुपालन करेंगे और इन कथित गौरक्षकों को जेल के सींखचों के पीछे अविलंब
पहुंचाने का काम करेंगे.
अपने पार्टी के साथियों और अन्य
सूत्रों से जुटाई जानकारी के आधार पर भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि जनपद
बुलंदशहर के ग्राम अढौली में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक बिरादरी के लोग सदियों से भाईचारे
के साथ रह रहे हैं. लेकिन पहले केंद्र और अब राज्य में भाजपा के सत्तारूढ होने के बाद
गांव में काम कर रहे संघ के सहयोगी संगठनों से जुड़े कई कार्यकर्ता अल्पसंख्यकों को
प्रताड़ित करने का कोई न कोई बहाना ढूंढते रहते हैं.
गत दिन गांव की पोखर के पास
किसी मृत पशु के अवशेष पड़े थे. संघियों ने उन्हें गाय के अवशेष बता कर भीड़ इकट्ठी कर
ली. सूचना पर आयी पुलिस ने जब भांप लिया कि अवशेष अज्ञात जानवर के हैं तो उन्हें दफन
करा दिया. लेकिन अगले दिन संघियों ने आसपास के गांवों से अपनी चांडाल- चौकड़ी इकट्ठी कर ली और सुनियोजित तरीके से अपसंख्यकों
के धर्मस्थलों और उनके मकानों पर धावा बोल दिया. कई लोगों को पीटा और कई घरों में लूटपाट
की. लेकिन दिन के उजाले में की गयी इन बारदातों को अंजाम देने वालों पर अभी तक कोई
कार्यवाही इसलिये नहीं की गयी कि हमलावर शासक गिरोह से संबंधित हैं. उलटे पुलिस ने
अल्पसंख्यकों के खिलाफ मामला दर्ज किया हुआ है. पुलिस की यह करतूत मोदीजी और योगीजी
के दावों को मुहं चिढा रही है.
डा. गिरीश ने कहाकि गांवों के
सामंती तत्व जिन्हें आज भाजपा और उसकी सरकार का सरंक्षण हासिल है, अल्पसंख्यकों को इसलिये भी
प्रताडित कर रहे हैं कि वे गांवों से पलायन कर जायें और उनकी संपात्तियों को वे औने-
पौने दामों पर हथिया लें. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों और अति पिछ्ड़ों को गांवों
से पहले ही खदेड़ा जाचुका है. दूसरे- भाजपा और संघ गाय के नाम पर अपनी विभाजन की राजनीति
को बरकरार रखना चाहते हैं. गाय से इन्हें कितना प्रेम है आज सभी जान चुके हैं. चारे
के अभाव में तमाम बछड़े छुट्टल छोड़ दिये गये हैं और वे किसानों की फसलों को रौंद रहे
हैं और इंसानों पर जानलेवा हमले बोल रहे हैं. संघियो द्वारा नियंत्रित गोशालाओं में
कितनी गायें दम तोड़ चुकी हैं किसी से छिपा नहीं है. गौ और गौसुतों की मुरीद सरकार ने
आज तक उनके लालन- पालन का कोई इंतज़ाम नहीं किया है.
गुरुवार, 24 अगस्त 2017
at 6:29 pm | 0 comments |
Left Demanded expulsion of Rail Minister and Health Minister of U.P.
रेल मंत्री और उत्तर
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी तथा घटनाओं की न्यायिक जांच आदि मांगों को लेकर प्रदेश भर में सड़कों पर उतरे वाम
दल
लखनऊ- 24 अगस्त 2017, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और
अन्य वामपंथी दलों ने आज गोरखपुर बाल- संहार कांड और एक के बाद एक रेल दुर्घटनाओं में
होरही मौतों और संपत्ति की हानि आदि पीडादायक सवालों को लेकर उत्तर प्रदेश भर में जिला
मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिये. वामदलों ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री
और रेल मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की.
वामपंथी दलों ने कहाकि गोरखपुर
मेडिकल कालेज में आक्सीजन के अभाव में हुयी बच्चों की मौत का सवाल हो या पूर्वोत्तरी
उत्तर प्रदेश में बाढ की तबाही और वहाँ पैर पसार रहीं बीमारियों का सवाल, या फिर खतौली और औरैया में
हुयी रेल दुर्घटना का मामला, केंद्र और राज्य सरकार अकर्मण्य, संवेदनशून्य और अपनी अक्षमताओं
पर पर्दा डालने वाली साबित हुयी हैं. वामदल देश और प्रदेश में होरहे घटनाक्रमों में
जनता की इस तबाही को मूक दर्शक बन नहीं देख सकते अतएव वे जनहित में सड़कों पर उतर रहे
हैं.
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश
ने बताया कि वामदलों के नेत्रत्व में हुये इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों
ने शिरकत की है और रेल मंत्री और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की मांग को शिद्दत
के साथ उठाया है. लोकतंत्र में लोक प्रश्नों पर जबावदेही तय होनी चाहिये और इस संबंध
में नाटक नहीं, कार्यवाही दिखनी चाहिये. वामदलों ने गोरखपुर बाल हत्या कांड और रेल हादसों की
जांच क्रमश: हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश से कराने की मांग की है.
वामदलों ने आक्सीजन कान्ड में
मृत बच्चों के परिवारों को रुपये पच्चीस लाख की सहायता और जिनका इलाज चल रहा है इलाज
की समूची व्यवस्था करने की मांग की है. रेल हादसों में मृतकों और घायलों के लिये भी
इतनी ही धनराशि की मांग की है. वामदलों ने स्वास्थ्य सेवाओं का निजी करण रोकने, स्वास्थ्य बजट दोगुना किये
जाने, स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोके जाने, हर नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध
कराने, हर एक लाख की आबादी पर सौ शैयाओं वाला और हर दस लाख की आबादी पर एक हजार शैयाओं
वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले जाने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की दशा सुधारे
जाने की मांग की है.
वामदलों द्वारा दिये ज्ञापनों
में बाढ की विभीषिका से नागरिकों को बचाने के लिये पर्याप्त कदम उठाने, इन इलाकों में भरपूर राहत सामग्री
भेजे जाने, बाढ के बाद फैलने वाली महामारियों से बचाव के लिये ठोस कदम उठाने, इंसेफिलाइटिस, डेंगू, चिकुनगुनियां व स्वाइन फ्लू
जैसी महामारियों की रोकथाम के लिये विशेष अभियान चलाने, जिन जनपदों में औसत से कम बारिश
हुयी है उन्हें सूखाग्रस्त घोषित किये जाने तथा कथित स्वच्छता अभियान के नाम पर विज्ञापनों के जरिये
प्रचार माध्यमों को लुटायी जारही धनराशि को सफाई कर्मियों की नियुक्ति और सफाई उपकरण
खरीदने पर खर्च किये जाने की मांग की है.
आज के इस आंदोलन में भाकपा, माकपा, भाकपा- माले, फारबर्ड ब्लाक तथा एसयूसीआई-सी
ने भाग लिया. ज्ञापन राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित थे जिन्हें जिले के अधिकारियों
को सौंपा गया.
डा. गिरीश
रविवार, 20 अगस्त 2017
at 12:54 pm | 0 comments |
CPI on Rail accident
भाकपा ने मुज़फ्फरनगर
रेल हादसे पर गहरा दुख जताया
रेल मंत्री से त्यागपत्र
और मृतक परिवारों को रुपये पच्चीस लाख मुआबजे की मांग की
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की
उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने कल मुज़फ्फरनगर जनपद के खतौली में हुये रेल हादसे पर गहरा
अफसोस जताया है. पार्टी ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुये सभी
मृतकों के प्रति श्रध्दांजलि अर्पित की है. पार्टी ने इस हादसे के लिये रेल प्रशासन
को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुये रेल मंत्री को हठाये जाने की मांग की है. हर मृतक
परिवार को रुपये 25 लाख सहायता राशि दिये जाने तथा प्रत्येक घायल के इलाज और तीमारदारी
का संपूर्ण व्यय वहन करने की मांग भी सरकार से की है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि यात्रियों पर बार बार बढाये जारहे भाडे और
कटौतियों का भार लादने वाला रेल मंत्रालय रेलवे के विकास और सुरक्षा के संबंध में जरुरी
कदम नहीं उठा पारहा है. यही वजह कि रेलवे के ये तीन साल हादसे और जान लेने के साल बन
गये हैं. एक के बाद एक बडी रेल दुर्घटना होरही है जिनमें अब तक सैकडों लोगों की जान
जाचुकी है. कल की रेल दुर्घटना में भी रेल प्रशासन की मुजरिमाना लापरवाही उजागर होचुकी है.
मगर न रेल मंत्री को शर्म आयी न प्रधानमंत्री की संवेदना जागी. हमें अच्छी तरह याद
है कि जिस दिन प्रधानमंत्री शपथ लेने वाले थे उस दिन ही एक बडा रेल हादसा होचुका था
लेकिन प्रधानमंत्रीजी ने अपने शपथग्रहण समारोह की लक- दक में कोई कमी नहीं की थी.
भाकपा ने आरोप जड़ा कि इस सरकार
की संवेदना पूरी तरह मर चुकी है. और सरकारी तंत्र अपनी नाकामयाबियों पर पर्दा डालने
को इसे आतंकी घटना बताने की कोशिश में जुटा है. यदि ऐसा है भी तो इसके लिये मोदी योगी
के अलाबा कौन जिम्मेदार है? पूर्व की सरकारों को बात बात पर कठघरे में खड़ा करने वाली सरकार
को याद दिलाना चाहते हैं कि स्वर्गीय श्री लालबहादुर शास्त्री जब रेल मंत्री थे तो
उन्होने मामूली से रेल हादसे के बाद स्तीफा देदिया था. पर एक के बाद एक नर संहार होने
के बावजूद भाजपा का न कोई मंत्री स्तीफा देरहा है न मुख्यमंत्री. यह जनता के प्रति
जबावदेही के सिध्दांत को ठेंगा दिखाना है.
भाकपा ने रेलवे द्वारा घोषित
मुआबजे को अपर्याप्त बताते हुये हर मृतक परिवार को कम से कम 25 लाख रुपये मुआबजा देने तथा हर घायल का समुचित इलाज कराने की मांग की है.
भाकपा ने अपनी मुज़फ्फरनगर जिला
इकाई को निर्देश दिया है कि वह वहाँ घायलों के उपचार में पूरा सहयोग करें और अन्य जिला
इकाइयों को कहा है कि वे रेल मंत्री के स्तीफे और मृतक परिवारों को पर्याप्त मुआबजे
की मांग को लेकर आंदोलन करें
डा. गिरीश
गुरुवार, 17 अगस्त 2017
at 8:00 pm | 0 comments |
Gorakhpur Carnege: left Parties will protest on August 24 on Districts headquarter in Uttar Pradesh
गोरखपुर की हृदयविदारक
घटना में अबोध बच्चों की मौत के सभी जिम्मेदारों को सजा दिलाने
और
स्वास्थ्य सेवाओं को
व्यापक बनाने और भ्रष्टाचार से मुक्त कराने आदि मांगों को लेकर
उत्तर प्रदेश के
वामपंथी दल 24 अगस्त को संयुक्त रुप से विरोध प्रदर्शन करेंगे
लखनऊ- गत दिनों गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्सीजन के
अभाव में हुयी भयंकर घटना में मरने वाले निरीह बच्चों की संख्या अब तक 100 का
आंकड़ा पार कर चुकी है. पीड़ित बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी थमने का नाम नहीं
लेरहा है. अब वहां इन्सेफिलाइटिस ने कहर वरपाना शुरु कर दिया है जिसकी रोकथाम न
पूर्ववर्ती सरकारें कर पायीं न गत तीन सालों में भाजपा की केंद्र सरकार. जबकि यह
क्षेत्र उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री का चुनाव क्षेत्र है और वे जब विपक्ष
में थे तो इस मसले पर काफी शोरगुल मचाते रहते थे. अब इस क्षेत्र में भारी बाढ आयी
हुयी है और सरकार उसकी विभीषिका से नहीं निपट पारही. अब बाढ और जलभराव से तमाम
महामारियां फैलेंगीं और असंवेदनशील सरकार तथा भ्रष्टाचार और जडता की हालत में
पहुंचा सरकारी स्वास्थ्य सेवा तंत्र इससे कैसे निपटेंगे यह एक बड़ा सवाल खड़ा होगया
है.
बच्चों की मौत का गम तो कभी
भुलाया नहीं जा सकता; पर उन घावों का भर पाना बेहद मुश्किल है जो इस त्रासदी के
बाद हुक्मरानों ने दिये हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बयान दिया कि 'अगस्त माह में तो इससे भी
ज्यादा मौतें होती हैं.' मुख्यमंत्री ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडते हुये कह
डाला कि मौतें आक्सीजन के अभाव के कारण नहीं हुयीं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने
घावों पर नमक छिड़कने वाला बयान दिया कि इतने बड़े देश में ऐसी वारदातें तो होती ही
रहती हैं. अपने लाल किले से दिये गये भाषण में प्रधान मंत्री ने घटना का सतही तौर
पर जिक्र किया और राज्य सरकार की अकर्मण्यता पर एक शब्द भी नहीं बोला. इतना ही
नहीं अपनी घटिया और सांप्रदायिक सोच का प्रदर्शन करते हुये सरकार ने एक
कर्तव्यपरायण डाक्टर जो कि अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और जिन्होने इन बच्चों की जान
बचाने को भारी मशक्कत की को बलि का बकरा बना डाला.
अब जिलाधिकारी गोरखपुर की
जांच में खुलासा हुआ है कि आक्सीजन की सप्लाई बाधित हुयी थी और इसी वजह से बड़े
पैमाने पर मौतें हुयीं. इस जांच के बाद राज्य सरकार को मुहं छिपाने को भी जगह नहीं
बची.
वामपंथी दलों ने इस जघन्य कांड
पर गहरा दुख और क्षोभ व्यक्त किया है. वे चाहते हैं कि पीडितों के जख्म भरने को
ऊपर से नीचे तक दोषियों को दंडित किया जाये. इसके लिये राज्य सरकार को जिम्मेदारी लेनी
चाहिये और स्वास्थ्य मंत्री को तो फौरन स्तीफा देना चाहिये. समूची वारदात्त की न्यायिक जांच की जानी चाहिये.
मृतक प्रत्येक बच्चे के परिवार को रुपये पच्चीस लाख बतौर संवेदना राशि और अभी भी
इलाज करा रहे बच्चों के इलाज और तीमारदारी की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिये.
वामपंथी दलों का मानना है कि सरकारों की संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार के चलते प्रदेश
में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है और वे पंगुता की स्थिति में हैं. स्वास्थ्य
बजट में भारी बढोत्तरी किये जाने और स्वास्थ्य व्यवस्था को भ्रष्टाचार से मुक्त
किये जाने की जरुरत है. इंसेफिलाइटिस, डेंगू, चिकुनगुनियां और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के खिलाफ एक
सुनियोजित अभियान चलाने की जरुरत है. इसके लिये स्वच्छता अभियान के प्रपोगंडा को
हकीकत में बदलने की जरूरत है. हर सालआने वाली बाढ और और उसके बाद फैलने वाली
महामारियों की रोकथाम के लिये ठोस कदम उठाने की जरुरत है.
सरकार की सोई संवेदनाओं को
जगाने और पीढितों को न्याय दिलाने को वामपंथी दल अलग अलग और मिल कर लगातार अभियान
चला रहे हैं और अब उन्होने संयुक्त बैठक कर 24 अगस्त को संयुक्त रुप से प्रदेश भर
में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. प्रदर्शनों के बाद
राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपे जायेंगे. ज्ञापन के जरिये निम्न
मांगें उठायी जायेंगी.
1-
गोरखपुर बाल संहार की
जिम्मेदारी समस्त राज्य सरकार की है और वह इसे वहन करते हुये अपने स्वास्थ्य
मंत्री को हठाये.
2-
अन्य सभी दोषियों को
चिन्हित करने और उन्हें सजा दिलाने को इस कांड की न्यायिक जांच कराई जाये.
3-
प्रत्येक मृतक बच्चे के
परिवार को रुपये 25 लाख की संवेदना राशि फौरन दी जाये और जिन बच्चों का आज भी इलाज
चल रहा है उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाये.
4-
स्वास्थ्य बजट को बढा कर कम
से कम दोगुना किया जाये. स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त किया
जाये. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारी जाये. हर नागरिक को मुफ्त इलाज
और दवाओं का दायित्व सरकार ले.
5-
हर एक लाख की आबादी पर सौ शय्याओं
वाला दवाओं, डाक्टरों और उपकरणों से सुसज्जित अस्पताल खोला जाये और हर दस लाख की आबादी पर
एक हजार शय्याओं वाले सुपर स्पेसियलिटी अस्पताल खोले जायें.
6-
लुटेरी निजी स्वास्थ्य
सेवाओं को सीमित किया जाये.
7-
इंसेफिलाइटिस, डेंगू, चिकुनगुनियां और स्वायन
फ्लू जैसी महामारियों की रोक थाम के लिये विशेष अभियान चलाया जाये.
8-
सूबे के विभिन्न इलाकों में
आने वाली बाढ और उसके बाद फैलने वाली महामारियों की रोकथाम के लिये ठोस कदम उठाये
जायें.
9-
बीमारियों की रोकथाम के
लिये टीवी विज्ञापनों पर चर्चित स्वच्छता अभियान को जमीन पर उतारा जाये और
विज्ञापनों पर खर्च होरही धनराशि को सफाई कर्मियों की नियुक्ति और सफाई के लिये आवश्यक
उपकरण खरीदने पर खर्च किया जाये.
आंदोलन कर ज्ञापन देने
का निर्णय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा. ), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), आल इंडिया फारबर्ड ब्लाक तथा
एसयूसीआई- सी के राज्य नेतृत्व की संयुक्त बैठक में लिया गया.उदीोकप
रविवार, 13 अगस्त 2017
at 4:06 pm | 0 comments |
गोरखपुर काण्ड की जिम्मेदारी ले राज्य सरकार : भाकपा ने सीबीआई जांच कराने की मांग की
लखनऊ- 13 अगस्त- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने गोरखपुर
की ह्रदय विदारक घटना जिसमें कि अब तक 60 से अधिक बच्चों की मौत की खबरें आरही
हैं, पर गहरा अफसोस व्यक्त किया है. भाकपा ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी
संवेदना व्यक्त की है. पार्टी ने प्रत्येक मृतक बच्चे के परिवार को रूपये पांच लाख
बतौर संवेदना राशि देने की मांग की है. घटना को उत्तर प्रदेश सरकार की मुजरिमाना
लापरवाही करार देते हुए भाकपा ने सरकार से इसकी जिम्मेदारी कबूल करने की मांग की
है. साथ ही घटना की गंभीरता को देखते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की
है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि मुख्यमंत्री
के गृह जनपद में घटित इस जघन्यतम "नर संहार" जैसी घटना से अनुमान लगाया
जासकता है कि उत्तर प्रदेश के हालात किस हद तक भयावह होचुके हैं. लेकिन बेहद अफसोस
की बात है कि मुख्यमंत्री सहित समूची सरकार इस घटना पर इतनी गैर संवेदनशील है कि
वह इसको सामान्य घटना बता रही है. जो स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री
इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनसे स्तीफा माँगने बजाय उन्हीं से जांच कराने का नाटक
किया जारहा है. क्या इस घटना की जिम्मेदारी विश्विद्यालय के प्रधानाचार्य पर डाल
कर सरकार इससे बचना चाहती है? या मुख्य सचिव से जांच करा के मामले में लीपा पोती करना
चाहती है? बात बात पर सीबीआई की जांच बैठाने वाली और विपक्ष को सीबीआई जांच कि
धमकी देने वाली सरकार इस काण्ड की सीबीआई जांच से क्यों मुकर रही है? भाकपा ने
सवाल उठाये हैं.
भाकपा पुरजोर शब्दों में मांग करती है कि प्रकरण की सीबीआई से जांच कराई जाए
ताकि समस्त दोषियों को सजा दिलाई जासके. भाकपा ने मृतकों के परिवार को संवेदना
राशि और जिनका इलाज अभी भी चल रहा है उन्हें अनुदान राशि शीघ्र से शीघ्र प्रदान
करने की मांग की है.
भाकपा ने अपनी समस्त जिला इकाइयों और अनुयायियों का आह्वान किया है कि वे
सरकार की संवेदना को झकझोरने और इस काण्ड के पीडितों को न्याय दिलाने को आवाज
उठायें और मोमबत्ती मार्च निकालें, धरने प्रदर्शन और पुतला दहन आदि कार्यक्रम
आयोजित करें.
डा. गिरीश
गुरुवार, 10 अगस्त 2017
at 5:39 pm | 0 comments |
भाकपा ने टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा की
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज
बी.एड. और टेट प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक अभ्यर्थियों पर लखनऊ में हुए लाठीचार्ज
जिसमें कि कई महिलायें और पुरुष अभ्यर्थी घायल हुए हैं, कड़े शब्दों में निंदा की
है. पार्टी ने इस दमन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग
की है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि ये
प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी 2011 से लेकर आज तक रोजगार पाने की मांग कर रहे हैं और
राज्य सरकार द्वारा निकाली गयी रिक्तियों के विज्ञापनों के अनुसार किये गए आवेदनों
पर हर अभ्यर्थी कई कई हजार रुपये खर्च कर चुका है. इस बीच प्रदेश में तीन- तीन
सरकारें बदल गयीं मगर इन्हें रोजगार नहीं मिला है. इस बार इन सबने भाजपा से गहरी
उम्मीद लगाई थी और गत चुनावों में उन्हें वोट भी दिया था, लेकिन इस सरकार ने भी
उन्हें न्याय दिलाने के बजाय लाठियां ही बरसाईं. ज्ञात हो कि ये अभ्यर्थी भाजपा के
कार्यालय और विधान सभा के समक्ष धरना देरहे थे जहां पुलिस ने भीषण लाठीचार्ज कर
उन्हें खदेड़ दिया.
भाकपा ने इन अभ्यर्थियों की मांगों को न्यायोचित बताते हुए कहाकि वह शिक्षा का
बजट बढाये और शिक्षा के प्रसार के लिए इस युवा शक्ति का संजीदगी से स्तेमाल करे.
डा. गिरीश
बुधवार, 9 अगस्त 2017
at 2:15 pm | 0 comments |
CPI Called for Secular Democratic and Left Platfarm
देश और लोकतंत्र को
बचाने के लिये 'धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी प्लेटफार्म' तैयार किया जाये
भारत छोड़ो आंदोलन की
वर्षगांठ पर भाकपा ने किया आह्वान
लखनऊ/ हाथरस- 9 अगस्त 2017, भारत छोड़ो आंदोलन की
वर्षगांठ पर आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने समूचे उत्तर प्रदेश में कई कार्यक्रम
आयोजित किये. इस अवसर पर सभायें, विचार गोष्ठियां और जहां- तहां धरने/ प्रदर्शन किये गये.
लखनऊ में एनसीपी द्वारा गांधी प्रतिमा पर आयोजित धरने में भाकपा ने शिरकत की तो
अन्य कई जगहों पर वामपंथी और लोकतांत्रिक संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में
भाकपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाग लिया.
हाथरस में भाकपा के
तत्वावधान में- "आज के राजनैतिक संदर्भों में भारत छोड़ो आंदोलन का
संदेश" विषय पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता भाकपा
के राज्य सचिव डा. गिरीश थे.
डा. गिरीश ने कहा कि
महात्मा गांधी के नेतृत्व में 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' नारे के साथ हुये इस आंदोलन में देश के लाखों
लोग सड़कों पर उतर आये थे जिससे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गयी थी और
पांच साल बाद ही अंग्रेजों को यहां से भागना पड़ा था. आज़ादी से पहले और उसके बाद हम
सबने एक ऐसे भारत के निर्माण का सपना देखा था जिसमें देश के हर नागरिक को रोटी, कपड़ा, मकान, इलाज, रोजगार, पढाई और सम्मान उपलब्ध हो
और सभी बोली- भाषाओं तथा धर्मों और रीति रिवाजों को मानने वाले लोग शांति और
भाईचारे के साथ देश की तरक्की में योगदान करें. लेकिन आज उसके ठीक विपरीत घटित
होरहा है.
उन्होने कहाकि आज कर्ज में
डूबे किसान और दस्तकार आत्महत्यायें कर रहे हैं और उनके कर्जमाफी पर बहुत चिल्लपों
मची है लेकिन कार्पोरेट और पूंजीपति समर्थक इस सरकार ने गत पांच वित्तीय वर्षों में
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लगभग 2. 5 लाख करोड़ रुपये के ऋण को ‘डूबा ऋण’ घोषित किया है. इसमें से
81,683 करोड़ रुपये पिछले वित्त वर्ष- 2016- 17 के हैं. यदि इस धन को सख्ती से
बसूला जाये तो इससे देश के किसानों- कामगारों पर बैंकों का बकाया ऋण आसानी से माफ
किया जा सकेगा. इसी तरह यदि बैंकों के अब तक के समस्त ना चुकता ऋणों ( एनपीए ) को
बकायेदारों से बसूल कर लिया जाये तो देश के समस्त किसानों और मजदूरों को कम से कम
10 साल तक 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने लायक धन जुटाया जा सकता है. लेकिन
इस सरकार ने पिछले तीन सालों में कारपोरेट पूंजी को टैक्स घटा कर कई रियायतें दीं
हैं और गरीबों की कमर तोड़ने का काम किया है.
उन्होने कहाकि पाकिस्तान
जैसे अर्ध्द लोकतांत्रिक देश में पनामा लीक्स पेपर्स में नाम आने पर वहां के प्रधानमंत्री
को कुर्सी छोड़नी पड़ी है, लेकिन भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इस सूची के नाम क्यों
उजागर नहीं किये जारहे हैं?
डा. गिरीश ने कहा कि मौजूदा
केंद्र सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर सर्वसत्ताहरण के प्रयासों में लगी है.
चीन की तरह इसकी नीति आंतरिक विस्तारवादी है. अपने सर्वसत्ताहरण और विस्तारवाद को
आगे बढाने को वह सभी पार्टियों में तोड़- फोड़ कर रही है और उनके एक से एक दागी
नेताओं से दल बदल करा कर भाजपा में शामिल करा रही है. कल गुजरात से राज्यसभा के चुनाव
में उसने जो कुछ किया उससे लोकतंत्र शर्मसार हुआ है. वह ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ और ‘वामपंथ मुक्त भारत’ जैसे अलोकतांत्रिक नारे
देरही है. सारी नैतिक मर्यादायें ताक पर रख विपक्ष की सरकारों को अपने अधीन कर रही
है. अतएव आज लोकतंत्र को भारी खतरा पैदा होगया है. गरीबों के हक सरे आम छीन रही इस
सरकार ने गरीबों को भ्रमित करने को मंदिर निर्माण, गोरक्षा, गंगा की पवित्रता और लव जेहाद जैसे मुद्दे उछाल
रखे हैं और इन्हीं को लेकर वह दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं आदि पर निरंतर हमले करा रही है.
गरीबों को मिलने वाली तमाम राहतों को समाप्त करती जारही इस सरकार ने गरीबों को
अनेक पाबंदियों में जकड़ डाला है.
वह ऐसा क्यों कर रही है? इस सवाल के जबाव में डा.
गिरीश ने कहा कि सता पर काबिज संघ और उसकी चेरी भाजपा ने अपने को आज़ादी की लड़ाई से
न केवल दूर रखा अपितु सांप्रदायिकता को भड़का कर आज़ादी की राह में रोड़े अटकाये. वह
जनता से भी कोसों दूर रही है. उसने भारत के उदार और सामासिक ताने बाने को छिन्न
भिन्न करने को कट्टर हिंदुत्व का सिध्दांत गड़ा और कथित हिंदू राष्ट्र के मोहजाल
में तमाम जनता को फांस लिया. आज सत्ता में पहुंचने पर इनका असली- विभाजक और
जनविरोधी चेहरा सामने आगया है. लोग समझते जारहे हैं कि आरएसएस एक नस्लवादी सत्ता
हड़प गिरोह है और धर्म उसका मुखौटा मात्र है.
उन्होने कहाकि आज की
राजनैतिक पृष्ठभूमि में भारत छोड़ो आंदोलन का यही संदेश है कि हम सब लोकतंत्र की
रक्षा के लिये, पूंजीपतियों और कारपोरेट्स को आम नागरिक की कीमत पर एकतरफा बढ़ावा देने की
कोशिशों को रोके जाने, सत्तर साल में हमने जो कुछ हासिल किया है उसको बरवाद होने
से रोके जाने और देश की एकता अखंडता को बचाने के लिये मिल कर संघर्ष करें.
लोकतंत्र में ही अपने अधिकारों को हासिल करने की लड़ाई लड़ी जा सकती है. उन्होने
कहाकि इसीलिये भाकपा ने इन मुद्दों पर संघर्ष के लिये एक 'धर्मनिर्पेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी
प्लेटफार्म' के निर्माण का आह्वान किया है. उन्होने कहाकि यह प्लेटफार्म देशहित में काम
करेगा चुनावी हितों से इसे नहीं जुड़ने दिया जायेगा. उन्होने सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी
शक्तियों से इस दिशा में शीघ्र और ठोस कदम उठाने की अपील की.
गोष्ठी को जिला सचिव
चरनसिंह बघेल, जगदीश आर्य, राजाराम, नबाव खां, आर. डी. आर्य, नूर मुहम्मद, पपेंद्र कुमार, संजय खान, गौरीशंकर बघेल, होशियार सिंह एवं शैलेंद्र कुमार सिंह आदि ने संबोधित
किया.
समाचार मेल किये जाने तक लगभग
दो दर्जन जिलों से कार्यक्रम आयोजित किये जाने के समाचार प्राप्त हुये हैं.
डा. गिरीश
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