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शुक्रवार, 29 जून 2018
at 4:59 pm | 0 comments |
सूफी संत कबीर की समाधि पर भी राजनैतिक रोटियाँ सेंकने से बाज नहीं आये मोदीजी : भाकपा
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि जिस संत ने अपना सारा जीवन सत्य की खोज और
असत्य के खंडन में लगा दिया, प्रधानमंत्री जी ने अपने असत्य के प्रसार और सत्य की
हत्या के लिये उसी महापुरुष का जन्म दिवस और उन्हीं के महापरिनिर्वाण स्थल को
चुना.
डा. गिरीश कल महान सूफी सन्त कबीर के परिनिर्वाण स्थल 'मगहर' में प्रधानमंत्री
के कार्यक्रम और उनके अनर्गल प्रलाप पर भाकपा की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे.
सच तो यह है कि प्रधानमंत्री जी देश भर और खास कर उत्तर प्रदेश में विपक्ष की
संभावित एकता से इस कदर भयभीत हैं कि वे निर्णय नहीं कर पारहे कि कब कहाँ और क्या
बोला जाये. कल कबीरदास जी की सीखों को ग्रहण कर उनकी शिक्षाओं पर बोलने के बजाय
श्री मोदी भाजपा के चुनावी एजेंडे पर ही चिंघाड़ते रहे, विपक्ष पर स्तरहीन
टिप्पणियां करते रहे.
डा. गिरीश ने कहाकि संत कबीर को सच्चा सम्मान तब दिया जा सकता था कि
प्रधानमंत्री जी महान संत की सीखों पर अमल करते हुये अपनी सरकार के चार साल के सच को
उद्घाटित करते. उनकी सरकार के चार साल के कार्यकाल में देश को चहुँतरफा बर्वादी का
सामना करना पड़ा है. अर्थव्यवस्था निरंतर नीचे की ओर जारही है. प्रधानमंत्रीजी के
हर विदेशी दौरे के बाद रुपये की दर डालर के मुकाबले नीचे की ओर खिसक जाती है और वह
इतिहास के उच्चतम स्तर तक जा पहुंची है. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों ने
भी इतिहास गढ़ दिया है जिससे महंगाई सातवें आसमान पर है. पूंजीपतियों पर बैंकों का
बकाया बढ़ता ही जारहा है. घोटालेबाज जेल जाने के बजाय विदेशों में आराम फरमा रहे
हैं. चार साल में स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन 50 फीसदी बढ़ गया है. देश की
सीमाएं असुरक्षित हैं, हमारे जवान मारे जारहे हैं और मोदी सरकार एक अदद सर्जिकल
स्ट्राइक पर ही जश्न मना रही है.
डा. गिरीश ने कहाकि अच्छा होता प्रधानमंत्रीजी नौजवानों से किये गए दो करोड़
रोजगार देने, किसानों की आय दोगुना करने और हर एक के खाते में 15 लाख पहुंचाने के
वायदों को कबीर जी की समाधि पर दोहराते और सभी के स्वास्थ्य और सम्पूर्ण शिक्षा की
राजकीय जिम्मेदारी को दोहराते. जिस उत्तर प्रदेश में मोदीजी भाषण कर रहे थे वहां
की सरकार उद्योगपतियों के हित में 2013 के भूमि अधिग्रहण क़ानून को बदल कर किसानों
की जमीनों पर डाका डालने जारही है. मोदीजी को इस पर सफाई देनी चाहिये. अच्छा होता
वे उत्तर प्रदेश सरकार को नसीहत देते जिसके रहते महिलाओं की इज्जत और जान तार तार
होरही है, क़ानून व्यवस्था पंचर हुयी पड़ी है. दलितों अल्पसंख्यकों और सर्वसमाज के
विपन्न तबकों पर भारी अत्याचार होरहे हैं. इलाज के अभाव में गरीबों की अकाल मौतें
होरही हैं. गरीब न पढाई कर पारहे हैं न रोजगार हासिल कर पारहे हैं. शासन प्रशासन
में भ्रष्टाचार पांच गुना बढ़ गया है.
जहाँ तक कबीर अकादमी के शिलान्यास की बात है, चुनावी साल में उसकी याद आने को
राजनैतिक उद्देश्य से किया कदम ही माना जायेगा. आचार संहिता लगने तक ऐसे कई
शिलान्यास देखने को मिलेंगे. इसका शिलान्यास यदि 2014 में ही कर दिया गया होता तो
अब तक उसका निर्माण पूरा होचुका होता और लोगों को उस पर भरोसा जमता.
डा गिरीश ने कहाकि उत्तर प्रदेश में अब भाजपा की नौटंकी दोबारा चलने वाली नहीं
है. भाकपा भी भाजपा कुशासन को बेनकाब करने को व्यापक रणनीति बनाने जारही है. इस
हेतु 8 जुलाई को भाकपा की उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ में आहूत
की गयी है.
डा. गिरीश
शनिवार, 23 जून 2018
at 2:23 pm | 0 comments |
दिलों के घाव ले के भी चले चलो
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो
चलो लहूलुहान पांव ले के भी चले चलो
चलो कि आज साथ-साथ चलने की जरूरतें
चलो कि ख़त्म हो न जाएं जिन्दगी की हसरतें
जमीन, ख्वाब, जिंदगी, यकीन सबको बांटकर
वो चाहते हैं बेबसी में आदमी झुकाए सर
वो चाहते हैं जिंदगी हो रोशनी से बेखबर
वो एक-एक करके अब जला रहे हैं हर शहर
जले हुए घरो के ख्वाब ले के भी चले चलो
चले चलो ...
वो चाहते हैं बांटना दिलों के सारे बलबले
वो चाहते हैं बांटना ये जिंदगी के काफिले
वो चाहते हैं ख़त्म हों उम्मीद के ये सिलसिले
वो चाहते हैं गिर सकें न लूट के ये सब किले
सवाल ही हैं अब जवाब ले के भी चले चलो
चले चलो ....
वो चाहते हैं जातियों की बोलियों की फूट हो
वो चाहते हैं धर्म को तबाहियों की छूट हो
वो चाहते हैं जिंदगी ये हो फ़रेब, झूठ हो
वो चाहते हैं जिस तरह भी हो मगर ये लूट हो
सिरों में जो बची है छांव ले के भी चले चलो
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो
- ब्रज मोहन
चलो लहूलुहान पांव ले के भी चले चलो
चलो कि आज साथ-साथ चलने की जरूरतें
चलो कि ख़त्म हो न जाएं जिन्दगी की हसरतें
जमीन, ख्वाब, जिंदगी, यकीन सबको बांटकर
वो चाहते हैं बेबसी में आदमी झुकाए सर
वो चाहते हैं जिंदगी हो रोशनी से बेखबर
वो एक-एक करके अब जला रहे हैं हर शहर
जले हुए घरो के ख्वाब ले के भी चले चलो
चले चलो ...
वो चाहते हैं बांटना दिलों के सारे बलबले
वो चाहते हैं बांटना ये जिंदगी के काफिले
वो चाहते हैं ख़त्म हों उम्मीद के ये सिलसिले
वो चाहते हैं गिर सकें न लूट के ये सब किले
सवाल ही हैं अब जवाब ले के भी चले चलो
चले चलो ....
वो चाहते हैं जातियों की बोलियों की फूट हो
वो चाहते हैं धर्म को तबाहियों की छूट हो
वो चाहते हैं जिंदगी ये हो फ़रेब, झूठ हो
वो चाहते हैं जिस तरह भी हो मगर ये लूट हो
सिरों में जो बची है छांव ले के भी चले चलो
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो
- ब्रज मोहन
बुधवार, 20 जून 2018
at 6:51 pm | 0 comments |
कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ भाकपा ने हल्ला बोला: राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत समूचे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन किये गये
लखनऊ- भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर केन्द्र और राज्य सरकार
की नीतियों के कारण थोक और खुदरा बाजार में निरन्तर बढ़ रही महंगाई, पेट्रोल डीजल
और रसोई गैस की कीमतों में ऐतिहासिक वृध्दि और राशन प्रणाली की पंगुता के खिलाफ
समूचे उत्तर प्रद्रेश में धरने प्रदर्शन आयोजित किये गए.
प्रदर्शनों के बाद
राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपे गए. इन
ज्ञापनों में बढ़ती महंगाई के लिये केन्द्र और राज्य सरकारों की प्रतिगामी और
कारपोरेटपरस्त नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुये उसे फ़ौरन नीचे लाने को त्वरित कदम
उठाने की मांग की गयी. साथ ही डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस पर से उत्पाद कर हठाने, इन
पर से राज्यों के कर समाप्त करने तथा राशन प्रणाली को व्यापक एवं भ्रष्टाचार से
मुक्त बनाने की मांग की गयी.
ज्ञापनों में भ्रष्टाचार और
बेरोजगारी को काबू में लाने, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं को आम आदमी के लिये सुलभ
बनाने, किसानों के हालात सुधारे जाने, मनरेगा को पुनर्व्यवस्थित करने, कानून
व्यवस्था को पटरी पर लाने, आवारा पशुओं द्वारा किसान की फसल और जनहानि रोके जाने,
दलितों महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बन्द किये जाने तथा धर्म जाति के नाम पर
दंगे और अराजकता फ़ैलाने पर रोक लगाने की मांग की गयी.
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश
ने दाबा किया कि अब तक राज्य केन्द्र को प्राप्त सूचनाओं के अनुसार प्रदेश भर में
दस हजार से अधिक जनता भाकपा के झंडे तले सडकों पर उतरी है. कानपुर और मऊ में क्रमशः
भाकपा के राज्य सहसचिव अरविन्दराज स्वरूप और इम्तियाज अहमद के नेतृत्व में
प्रदर्शन किया गया.
राज्य केन्द्र को अब तक गाज़ियाबाद,
मेरठ, बडौत (बागपत), मुज़फ्फर नगर, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ, मैनपुरी, इलाहाबाद, कायमगंज
(फरुखाबाद), कानपुर देहात, उरई, चित्रकूट, लखनऊ, खागा (फतेहपुर), हरदोई,
शाहजहांपुर, बरेली, गोंडा, आजमगढ़, पिंडरा व राजापुर (वाराणसी), गाजीपुर, जौनपुर, राबर्ट्सगंज,
भदोही, कुशीनगर, बलरामपुर, बदायूं तथा बांदा आदि जनपदों से सफल आयोजनों की खबरें
प्राप्त होचुकी हैं.
डा. गिरीश ने कहाकि आन्दोलन
के अगले चरण में 1 से 14 अगस्त तक मोदी सरकार द्वारा गत चार सालों में जनता से की
गयी वायदाखिलाफी और हर मोर्चे पर सरकार की असफलता का पर्दाफाश करने को भाकपा
द्वारा बड़े पैमाने पर सभायें, नुक्कड़ सभाएँ और गोष्ठियां आयोजित की जायेंगी.
डा. गिरीश
मंगलवार, 19 जून 2018
at 5:30 pm | 0 comments |
राजनैतिक उद्देश्यों से हिंसा भड़का रहे हैं भाजपा और संघ परिवार : भाकपा ने पिलखुआ काण्ड की कड़े शब्दों में भर्त्सना की
लखनऊ- भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहाकि जनपद हापुड़ के पिलुखुआ थानान्तर्गत
बझेडा खुर्द गांव में गोहत्या के नाम पर की गयी अल्पसंख्यक व्यक्ति की हत्या
आरएसएस और भाजपा द्वारा बनाये गये विषाक्त वातावरण के कारण हुयी है. भाकपा इस
हत्या और हमले की कड़े शब्दों में निन्दा करती है.
यहां जारी एक प्रेस बयान
में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि जब मुसलमानों द्वारा गाय पालने और
उसके लाने लेजाने पर कोई कानूनी पाबन्दी नहीं है तो किसी भी मुस्लिम को गौहत्या किये
ही बिना कैसे हत्यारा बताया जासकता है और उसकी कैसे हत्या की जासकती है. भीड़ को
यदि यह शक भी है कि लेजायी जारही गाय की हत्या की जासकती है तो वह इसकी सूचना
पुलिस को दे सकती है, उसे क़ानून हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है.
लेकिन राजनैतिक उद्देश्यों
से भाजपा और समूचे संघ गिरोह ने ऐसा वातावरण तैयार कर दिया है कि हड्डियों के
टुकड़ों के मिलने पर अथवा पालने या व्यापार के लिये गायों के लेजाने पर संघ गिरोह
के लोग अफवाह फैला कर भोले भाले लोगों को भी अपने जाल में फंसा लेते हैं. इसी तरह
दादरी के बिसाहडा में अख़लाक़ की हत्या की गयी और अब ऐसा ही काण्ड बझेडा खुर्द में
कर डाला गया.
भाकपा का आरोप है कि
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2014 के लोक सभा चुनाव से पहले भाजपा ने गौहत्या, लव
जेहाद, धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे खड़े कर और बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे करा
कर अपनी जड़ें मजबूत की थीं और अब वह कैराना और नूरपुर में करारी हार के बाद फिर
उसी राह पर लौट रही है. भाजपा और संघ की यह काली करतूतें केन्द्र की मोदी सरकार और
प्रदेश की योगी सरकार के संरक्षण में अंजाम दी जारही हैं.
भाकपा महामहिम राष्ट्रपति
और राज्यपाल महोदय से मांग करती है कि वे संविधान और क़ानून की धज्जियाँ बिखेरने
वाली इन घ्रणित कार्यवाहियों का संज्ञान लें और वांछित कार्यवाही करें. भाकपा ने
पुलिस प्रशासन से भी मांग की है कि वह हत्या और हमले के दोषियों और उकसावे की
कार्यवाही करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करे. भाकपा राज्य सरकार से
मांग करती है कि मृतक परिवार को रूपये 20 लाख और घायल को रूपये 5 लाख फ़ौरन उपलब्ध
कराये. क्षेत्र में शान्ति बनाये रखने को हर संभव कदम उठाया जाये.
डा. गिरीश
सोमवार, 18 जून 2018
at 1:16 pm | 0 comments |
CPI demanded postponment of PCS entrance examination in U.P.
पीसीएस परीक्षाओं की
तिथि आगे बढ़ाने को हस्तक्षेप करें राज्यपाल: भाकपा
लखनऊ- 18 जून भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने जून माह में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश पीसीएस
परीक्षा को निश्चित तिथि से कम से कम एक माह आगे बढाने की मांग की है.
यहां जारी एक प्रेस बयान
में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि अभी हाल में ही सिविल सेवा परीक्षा
होकर चुकी है. अधिकतर अभ्यर्थी उस परीक्षा में शामिल हुये थे. उन्हें दूसरी
परीक्षा जो कि बिल्कुल नये पैटर्न से होने जारही है, की तैयारी के लिए और अधिक समय
चाहते हैं. अभ्यर्थी समय बढवाने के लिये केन्द्र और राज्य सरकार का हर दरवाजा
खटखटा चुके हैं लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गयी. सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण और एकतरफा
रवैय्ये से छात्रों में नाराजगी होना स्वाभाविक है. भाकपा भी इस जिद को अनुचित
मानती है.
पीसीएस परीक्षा की तैयारी
में जुटे अभ्यर्थियों के अनुसार उनके और मुख्यमंत्री के बीच जुलाई में परीक्षायें
कराने पर सहमति बन गयी थी लेकिन बाद में सरकार मुकर गयी.
भाकपा राज्य सचिव ने
महामहिम राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे भविष्य के इन प्रशासनिक अधिकारियों के
हितों को देखते हुये हस्तक्षेप करें और परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने के लिये राज्य
सरकार को निर्देशित करें.
डा. गिरीश
रविवार, 10 जून 2018
at 6:26 pm | 0 comments |
Agitation Prograam of CPi, U. P.
जनविरोधी और लोकतंत्रविरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ भाकपा
अभियान चलायेगी
20 जून को महंगाई विरोधी प्रदर्शनों से शुरूआत होगी
लखनऊ- 10 जून 2018, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य काउंसिल की दो दिवसीय
बैठक आज यहाँ संपन्न हुयी. बैठक की अध्यक्षता अमेरिका सिंह यादव ने की. बैठक में
पार्टी के दो केन्द्रीय सचिव का. अतुल कुमार अनजान एवं का. शमीम फैजी दोनों दिन
उपस्थित रहे. उन्होंने राष्ट्रीय राजनैतिक परिद्रश्य पर विस्तार से चर्चा की.
राज्य सचिव डा. गिरीश ने राजनैतिक एवं सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की.
कुल मिला कर बैठक में हुयी चर्चा का निष्कर्ष है कि भाजपा की केन्द्र और उत्तर
प्रदेश की सरकार जनता से किये अपने वायदों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही
हैं. आज ये सरकारें जनता के लिये असहनीय बोझ बन गयी हैं और जनता इनसे फ़ौरन निजात
पाना चाहती है. हाल में देश भर में हुए उपचुनावों के नतीजों से भी यह जाहिर होगया
है. अतएव भाकपा ने जनमुक्ति के लिये व्यापक कार्य योजना तैयार की है. जिनमें
स्वतन्त्र अभियानों के साथ धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक और वामपंथी शक्तियों का एक
प्लेटफार्म का निर्माण करना भी शामिल है. आगामी दिनों में भाकपा कई बुनियादी सवालों
को लेकर सडकों पर उतरेगी.
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने यहाँ जारी प्रेस बयान में बताया कि आगामी 20
जून को आसमान छूती महंगाई के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किये जायेंगे और पेट्रोल
डीजल पर से उत्पाद कर हठाने और उन्हें नीचे
लाने की मांग की जायेगी. मोदी सरकार की विफलताओं और उत्तर प्रदेश सरकार की
जनविरोधी नीतियों को उजागर करने को 1 अगस्त से 14 अगस्त के बीच व्यापक अभियान
चलाया जायेगा. 'देश बचाओ संविधान बचाओ' 'जनविरोधी भाजपा सरकार को सता से बाहर करो'
नारे के साथ देश के कोने कोनों से जत्थे निकालने की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की
प्रस्तावित योजना को पूर्ण समर्थन प्रदान किया जायेगा. सांगठनिक कार्यवाही के तहत
कोल्लम में हाल में ही संपन्न भाकपा के राष्ट्रीय महाधिवेशन के फैसलों को जिलों से
शाखाओं तक पहुँचाने को विस्तरित कार्यकर्ता बैठकें आयोजित की जायेंगीं.
भाकपा राज्य काउंसिल ने उत्तर प्रदेश में अपनी समस्त जिला इकाइयों का आह्वान
किया है कि वे इन अभियानों की तैयारियों में मुस्तैदी से जुट जायें और उन्हें
अधिकतम स्तर तक कामयाब बनायें.
राज्य काउंसिल ने एक 25 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव भी किया जिसमें राज्य
सचिव डा. गिरीश, सहसचिव का. अर्विन्दराज स्वरूप एवं का. इम्तियाज़ अहमद के अलाबा 22
अन्य शामिल हैं. का. प्रदीप तिवारी को पुनः कोषाध्यक्ष चुना गया है.
डा. गिरीश, राज्य
सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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