भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018

Constitute JPC on Rafel Deal: CPI. CPI will organise protest on ground label.


राफेल डील की JPC से जांच की मांग को लेकर भाकपा का राष्ट्रीय अभियान 24 अक्तूबर को


लखनऊ- 11 अक्तूबर 2018, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राफेल डील घोटाले के खुलासे और इसके लिये संयुक्त संसदीय कमेटी ( JPC ) के गठन की मांग को लेकर आगामी 24 अक्तूबर को जिलों जिलों में आन्दोलन करेगी। आन्दोलन के तहत प्रदर्शन, धरने, आम सभाएं और गोष्ठियां आयोजित की जायेंगी।
उपर्युक्त जानकारी यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल के सचिव डा॰ गिरीश ने यहां जारी एक प्रेस बयान में दी। उन्होने यह भी बताया कि 24 अक्तूबर को ही वामपंथी दलों द्वारा नई दिल्ली के मावलंकर हाल के कान्स्टीट्यूशन क्लब में राफेल डील की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराये जाने की मांग को लेकर संयुक्त कन्वेन्शन का आयोजन किया जारहा है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि राफेल डील का मामला जो पहले ही काफी गंभीर मामला बन चुका था, अब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केन्द्र सरकार से डील की सारी प्रक्रिया बन्द लिफाफे में मांग लेने से और भी गंभीर बन गया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन के अचानक फ्रान्स जाने से इस पर शंकाओं और रहस्य के बादल और भी गहरा गए हैं। विपक्ष के विरूध्द निरंतर दहाड़ने वाले प्रधानमंत्री भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर सवाल पर निरंतर चुप्पी साधे हुये हैं। उनकी यह चुप्पी देश में बेचैनी पैदा कर रही है।
कारण स्पष्ट है कि इस बात के पहले से ही काफी प्रमाण हैं कि इस घोटाले में भारत सरकार, प्रधानमंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय पूरी तरह से संलिप्त हैं।
भारत सरकार लगातार कह रही है कि यह डील गोपनीय समझौते के तहत आता है। लेकिन अब फ्रान्स के राष्ट्रपति कह रहे हैं कि कीमतों की खुली घोषणा की जासकती है और इस पर उन्हें कोई एतराज नहीं है। फ्रेंच कंपनी के अनुसार मौजूदा डील की कीमतें पहले से तीन गुना अधिक हैं।
इस डील का सबसे अधिक आपत्तिजनक पहलू यह है कि भारत में इसके असेंबलिंग का काम विमान निर्माण में दक्षता प्राप्त भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान ऐरोनौटिक्स लिमिटेड ( HAL ) को न देकर श्री अनिल अंबानी की नयी नवेली कंपनी को दे दिया गया। फ्रान्स के पूर्व राष्ट्रपति हौलांडे ने खुलासा किया है कि अनिल अंबानी की कंपनी के नाम का प्रस्ताव किसी अन्य ने नहीं खुद भारत सरकार ने किया था।
भारत सरकार इसका खंडन करती रही है। लेकिन क्या सरकार बतायेगी कि क्यों डील पर हस्ताक्षर के वक्त प्रधानमंत्री मोदी एचएएल के प्रतिनिधियों के बजाय अनिल अंबानी को साथ लेगये। फ्रान्स के अधिकारियों के अनुसार भारत सरकार ने अनिल अंबानी को रुपये 30 हजार करोड़ का सीधा लाभ पहुंचाया है। यह क्रौनी कैपिटलिज्म को बढ़ाने वाला नहीं है क्या? क्या इससे एचएएल को बन्दी और बेरोजगारी के गर्त में नहीं धकेल दिया गया है? सवाल यह भी उठता है कि इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील समझौते के वक्त प्रधानमंत्री जी रक्षामंत्री और विदेशमंत्री को साथ क्यों नहीं लेगये?
भाकपा राज्य सचिव ने कहाकि देश की सुरक्षा और भारी भ्रष्टाचार से जुड़े इस सवाल की अनदेखी नहीं की जासकती। अतएव भाकपा ने 24 अक्तूबर को देशव्यापी आन्दोलन का निश्चय किया है। उत्तर प्रदेश में हर स्तर पर अन्य वामदलों का सहयोग प्राप्त करने का प्रयास भी किया जायेगा। भाकपा ने अपनी समस्त जिला इकाइयों का आह्वान किया है कि वे इस अभियान से अधिकाधिक जनता को जोड़ें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा ,  उत्तर प्रदेश

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य