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सोमवार, 9 मार्च 2020

CPI welcomes High Courts Deccission on Posters in Lucknow


प्रकाशनार्थ-

उच्च न्यायालय ने दिया वसूली पोस्टर हठाने का फैसला
भाकपा ने सरकार से जनता से माफी मांगने की मांग की

लखनऊ- 9 मार्च 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के सचिव मण्डल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत किया जिसके तहत सीएए विरोधी आंदोलनकारियों के लखनऊ में फोटो होर्डिंग लगाने को अवैध ठहराया गया है और उन्हें फौरन हटाने के निर्देश दिये हैं।
उच्च न्यायालय का यह निर्णय ढीठ, तनाशाह और लोकतन्त्र विरोधी सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। सरकार को इस कुक्रत्य के लिये आम जनता से क्षमा मांगनी चाहिये। लेकिन सरकार को अभी भी अक्ल नहीं आयी और वह खीझ मिटाने को उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूध्द सर्वोच्च न्यायालय पहुँचने का इरादा जता रही है।
भाकपा सचिव मण्डल ने कहाकि राज्य सरकार के रवैय्ये से लग रहा है कि वह जनता से डरी हुयी है और भयवश वह जनता और उसकी आवाज उठाने वालों के संघर्ष को कुचलना चाहती है। इसका कारण है कि भाजपा और उसकी सरकार लगातार जनता की जेब के धन को पूँजीपतियों की झोली में डाल रही है।
संविधान, लोकतन्त्र, मानवाधिकार और निजता का हनन करने वाली सरकार से उत्तर प्रदेश में लोग, लोकतान्त्रिक शक्तियाँ और लोकतान्त्रिक संस्थाएं निरंतर संघर्षरत हैं और आज का उच्च न्यायालय का निर्णय भी उसी संघर्ष का परिणाम है। निश्चय ही तानाशाहों को सर्वोच्च न्यायालय में भी हार का सामना करना पड़ेगा।
और धीरे धीरे वह समय भी करीब आरहा है जब उत्तर प्रदेश की जनता इस तानाशाह सरकार को इतिहास के कूड़ेदान तक पहुंचा देगी।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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