कानपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें
सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा निर्मित घ्रणा और उन्माद के वातावरण की देन
प्रशासन ही नहीं शासन की भी है
ज़िम्मेदारी, कड़ी कार्यवाही हो: भाकपा
एकतरफा नहीं, तटस्थभाव से जांच कर हो सर्व- स्वीकार्य कार्यवाही
भाजपायी नुस्खों से सुशासन चलता तो कश्मीर आज भी क्यों दहक रहा होता
लखनऊ- 3 जून 2022, भाजपा
नेत्री नूपुर शर्मा के आपत्तिजनक बयान के विरोध में पूर्व घोषणा के अनुसार बाजार बन्द
करा रहे लोगों से बजरंग दल और विहिप के नेताओं के साथ आयी भीड़ से हुये टकराव के परिणामस्वरूप
कानपुर में भड़की हिंसा उस घ्रणा और उन्मादी वातावरण की देन है जिसे सरकार, भाजपा और उसके पाले- पोसे तत्व हवा दे रहे हैं। यह प्रशासन की ही नहीं सरकार
की भी असफलता है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दोनों को कटघरे में खड़ा करती है।
आज कानपुर में हुये उपद्रव पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुये भाकपा
राज्य सचिव मंडल ने कहा कि जिस जनपद में शासक वर्ग की क्रीम- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल मौजूद हों और पूरे मंडल को हाई
एलर्ट पर रखा गया हो वहीं इस तरह की विस्फोटक घटनायें प्रदेश की कानून व्यवस्था और
आम आदमी की सुरक्षा पर गहरे प्रश्न खड़े करती हैं। क्या महामहिम राष्ट्रपति जी अपने
संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करते हुये प्रधानमंत्री जी को राज्य सरकार को दंडित करने
का निर्देश देंगे, भाकपा ने सवाल उठाया है। आज ही लखनऊ में हुये
पूंजीपतिवर्ग के मेले में मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़ने वाले प्रधानमंत्री जी
से क्या हम यह न्यायोचित उम्मीद करें?
भाकपा ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल और उनके बहुरूपी समर्थक
महंगाई, बेरोजगारी और अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने को सांप्रदायिक उन्माद पैदा
करने को हर हथकंडा अपना रहे हैं। समाज के एक हिस्से के प्रति घ्रणा और हिंसक अभियान
चला कर सत्तारूढ़ समूह 1989- 1992 जैसा विषाक्त वातावरण बनाने में जुटे हैं। बाबरी विध्वंस
इसी वातावरण की देन था। ऐसे वातावरण में प्रदेश में निवेश आयेगा क्या? जैसा कि सत्ता प्रतिष्ठान दाबे कर रहा है।
कानपुर के भाजपा विधायकगण आज भी शांति की बात करने के बजाए एक
पक्ष पर ज़िम्मेदारी डाल कर एकतरफा कार्यवाही के संकेत दे रहे हैं। बुलडोजर चलाने और
संपत्तियां जब्त करने की धमकियाँ दे रहे हैं। हमारा सवाल है कि तनाव की जड़ नूपुर शर्मा
के खिलाफ कार्यवाही होगी क्या? भीड़ बना कर बाज़ार खुलवाने आए बजरंगियों पर कार्यवाही
होगी क्या? अगर गरीबों पर बुलडोजर चलाने भर से शान्ति स्थापित होती तो यह वारदात होती ही क्यों? भाजपायी नुस्खों से सुशासन चलता तो कश्मीर आज भी क्यों सुलग रहा होता? ये ज्वलंत सवाल हैं जिन पर सत्ता प्रतिष्ठान को गंभीरता से विचार करना होगा।
भाकपा ने कहा विस्फोटक वातावरण बनाया जायेगा तो विस्फोट होगा
ही। अतएव भाजपा घ्रणा और उन्माद फैलाना बन्द करे। तटस्थ भाव से घटनाओं की छानबीन कर
समदर्शी भाव से समस्त दोषियों के विरूध्द कार्यवाही करे। प्रशासन ही नहीं शासन की भी
ज़िम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिये। बड़बोलापन नहीं, सर्वस्वीकार्य
एक्शन होना चाहिये। यही प्रदेश के हित में होगा और यही देश के भी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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