कोविड-19 की आड़ में लोकतन्त्र की हत्या करने पर आमादा है राज्य सरकार
भाकपा ने कांग्रेस अध्यक्ष व अन्य की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निन्दा की
अमेरिका में तानाशाही के खिलाफ विद्रोह से सबक ले सरकार: भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कोविड- 19 की आड़ में लोकतन्त्र की हत्या करने पर पर आमादा है। इस नापाक उद्देश्य से वह मजदूरों, किसानो और आम लोगों की आवाज को कुचल रही है। सरकार के इन क्रत्यों का विरोध करने पर विपक्ष के नेताओं को जबरिया गिरफ्तार करा रही है।
यहां जारी एक प्रैस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि राज्य सरकार ने विपक्ष को कुचलने के अपने राजनैतिक एजेंडे के तहत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू को गत दिनों आगरा में गिरफ्तार कर लिया। वहां जमानत मिल जाने पर मनमाने तरीके से नये केस गढ़ कर उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह यूपी पुलिस ने 11 मई को बस्ती में वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे मजदूरों- किसानों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने जारहे थे।
अब कल मथुरा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की रिहाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचे कांग्रेस के लगभग दर्जन भर कार्यकर्ताओं को जबरिया गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
भाकपा इन गिरफ्तारियों की कठोर शब्दों में निन्दा करती है और मांग करती है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी को तत्काल रिहा किया जाये।
उन्होने कहाकि भाजपा सरकारें कोविड- 19 से निपटने में बुरी तरह विफल होचुकी हैं और संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ऊपर पहुँच चुकी है। वह जनता की समस्याओं के समाधान में बुरी तरह विफल होचुकी हैं। ऐसी स्थितियों में भी शासक दल अपने जनविरोधी एजेंडे को धड़ल्ले से चला रहा है और विपक्ष को जनता की समस्याएं उठाने से बाधित कर रहा है। वह कोविड-19 को अपने जनविरोधी कार्यों के कवच के रूप में स्तेमाल कर रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को इस खुन्नस के कारण गिरफ्तार किया गया कि परदेशी मजदूरों को लाने के लिए कांग्रेस ने बसें यूपी बार्डर पर लगा दीं। इससे भाजपा सरकार की किरकिरी हुयी जिसका बदला उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष की गिरफ्तारी करके लिया। जब उन बसों को यूपी में घुसने ही नहीं दिया गया तो उनकी कथित सूची को गिरफ्तारी का आधार बनाना कोरा ढकोसला है। सरकार को इससे बाज आना चाहिए।
भाकपा ने कहा कि कोविड-19 के आने से पहले भी सरकार ने सीएए का विरोध कर रहे कई आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया और अन्य कई को गिरफ्तार करने का षडयंत्र रचा। अब वही कार्यवाही वह कोरोना महामारी की आड़ में कर रही है। सरकार लगातार लोकतान्त्रिक कार्यवाहियों को बाधित कर रही है और लोकतन्त्र को कुचल रही है। अमेरिका की घटनाओं से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया जहां तानाशाही के खिलाफ करोड़ों लोग सड़क पर आगये है।
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