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शनिवार, 18 जुलाई 2020

हिन्दुत्व की राजनीति गरीब विरोधी : भाकपा


वाराणसी में नेपाली मजदूर को प्रताड़ित करने वालों पर रासुका लगे
घटना से देश की प्रतिष्ठा को धक्का लगा, गरीबों में उपजा आक्रोश
पूर्व की शिकायतों पर कार्यवाही हुयी होती तो दुस्साहसिक घटना न होती 
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने गत दिन वाराणसी में एक कथित हिंदूवादी संगठन द्वारा नेपाल के एक युवक के जबरिया मुंडन कराने, उसके सिर पर श्रीराम लिखने और उससे नारे लगवा कर वीडियो वायरल कराने की घटना की कठोर शब्दों में निन्दा की है। भाकपा ने इसे हिन्दुत्व के तालिबानियों की गरीब विरोधी और फासीवादी कार्यवाही करार दिया है। भाकपा ने इस कुक्रत्य को अंजाम देने वालों पर रासुका लगाने की मांग की है।
भाकपा ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री के अयोध्या संबंधी बयान से आस्थावानों को धक्का लगना स्वाभाविक है, और कई लोगों ने उसकी लोकतान्त्रिक आलोचना की है। बयान या घटनाओं पर विरोध प्रकट करना किसी का भी लोकतान्त्रिक अधिकार है। लेकिन बयान पर विरोध के नाम पर संबन्धित देश के किसी असहाय नागरिक का उत्पीड़न घोर निंदनीय है। यह घटना इसलिये भी पीड़ादायक है कि गरीब नेपाली लोग सहस्रो वर्षों से आजीविका के लिये भारत आते हैं और अत्यल्प पारिश्रमिक वाले कामों को वफादारी से अंजाम देते हैं। यह घटना इसलिये और पीड़ादायक है कि एक पड़ौसी देश के हिन्दू नागरिक के साथ प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र और भारतीय संस्क्रति के प्रतीक नगर वाराणसी में हुयी है।
भाकपा ने आरोप लगाया कि एक नामनिहाद हिन्दू संगठन वाराणसी मे लगातार गैर कानूनी कार्यों में संलिप्त है। पिछले सप्ताहों में ही इसने वाराणसी में भाकपा कार्यालय के बोर्ड पर कीचड़ फेंकने की भड़कावे की कार्यवाही की, भाकपा कार्यालय एवं बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी ( BHU ) के मुख्य द्वारों पर उन्माद फैलाने वाले पोस्टर लगाये और लखनऊ में विधान सभा के सामने स्थित माकपा राज्य कार्यालय के बोर्ड पर कीचड़ उंडेलने का काम भी इसी संगठन का लगता है। भाकपा, माकपा और वामपंथी दलों ने बार बार इसकी लिखित शिकायतें कीं। यदि तभी इस गिरोह को दबोच लिया गया होता तो आज सारे संसार में भारत की प्रतिष्ठा गिराने का दुस्साहस करने की उसकी हिम्मत न होती।
भाकपा ने कहा कि 95 वर्षों से एक संगठन धर्म का चोगा पहन कर गरीब, दलित और आम जन विरोधी और एकल प्रभुत्व के सिध्दांत को परवान चड़ा रहा है। इससे कुकुरमुत्तों की तरह असहिष्णुतावादी संगठन पैदा होरहे हैं और निहितस्वार्थी लोग अराजक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। वाराणसी के इस कुक्रत्य के अलाबा कोयंबटूर में महान समाज सुधारक ई वी रामस्वामी पेरियार की प्रतिमा को भगवा रंग से पोत दिया गया तो रुड़की में अफ्रीकी देश के छात्रों को बुरी तरह पीटा गया। ऐसी ही मानसिकता रखने वाले एएमयू के एक मुस्लिम छात्र ने हिन्दू छात्रा को हिजाब पहनने की धमकी दी। ऐसे तत्व अपनी फर्जी आस्था की आड़ में समय समय पर अलग अलग बहानों से देश के कमजोर वर्गों को प्रताड़ित करते रहते हैं। अफसोस की बात है कि मौजूदा सत्ताधारियों का इन्हें खुला समर्थन मिलता रहता है।
भाकपा ने कहाकि एनएसए और देशद्रोह के कानून ऐसे ही तत्वों के लिये हैं, लेकिन मौजूदा शासक इनका दुरुपयोग अपने राजनेतिक विरोधियों के खिलाफ कर रहे हैं। वे समुदाय विशेष का चोगा पहन कर गरीबों का उत्पीड़न करने और कानून को ठेंगा दिखाने वालों को प्रश्रय प्रदान कर रहे हैं।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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