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शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

CPI on Kanpur Episode


कानपुर कांड- पुलिस प्रशासन के राजनीतिकरण की देन: भाकपा

लखनऊ- 3 जुलाई 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कानपुर जनपद में गत रात एक शातिर अपराधी से मुठभेड़ में एक क्षेत्राधिकारी सहित 8 पुलिसकर्मियों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भाकपा ने शहीद पुलिसकर्मियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये शोक संतप्त उनके परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति जताई है। भाकपा ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि यूपी में जंगलराज व्याप्त है इसका इससे बड़ा उदाहरण हो नहीं सकता। एक ऐसा शातिर अपराधी जिसके खिलाफ 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं वह कैसे और किसके संरक्षण के तहत बाहर घूम रहा था, इस सवाल का जबाव सरकार को देना होगा। क्यों उस पर गैंगस्टर एक्ट, रासुका अथवा अन्य धाराएँ लगा कर जेल के भीतर नहीं रखा गया? बार बार मार दो, ठोक दो की भाषा बोलने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी क्या इस छुट्टा घूम रहे अपराधी के इस जघन्य कुक्रत्य की नैतिक ज़िम्मेदारी लेंगे?
भाकपा उत्तर प्रदेश में निरंतर होरही गंभीर आपराधिक वारदातों पर लगातार आवाज उठाती रही है जिसे योगी सरकार हवा में उड़ाती रही है। योगी सरकार ने पुलिस को राजनीतिक शख़्सियतों को फंसाने और जन आंदोलनों को कुचलने के काम में लगा रखा है। पुलिस प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया गया है।  उसके पास अपराधियों से निपटने को उतना समय नहीं जितना होना चाहिये। दूसरे शातिर अपराधियों के शासक दल के नेताओं से गहरे रसूख हैं और सामान्यतः पुलिस उन पर हाथ डालने से घबराती है। जहां हाथ डाला गया उसका नतीजा सामने है। पुलिस के मूवमेंट की इस अपराधी गिरोह को कैसे जानकारी मिली इसकी भी जांच होनी चाहिये।
भाकपा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में एक से एक बड़ी आपराधिक घटनायें हो रही हैं, बड़े बड़े घपले घोटालों की परतें उघड़ रही हैं, दबंग कमजोरों पर अत्याचार कर रहे हैं पर हर मामले में मुख्यमंत्री का एक ही रटा रटाया बयान होता है कि कड़ी कार्यवाही के निर्देश दे दिये गए हैं, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अब इससे काम चलाने वाला नहीं है। जनता नतीजे चाहती है। योगी सरकार नतीजे दे नहीं पा रही है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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