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सोमवार, 29 जुलाई 2019
at 9:30 pm | 0 comments |
Unnav Rape case: CPI for CM's Resignation
बलात्कार पीड़िता को एयर एंबुलेंस से इलाज के लिये
दिल्ली भेजा जाये।
नैतिकता का तकाजा है कि मुख्यमंत्रीजी स्तीफ़ा दें:
भाकपा
लखनऊ- 29 जुलाई 2019, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने यहाँ जारी बयान में कहाकि उत्तर प्रदेश में सरकार समर्थित
गुंडाराज ने सारी सीमाएं पार कर दी हैं। सोनभद्र में 10 लोगों के दिन दहाड़े बहाये गये
रक्त की लालिमा अभी ओझल हो नहीं पाई थी कि उन्नाव की बलात्कार पीड़िता को परिवार सहित
नेस्तनाबूद करने की नई कहानी लिख दी गई। दुर्घटना जिसमें केस की गवाह सहित दो महिलाओं
की मौत होगयी और पीड़िता सहित अन्य लोग जिंदगी- मौत के बीच जूझ रहे हैं, योगी सरकार के माथे पर कलंक का अमिट टीका है।
सारे प्रदेश और देश को स्तब्ध करने वाली इस घटना की
भाकपा तीव्र शब्दों में भर्त्सना करती है। भाकपा पीड़ितों के परिवारों के प्रति ह्रदय
की गहराइयों से संवेदनाएं व्यक्त करती है। भाकपा मांग करती है कि पीड़िता और अन्य घायलों
को इलाज के लिये राज्य सरकार एयर एंबुलेंस से किसी उच्च अस्पताल को फौरन भेजे और सभी
के इलाज की पूरी ज़िम्मेदारी ले।
दुर्घटना के सारे हालात बताते हैं कि यह एक गहरी साजिश
है। साजिशकर्ता कोई और नहीं, भाजपा का बाहुबली विधायक है- जिसे
समूची भाजपा की सरपरस्ती हासिल है। अतएव पीड़िता और अन्य को सरकार और सीबीआई से न्याय
शायद ही मिल पाये। अतएव पूरी घटना की उच्च न्यायालय के सिटिंग न्यायाधीश से कराई जाये, भाकपा ने मांग की है।
भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि उत्तर प्रदेश
में एक से बढ़ कर एक संगीन वारदात होरही हैं लेकिन सरकार के मुखिया संज्ञान लेने तक
सीमित रह जाते हैं। लोकतन्त्र में शासन में बैठे लोगों की भी नैतिक ज़िम्मेदारी होती
है और मुख्यमंत्रीजी को इन घटनाओं की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुये तत्काल पद से स्तीफ़ा
देना चाहिए। विपक्ष के ऊपर ज़िम्मेदारी डाल कर अथवा पिछली सरकारों के कार्यकाल की घटनाओं
के उदाहरण देकर वे ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते।
डा॰ गिरीश ने कहाकि आज कल मुख्यमंत्री जी समय समय पर
लोहिया जी का उदाहरण देते रहते हैं। उन्हें याद दिलाना चाहता हूँ कि गोलीकांड में एक
व्यक्ति की मौत पर लोहियाजी ने केरल की थानू पिल्लई सरकार से स्तीफ़ा लेलिया था। अतएव
मुख्यमंत्रीजी से अनुरोध है कि लोहिया जी के पथ का अनुशरण करें और उत्तर प्रदेश में
होरहे निरीहों के रक्तपात, बलात्कार और अत्याचारों की ज़िम्मेदारी
लेते हुये तुरंत पद त्याग करें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
गुरुवार, 25 जुलाई 2019
at 8:28 pm | 0 comments |
Protest of CPI in UP on District Headquarters
प्रकाशनार्थ
घोरावल ( सोनभद्र ) हत्याकांड
के विरोध में भाकपा ने प्रदेश भर में व्यापक प्रदर्शन किये
लखनऊ- 25 जुलाई 2019, घोरावल (
सोनभद्र ) नरसंहार के दोषियों पर रासुका लगाने, समूचे प्रकरण
की जांच उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से कराने, घटना
में सहयोगी और उसके लिये जिम्मेदार सभी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को निलंबित कर
दंडित किये जाने, घटना में हर म्रतक के परिवारी को रुपये 50
लाख प्रति म्रतक मुआबजा दिये जाने, प्रत्येक घायल को रुपये 5
लाख सहयोग के तौर पर दिये जाने, वर्षों से ज़मीनों को जोत- बो
रहे आदिवासियों को ज़मीनों पर कब्जा और स्वामित्व दिये जाने,
आदिवासी अधिनियम को लागू किये जाने, पुराने सीलिंग कानून को
पुनर्जीवित कर प्रदेश भर में माफियाओं के कब्जे वाली ज़मीनों को भूमिहीनों में
वितरित किये जाने और उत्तर प्रदेश में भूमि आयोग गठित किये जाने आदि प्रमुख मांगों
को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आज समूचे उत्तर प्रदेश में अधिकतर जिला
मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन संबन्धित
जिलों के जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित
किये गये। इन ज्ञापनों में दलितों, अल्पसंख्यकों और
अन्य के खिलाफ होरही मोब लिंचिंग रोके जाने, उत्तर प्रदेश की
बदहाल कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने और बिजली की दरों में प्रस्तावित व्रद्धि को
वापस लिये जाने आदि मांगें भी शामिल थीं। घोरावल नरसंहार जिसमें की 17 जुलाई को 10
आदिवासियों की गोली से भून कर हत्या कर दी गयी के प्रति जनता में व्याप्त आक्रोश
ही था कि उत्तर प्रदेश में भाकपा के कार्यकर्ता लगभग 65 जिलों में सड़कों पर उतरे।
इसकी खबरें पूर्वान्ह 11 बजे से ही राज्य मुख्यालय पर आने लगीं थीं और आंदोलन की
तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगीं थीं।
जनपद सोनभद्र में जिला मुख्यालय पर जिला सचिव का॰ आर॰
के॰ शर्मा एवं लोकसभा प्रत्याशी रहे अशोक कनौजिया के नेत्रत्व में जिला मुख्यालय पर
प्रदर्शन किया गया और सभा की गयी। उपर्युक्त मांगों से संबन्धित ज्ञापन जिला प्रशासन
को सौंपा गया। प्रदर्शन में महिलाओं की भागीदारी भी थी। जनपद फ़तेहपुर में खागा तहसील
पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य मोतीलाल, जिला सचिव फूलचंद
पाल एवं राकेश प्रजापति के नेत्रत्व में प्रदर्शन- सभा कर ज्ञापन सौंपा गया।
गाजियाबाद में भाकपा के वरिष्ठ नेता का॰ भारतेन्दु
शर्मा एवं जिला सचिव सईद अनवर के नेत्रत्व में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर
ज्ञापन दिया गया। बागपत जनपद की बड़ौत तहसील पर जिला सचिव राजेन्द्र जैन, सहसचिव राकेश जैन, यशवीर सिंह एवं युवा नेता विक्रांत
सिंह के नेत्रत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। फरुखाबाद की
तहसील कायमगंज पर भाकपा जिला सचिव का॰ अमित
यादव के नेत्रत्व में धरना प्रदर्शन किया गया।
मूसलाधार वारिश के बावजूद जनपद जालौन के जिला
मुख्यालय उरई में नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनय पाठक, भाकपा के पूर्व जिला सचिव विजय सिंह राठौर, देवेश
चौरसिया एवं प्रभूदयाल पाल के नेत्रत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। आगरा में
राज्य काउंसिल सदस्य ओमप्रकाश प्रधान, सचिव ताराचंद एवं
सहसचिव मोहनसिंह जादूगर के नेत्रत्व में प्रदर्शन किया गया और सभा की गयी।
भाकपा के आह्वान पर जनपद चंदौली के चकिया में भाकपा, माकपा, स्वराज अभियान एवं आदिवासी वनवासी सभा के
संयुक्त तत्वावधान में गांधी पार्क में विशाल संयुक्त सभा की गयी और उपजिलाधिकारी
को ज्ञापन दिया गया। अध्यक्षता भाकपा जिला सचिव का॰ शुकदेव मिश्रा ने की।
गोरखपुर में का॰ सुरेश राय, राममूर्ति एवं डा॰ आशीष कुमार सिंह के नेत्रत्व में जिला मुख्यालय पर धरना
एवं सभा कर ज्ञापन सौंपा गया। देवरिया में जिला सचिव आनंद चौरसिया के नेत्रत्व में
कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। कुशीनगर में वरिष्ठ नेता सगीर अहमद एवं
जिला सचिव मोहन गोंड के नेत्रत्व में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया।
इसी तरह कानपुर महानगर में भी भाकपा, माकपा, लोकदल, स्वराज्य
पार्टी, कांग्रेस, सपा, लोकतान्त्रिक जनतादल आदि ने संयुक्त धरना दिया और सभा की। सभा को भाकपा
के प्रदेश सहसचिव अरविन्दराज स्वरूप ने भी संबोधित किया। जनपद कानपुर देहात में भी
जिला सचिव हरिमोहन त्रिपाठी के नेत्रत्व में 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया।
उधर पूर्वाञ्चल के जनपद गाजीपुर में उत्तर प्रदेश
किसान सभा के महासचिव का॰ राजेन्द्र यादव, भाकपा जिला सचिव
का॰ अमेरिका यादव, जनार्दन राम एवं रामबदन सिंह के नेत्रत्व
में कामरेड सरयू पाण्डेय पार्क में प्रदर्शन किया गया। आजमगढ़ में उ॰ प्र॰ किसान
सभा के अध्यक्ष इम्तियाज़ बेग, खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष
खरपत्तू राजभर, भाकपा के जितेन्द्र हरी पाण्डेय आदि के
नेत्रत्व में जुलूस निकाला गया। भदोही में भारतीय खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश
महासचिव फूलचंद यादव, भाकपा नेता भूयाल पाल एवं इंतजार हसन
के नेत्रत्व में प्रदर्शन एवं सभा की गयी। हाथरस में का॰ संजय खान के नेत्रत्व में
ज्ञापन दिया गया।
वाराणसी में शास्त्रीघाट धरनास्थल पर प्रदर्शन कर
ज्ञापन दिया गया। सभा को वरिष्ठ नेता विजय कुमार, जिला सचिव
जयशंकर सिंह एवं एटक नेता अजय मुखर्जी ने संबोधित किया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने
भी भाग लिया। जौनपुर में भी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन एवं सभा आयोजित की गयी जिसे
सुभाष पटेल, रामनाथ यादव, सालिग्राम
पटेल एवं जयप्रकाश सिंह आदि ने संबोधित किया। मैनपुरी में जिला सचिव का॰ रामधन एवं
किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष राधेश्याम यादव के नेत्रत्व में जुझारू जुलूस निकाल
कर ज्ञापन दिया गया।
प्रतापगढ़ में जिला सचिव का॰ रामबरन सिंह के
नेत्रत्व में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। हेमंत नन्दन ओझा, कमरुद्दीन एवं महाराजदीन यादव ने भी सभा को संबोधित किया।
फैजाबाद
में तहसील स्थित तिकोनिया पार्क में प्रदर्शन एवं सभा का आयोजन किया गया जिसका
नेत्रत्व जिला सचिव का॰ रामतीरथ पाठक, रामजीराम यादव, जमुना सिंह एवं सूर्यकांत पाण्डेय ने किया। जनपद अंबेडकरनगर जिला
मुख्यालय पर भाकपा राज्य काउंसिल सदस्य अशोक तिवारी एवं नौजवान सभा के जिला
अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह चौहान के नेत्रत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। जनपद बाराबंकी में भाकपा राज्य काउंसिल सदस्य
रणधीर सुमन एवं जिला सचिव का॰ ब्रजमोहन वर्मा, सहसचिव कौसर
खान एवं शिव दर्शन वर्मा के नेत्रत्व में प्रदर्शन कर सभा की गयी।
बहराइच में भाकपा सचिव सिध्दनाथ श्रीवास्तव एवं
सहसचिव कुलेराज यादव के नेत्रत्व में जिला कार्यालय जोशियापुरा से कचहरी तक जुलूस
निकाला गया और ज्ञापन दिया गया। बस्ती के जिला मुख्यालय पर जिला सचिव अशर्फीलाल
गुप्ता और राज्य काउंसिल सदस्य फूलचंद विकल के नेत्रत्व में धरना हुआ। मेरठ में
भाकपा जिला सचिव शरीफ अहमद एवं किसान सभा के नेता जितेंद्र सिंह के नेत्रत्व में
प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। मुरादाबाद में जिला सचिव रामप्रकाश रस्तोगी के
नेत्रत्व में धरना दे ज्ञापन दिया गया।
शाहजहांपुर में वरिष्ठ नेता रामशंकर नेताजी, सुरेश कुमार एवं मो॰ सलीम के नेत्रत्व में धरना प्रदर्शन आयोजित किया
गया। मथुरा में भाकपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य का॰ गफ्फार अब्बास के नेत्रत्व में
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। बुलंदशहर में राज्य
कार्यकारिणी के सदस्य अजय सिंह के नेत्रत्व में सयाना तहसील पर ज्ञापन दिया गया।
बदायूं में जिला सचिव का॰ रघुराज सिंह के नेत्रत्व में जिला मुख्यालय पर धरना
प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया।
लखनऊ में जिला सचिव परमानंद, मोहम्म्द ख़ालिक़ एवं अकरम हुसैन के नेत्रत्व में पार्टी जिला मुख्यालय से
कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला गया और ज्ञापन दिया गया। चित्रकूट में जिला सचिव का॰
अमित यादव के नेत्रत्व में पार्टी कार्यालय से सदर तहसील तक नारेबाजी के साथ जुलूस
निकाला गया और उपजिलाधिकारी करवी को 9 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा
गया। गोंडा में जिला सचिव का॰ रामकिशोर के नेत्रत्व में कलक्ट्रेट परिसर में धरना
दे ज्ञापन दिया गया व सभा की गयी। का॰ सुरेश त्रिपाठी,
सत्यनारायन त्रिपाठी आदि ने सभा को संबोधित किया। बलरामपुर में जिला सचिव का॰ हाज़ी
नब्बन खां के नेत्रत्व में धरना दे ज्ञापन दिया गया।
बलिया, बांदा, बरेली, सीतापुर, महाराजगंज, इलाहाबाद, पीलीभीत, अलीगढ़, अमरोहा, सुल्तानपुर, मिर्ज़ापुर, हरदोई, हमीरपुर, नोएडा, शामली एवं सहारनपुर से भी कार्यक्रम किए जाने की खबरें मिलीं हैं।
भाकपा राज्य
सचिव डा॰ गिरीश ने इस आंदोलन को जोरदार ढंग से संपन्न करने हेतु सभी कार्यकर्ताओं को
बधाई दी है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
बुधवार, 24 जुलाई 2019
at 4:57 pm | 0 comments |
CPI DEMONSTRATIONS ON DISTRICT HEADQUARTERS AGAINST GHORAVAL MASECRE IN UP TOMMRROW
प्रकाशनार्थ
सोनभद्र नरसंहार के विरुध्द कल ( 25 जुलाई ) को प्रदेश
के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी भाकपा
लखनऊ- 24 जुलाई 2019, घोरावल ( सोनभद्र
) नरसंहार के दोषियों पर रासुका लगाने, समूचे प्रकरण की जांच
उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से कराने, घटना में सहयोगी
और उसके लिये जिम्मेदार सभी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को निलंबित कर दंडित किये जाने, घटना में हर म्रतक के परिवारी को रुपये 50 लाख प्रति म्रतक मुआबजा दिये जाने, प्रत्येक घायल को रुपये 5 लाख सहयोग के तौर पर दिये जाने, वर्षों से जोत- बोरहे आदिवासियों को ज़मीनों पर कब्जा और स्वामित्व दिये जाने, आदिवासी अधिनियम को लागू किये जाने, पुराने सीलिंग कानून
को पुनर्जीवित कर प्रदेश भर में माफियाओं के कब्जे वाली ज़मीनों को भूमिहीनों में वितरित
किये जाने और उत्तर प्रदेश में भूमि आयोग गठित किये जाने की मांग को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी समूचे उत्तर प्रदेश में कल- ( 25 जुलाई
) को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी।
प्रदर्शन के बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी
के माध्यम से प्रेषित किये जायेंगे। ज्ञापन
में मोब लिंचिंग रोके जाने, उत्तर प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था
को पटरी पर लाने और बिजली की दरों में प्रस्तावित व्रद्धि को वापस लिये जाने आदि मांगें
भी शामिल की जायेंगी।
भाकपा उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने सभी जिला
इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे जोरदारी से प्रदर्शनों का आयोजन करें। भाकपा ने सभी
वामपंथी, लोकतान्त्रिक और न्याय के लिये प्रतिबध्द शक्तियों से अनुरोध किया है कि वे
भाकपा के इस आंदोलन को सक्रिय सहयोग और समर्थन प्रदान करें।
डा॰ गिरीश
गुरुवार, 18 जुलाई 2019
at 5:30 pm | 0 comments |
उत्तर प्रदेश में घोरावल नर संहार के खिलाफ भाकपा का प्रदर्शन 25 जुलाई को
घोरावल नरसंहार इस दशक का सबसे बड़ा हत्याकांड: भाकपा
नरसंहार
मोबलिंचिंग और अन्य सवालों पर 25 जुलाई को प्रदर्शन करेगी भाकपा
लखनऊ- 18 जुलाई 2019, घोरावल नरसंहार, मोबलिंचिंग, किसानों की आत्महत्यायें, महिलाओं और दलितों पर अत्याचार, उत्तर प्रदेश की दयनीय
कानून व्यवस्था के खिलाफ और बाढ़ की विभीषिका से जान माल की सुरक्षा तथा बिजली के दामों
में प्रस्तावित व्रद्धि जैसे प्रमुख सवालों पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 25 जुलाई को
प्रदेश भर में सड़कों पर उतरेगी। इस दिन भाकपा जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर राज्यपाल
के नाम ज्ञापन सौंपे जायेंगे।
घोरावल नरसंहार को प्रदेश में इस दशक का सबसे बड़ा नरसंहार
बताते हुये भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने कहा है कि सोनभद्र, मिर्ज़ापुर तथा तराई के तमाम जिलों में अफसर, नेता और
माफिया आदिवासियों, दलितों और कमजोर तबकों की भूमियों पर तमाम
तरीकों से जबरिया कब्जे कर रहे हैं। वहाँ आदिवासी अधिनियम का भी सरेआम उल्लंघन होरहा
है। राज्य की सरकारें और प्रशासन कब्जे करने वालों के पक्ष में ही खड़े होते हैं। कल
सोनभद्र के घोरावल में हुआ नरसंहार सरकार और प्रशासन की इसी करतूत का परिणाम है। आदिवासी
दलितों पर हुये एकतरफा कातिलाना हमले को पुलिस प्रशासन अब आपसी झगड़े की शक्ल देने में
लगा है।
भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि उत्तर
प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। मोब लिंचिंग, जबरिया जयश्रीराम बोलने को मजबूर करना, महिलाओं दलितों
और अन्य कमजोर वर्गों पर अत्याचार, लूट, गोलीकांड, और यहाँ तक कि पुलिसकर्मियों की हत्याएं और
हमले आदि पल पल की बात होगयी है। आर्थिक संकट के चलते किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं, बाढ़ की विभीषिका से लोग तवाह होरहे हैं मगर शासक लोग भजन कीर्तन में समय जाया
कर रहे हैं। लुटी- पिटी जनता के ऊपर बिजली की बढ़ी दरें थोपे जाने की तैयारी भी चल रही
है।
25 जुलाई को इन सभी सवालों पर भाकपा जिला केन्द्रों
पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देगी। ज्ञापन में घोरावल कांड के समस्त दोषियों को कानून के
शिकंजे में कसने को न्यायिक जांच कराने, म्रतकों के परिवारीजनों
को रुपये 50 लाख प्रति म्रतक तथा घायलों को 5 लाख हानिराशि प्रदान किये जाने, आदिवासी अधिनियम पर अमल किये जाने, प्रदेश भर में दलितों, आदिवासियों और अन्य कमजोरों की ज़मीनों को कब्जामुक्त किये जाने, महिलाओं दलितों और निर्बल वर्ग पर होरहे अत्याचारों पर रोक लगाने, बिगड़ी कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने, किसानों की अर्थव्यवस्था
को सुधारे जाने, बाढ़ की तवाही से निजात दिलाने और बिजली की दरों
में प्रस्तावित व्रद्धि को रद्द करने की मांग की जायेगी।
डा॰ गिरीश
बुधवार, 17 जुलाई 2019
at 8:21 pm | 0 comments |
CPI Condemned Ghoraval Carnege
प्रकाशनार्थ
घोरावल हत्याकांड की भाकपा ने निन्दा की
प्रशासनिक लापरवाही देखते हुये न्यायिक जांच की मांग
उठाई
लखनऊ- 17 जुलाई, 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने जनपद सोनभद्र की घोरावल
तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत मूर्तिया के गांव उभ्भा में हुये गोलीकांड की कड़े से
कड़े शब्दों में निन्दा की है। इस जघन्य घटना के लिये पुलिस और प्रशासन की भूमिका को
संदिग्ध मानते हुये भाकपा ने इसकी न्यायिक जांच कराये जाने की मांग की है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰
गिरीश ने कहाकि वहां जमीन विवाद काफी पहले से धधक रहा था, लेकिन पुलिस प्रशासन निष्क्रिय बना रहा। परिणामस्वरूप इतना बड़ा कांड होगया
जिसमें अब तक 10 स्त्री पुरुषों की जान चली गयी और 18 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि जनपद सोनभद्र में बाहरी
लोग पहुँच कर आदिवासियों और अन्य गरीबों की ज़मीनों को तरह तरह से हथिया रहे हैं। आए
दिन लोगों को हिंसा और दबंगई को सहना पड़ रहा है। वनाधिकार कानून को भी लागू नहीं किया
जारहा। जल जंगल जमीन का जमकर दोहन होरहा है। सरकार और प्रशासन अधिकतर मामलों में शोषक
और अत्याचारियों का साथ देरहे हैं। हर बड़ी वारदात पर मुख्यमंत्री कार्यालय से बयान
जारी होता है कि मुख्यमंत्रीजी ने संज्ञान लिया है। पर वारदातें रुकने का नाम नहीं
लेरही हैं।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने भाकपा की जनपद सोनभद्र इकाई
को निर्देश दिया है कि वह घटनास्थल का दौरा कर सचाई उजागर करे और पीड़ितों को न्याय
दिलाने को हर संभव कदम उठाये।
डा॰ गिरीश
गुरुवार, 20 जून 2019
at 8:39 pm | 1 comments |
CPI, U.P. Condemns Uttar Pradesh Private University Ordinence 2019
भाकपा ने यूपी निजी विश्वविद्यालय अधिनियम को असंवैधानिक
बताया
तत्काल वापस लेने की मांग की
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने यूपी केबिनेट द्वारा पारित ‘उत्तर
प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अध्यादेश 2019' जिसका कि उद्देश्य
इन विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां रोकना बताया जारहा है, को अभिव्यक्ति एवं शिक्षा के आधार और अधिकार पर बड़ा हमला बताया है। भाकपा
ने इस अध्यादेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुये इसे रद्द करने की मांग की है।
एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने
कहाकि ऐसा अध्यादेश लाने से पहले राज्य सरकार को बताना चाहिये कि किस निजी विश्वविद्यालय
में और क्या राष्ट्रविरोधी गतिविधियां होरही हैं और यदि होरहीं हैं तो वे अब तक क्यों
जनता के संज्ञान में नहीं लायी गईं? क्यों अब तक उनके
खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी? जेएनयू के कथित टुकड़े- टुकड़े
गैंग जिसकी कि चार्जशीट अदालत द्वारा रद्द की जाचुकी है का बहाना बना कर थोपे जाने
वाले इस अध्यादेश को स्वीकार नहीं किया जासकता।
भाकपा ने कहाकि इस तुगलकी अध्यादेश के जरिये भाजपा सरकार
उन विश्वविद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों की लोकतान्त्रिक गतिविधियों को कुचलना
चाहती है और संघ नियंत्रित छात्र एवं शिक्षक संगठनों को वाक ओवर देना चाहती है।भाजपा
को लोकतान्त्रिक और विपरीत विचार बर्दाश्त नहीं। वह उन्हें कुचलने को तमाम हथकंडे अपना
रही है। यह अध्यादेश भी उनमें से एक है।
सच तो यह है कि संघ नियंत्रित विद्यालयों और बौध्दिक
शिविरों में आबादी के बड़े हिस्से के प्रति घ्रणा और विद्वेष पैदा करने वाली शिक्षा
दी जाती है तथा गांधी, नेहरू के प्रति घ्रणा और नाथूराम गोडसे
के प्रति श्रध्दा पैदा की जाती है। असल जरूरत उसे रोके जाने की है।
भाकपा ने कहाकि निजी हाथों में सिमटी शिक्षा आज व्यापार
बन गयी है। वह गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के लिये सुलभ नहीं है। जरूरत शिक्षा का राष्ट्रीयकरण
करने और उसका बजट बढ़ा कर उसे सर्वसुलभ बनाने की है। सभी को समान शिक्षा दिये जाने का
निर्देश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कई साल पहले दिया जाचुका है और भाकपा इसे लागू
कराने के लिये माननीय राज्यपाल महोदय को तभी ज्ञापन देचुकी है जब सपा की सरकार थी।
लेकिन भाजपा इस बुनियादी सवाल से ध्यान हटाने को ऐसे हथकंडे अपना रही है। भाजपा सरकार
छात्रसंघों के चुनाव कराने से भी कतरा रही।
भाकपा ने सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों से अपील की कि वे
इस गैर जरूरी और असंवैधानिक अध्यादेश को रद्द किए जाने हेतु आवाज उठायेँ।
डा॰ गिरीश
सोमवार, 17 जून 2019
at 3:29 pm | 0 comments |
CPI NEWS
भाकपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
चुनाव परिणामों की समीक्षा की गयी
बिजली दरें बढ़ाई गयी तो होगा आन्दोलन
विधान सभा उपचुनावों की तैयारी की जायेगी
लखनऊ- 17 जून 2019, भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज यहां
लालगंज बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कामरेड हामिद अली एडवोकेट की अध्यक्षता में
संपन्न हुयी। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव द्वय काम॰ अतुल कुमार अंजान और
डा॰ भालचंद कांगो दोनों दिन उपस्थित रहे। दोनों नेताओं ने बैठक को संबोधित किया और
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के संबंध में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी
द्वारा किये गये विश्लेषण पर प्रकाश डाला।
पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं
राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने चुनाव समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होने कहाकि इन
चुनावों में बहुमत हासिल करने को भाजपा ने हर नाजायज हथकंडा अपनाया। मीडिया, सोशल मीडिया और अपने सघन प्रचार अभियान के जरिये,
बेरोजगारी, मजदूरों- किसानों की दयनीय दशा, महंगाई, भरष्टाचार व घोटाले,
गिरती अर्थव्यवस्था और समूचे देश में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य नागरिक समूहों पर हुयी जुल्म ज्यादती आदि को चर्चा
से बाहर धकेल दिया। बड़ी बारीकी से उन्होने धर्म, जाति, सांप्रदायिकता जिसमें मुस्लिम और पाकिस्तान विरोध शामिल था, पुलवामा में हुयी किरकिरी को
छुपाने को कराई गयी बालाकोट स्ट्राइक, सेना के गौरव को अपने
हक में भुनाने संघी माडल के हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को अपने प्रचार का औज़ार
बनाया।
इसके अलाबा शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग किया, विपुल मात्रा में धन बहाया, बड़े पैमाने पर
अरबपतियों और अपराधियों को प्रत्याशी बनाया, जाति के हिसाब
से रेबड़ियाँ बांटी गईं और जाति की लकीरों को हिन्दुत्व के आवरण में ढक कर पेश किया
गया। सबका साथ सबका विकास की चूंकि कलई खुल गयी थी तो मोदी है तो मुमकिन है और
मोदी का कोई विकल्प नहीं जैसे नए हथियारों को आजमाया गया। निर्वाचन आयोग की
शर्मनाक पक्षधरता और ईवीएम के कई तरह से उपयोग- दुरुपयोग से भी वोटों का बैलेंस
अपने पक्ष में किया। खबरें तो यहाँ तक हैं कि प्रशासकीय मशीनरी की साठ गांठ से
भाजपा विरोधी मतदाताओं को दबाव में लेकर एक दिन पहले ही उनके अँगूठों पर स्याही
लगा दी गई और अगले दिन उनका वोट डाल दिया गया। विपक्ष के चुनाव अभियान में न केवल
रोड़े अटकाये गये बल्कि तमाम विपक्षी कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से नजरबंद कर दिया।
ये भी ध्यान देने की बात है कि चुनाव अभियान में
जितनी सीटें जीतने का दाबा मोदी, शाह और अन्य भाजपाई कर रहे थे, अधिकतर एक्ज़िट पोल ने भी लगभग वही आंकड़े
प्रस्तुत किये, कतिपय सरकारी सूत्र भी ऐसे ही दाबे कर
रहे थे और नतीजे भी वैसे ही आये। क्या यह सब एक बड़ी साजिश की ओर इशारा नहीं कर रहे? बेगूसराय और अमेठी जैसी कई दर्जन सीटों को हथियाने को विशिष्ट योजना बनाई
गयी थी।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सरेआम जनादेश
का अपहरण है। सरकार बनने के चंद दिनों के भीतर ही देश में जिस तरह के गंभीर सवाल
सतह पर आगये हैं उससे और स्पष्ट होजता है कि सुशासन देने की तहजीब भाजपा के पास
नहीं है। जल्दी ही इस अपह्रत जनादेश की सचाई सामने आजायेगी।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष इतनी बड़ी
चुनौती का सामना करने के सवाल पर गंभीर नहीं होसका। बार- बार आगाह करने के बावजूद
उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में एक व्यापक गठबंधन नहीं बनाया गया। कैराना, गोरखपुर, फूलपुर और नूरपुर में कुछ ही माह पहले
हुये चुनावों में विपक्ष को सफलता इसलिए मिली थी कि भाकपा सहित तमाम विपक्षी दलों
ने साथ दिया था। भाकपा को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का रथ थामने के लिए
मुख्य दल सभी को साथ लेकर चलेंगे। लेकिन जब ऐसा नहीं होसका तो भाकपा ने अपनी
नीतियां जनता के बीच लेजाने के लिए 11 सीटें लड़ीं। शेष सीटों पर हमने अन्य विपक्षी
दलों को समर्थन दिया। बिना पूर्व तैयारी के बेहद सीमित साधनों के साथ लड़े गये इस
चुनाव में मिले वोटों से भाकपा संतुष्ट है। उसका भरोसा जगा है कि वामपंथ के खिलाफ
चलाये जारहे प्रचार अभियान के बावजूद लाखों लोग भाकपा के साथ खड़े हैं। पार्टी ने मतदाताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को बधाई दी है।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में
अभूतपूर्व व्रध्दी के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की गयी। इससे गरीब, मध्यवर्ग, किसान, मजदूर, व्यापारी आदि सभी तवाह होंगे। यह
ईमानदार उपभोताओं को दंडित करने का प्रयास है। सरकार बिजली चोरी, कमीशनखोरी, रिश्वतख़ोरी, लाइन
हानि, फाल्ट, कटौती रोक नहीं पारही।
विद्युत विभाग द्वारा लगाए गये मीटरों की रफ्तार बहुत अधिक है और उपभोक्ता अनाप-
शनाप बिलों से परेशान हैं। अधिक बिल आजाते हैं, मीटर फुक
जाते हैं और सारा भार उपभोक्ताओं पर पड़ता है। वर्षों- महीनों तक मामले सुलझाए नहीं
जाते और उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते है। दो साल में सरकार ने बिजली
का उत्पादन बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया जबकि खपत बड़ी है।
भाकपा ने चेतावनी दी है कि सरकार ने यदि बिजली दरों
में कोई भी व्रध्दी की तो भाकपा समूचे प्रदेश में आंदोलन छेड़ देगी। पहले सरकार के
पुतले जलाये जायेंगे, सभाएं की जायेंगी और यदि सरकार फिर
भी पीछे नहीं हठी तो जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरने- प्रदर्शन किये जायेंगे।
राज्य कार्यकारिणी ने उत्तर प्रदेश विधान सभा की
दर्जन भर सीटों पर होरहे उपचुनावों में उतारने और उसकी तैयारी शुरू करने का निश्चय
किया है।
राज्य कार्यकारिणी बैठक में रेलवे मजदूरों के राष्ट्रीय
नेता श्री शिव गोपाल मिश्रा की पत्नी, पुत्र और पोती, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या और पार्टी के
वरिष्ठ साथीगण का॰ रामस्वरुप दीक्षित(आगरा), का॰ शंभूदत्त
बेलवाल(बरेली), का॰ मुक्तेश्वर राय(गोरखपुर)तथा फिल्म
अभिनेता गिरीश कर्नाड के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया और उन्हें श्रध्दांजलि
अर्पित की गयी। शोक संतप्त परिवारीजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गयी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
गुरुवार, 13 जून 2019
at 12:06 pm | 0 comments |
CPI, U.P. Condemns killing of Bar President
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष की हत्या, महिलाओं के साथ बढ़ती
दुराचार की वरदातों और कानून व्यवस्था की बदहाली पर भाकपा ने रोष जताया
लखनऊ- 13 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने कल आगरा में बार काउंसिल उत्तर प्रदेश
की नव निर्वाचित प्रथम महिला अध्यक्ष सुश्री दरवेश यादव की निर्मम हत्या पर गहरा दुख
व्यक्त किया है। पार्टी को अफसोस और चिन्ता है कि उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था
की स्थिति बद से बदतर होचुकी है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा॰
गिरीश ने कहाकि इससे बड़ी बिडम्बना की बात क्या होगी कि न्यायालय परिसर में वह भी विशिष्ट
महिला की हत्या होजाती है। इतना ही नहीं हर रोज अलग अलग जगहों से महिला, बच्चियों के साथ दुष्कर्म और उनकी हत्या की दिल दहलाने वाली खबरें प्रकाशित
होरही हैं। आज भी उरई में 6 माह की बच्ची के साथ पैशाचिक क्रत्य की खबर सहित आधा दर्जन
दुराचार हत्या और पीड़िता द्वारा आत्महत्या की खबरें प्रकाशित हुयी हैं।
भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त
किया कि अपराधों की समीक्षा बैठकें होरही हैं, कथित जांच के आदेश
दिये जारहे हैं, कड़ी कार्यवाहियों की चेतावनियाँ जारी की जारही
हैं मगर स्थिति में सुधार की झलक नहीं दिखाई देती। प्रशासनिक अफसरों के तबादलों से
भी कोई लाभ नहीं हुआ। चर्चा है कि उन्हीं अफसरों को हटाया जारहा है जिन्होने चुनावों
में भाजपा का साथ नहीं दिया। जिन्होने प्रशासन की मर्यादा को पलीता लगाकर चुनावों में
भाजपा के पक्ष में भूमिका निभाई उन्हें उनके जिलों में संगीन वारदातें होने के बाद
भी अभयदान देरखा है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि महिलाओं के उत्पीड़न और कानून व्यवस्था
कि बदहाली को लेकर भाकपा ने गत दिनों में कई जिलों में आंदोलन कर ज्ञापन दिये हैं।
यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। राज्य सचिव ने जिला इकाइयों से अनुरोध किया कि वे जनहित
में निरंतर आवाज उठाते रहें।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
सोमवार, 10 जून 2019
at 5:27 pm | 0 comments |
CPI Condemns arrest of Press People In UP
मीडियाकर्मियों की गिरफ्तारी की भाकपा ने निन्दा की
लखनऊ- 10 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने राज्य सरकार द्वारा
नोएडा के तीन मीडियाकर्मियों- क्रमशः प्रशान्त कनोजिया, इशिता
सिंह एवं अनुज शुक्ला की गिरफ्तारी कराने की कड़े शब्दों में निन्दा की है। भाकपा ने
उनकी तुरंत रिहाई और उनकी प्रताणना के उद्देश्य से लगाये गए मुकदमों को निरस्त कराने
की मांग की है।
एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने
कहाकि पुलिस का यह कार्य अनैतिक, अधिनायकवादी तो है ही प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर हमला है। यह
इस बात को दर्शाता है कि अपने राजनैतिक आकाओं को तुष्ट रखने को पुलिस किसी भी हद तक
जासकती है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि भाजपा और मीडिया के धनपति मालिकों
के बीच साठगांठ के चलते कई टीवी चैनल और बड़े अखबार सरकार और शासन के पिट्ठू बन चुके
हैं और लुटेरी पूंजीवादी व्यवस्था के बचाव में हर घ्रणित हथकंडा अपना रहे हैं। मीडिया
के जो हिस्से इस परिधि से बाहर हैं उनकी आवाज बन्द करने का प्रयास किया जारहा है। सभी
लोकतान्त्रिक शक्तियों को इसका विरोध करना चाहिए।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा , उत्तर प्रदेश
शनिवार, 8 जून 2019
at 1:18 pm | 0 comments |
CPI Statement on Aligarh incident
अलीगढ़ में अबोध बच्ची की हत्या पर भाकपा ने रोष जताया
अपराधों की बाढ़ के खिलाफ
जिलों में ज्ञापन देने का निर्देश जिला इकाइयों को दिया
लखनऊ- 8 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल
ने अलीगढ़ जनपद के कस्बा- टप्पल में ढाई साल की अबोध बच्ची के अपहरण के बाद कीगयी न्रशंस
हत्या की कड़े से कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। भाकपा ने घटना में लिप्त सभी दरिंदों
के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰
गिरीश ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने शुरू में इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया।
अपहरण के बाद उसी आबादी में रह रहे कुख्यात अपराधियों को क्यो शिकंजे में नहीं कसा
गया? आबादी में ही म्रतका की लाश छिपायी गयी और उसकी जगह तक बदली गयी, पर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। जब मामले ने तूल पकड़ा तो एसआईटी का गठन
और पुलिसकर्मियों के निलंबन जैसी कार्यवाही की गयी।
डा॰ गिरीश ने कहाकि लोक सभा चुनावों के बाद यूपी में
अपराधों की बाढ़ ही आगई है। अनेक जिलों में महिलाओं की हत्या और दुराचार के कई मामले
हुये हैं तो कत्ल राहजनी अपहरण लूट नकली शराब से मौतों जैसी कार्यवाहियों में भारी
बढ़ोत्तरी हुयी है।
लगता है जो अपराधी चुनाव अभियान में लगाये गए थे, जीत के बाद उन्हें अपने मंसूबे पूरे करने की छूट देदी गयी है। अपराधी जनता
को हलकान किए हुये हैं तो सरकार और मुख्यमंत्री को जनता की पीड़ा की कोई फिक्र नहीं
है। मंत्रीगण जघन्य घटनाओं को आम बात बता कर जनता के जले पर नमक छिड़क रहे हैं। संघ
परिवार और भाजपा अपनी असफलताओं पर शर्म करने के बजाय घटना में हिन्दू- मुस्लिम तत्व
ढूंढ रहे हैं। पूरा यूपी राम भरोसे छोड़ दिया गया है।
भाकपा ने अन्याय, उत्पीड़न और
अपराधों की इन वारदातों पर कडा प्रतिरोध जताया है। भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने अलीगढ़
समेत तमाम जिला इकाइयों को निर्देश दिया है कि इन आपराधिक कार्यवाहियों पर विरोध जताते
हुये राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपें।
डा॰ गिरीश
शुक्रवार, 7 जून 2019
at 1:30 pm | 0 comments |
CPI will contest all assembly seats in by poll in U.P.
विधान सभा के उपचुनावों में सभी सीटों पर प्रत्याशी
उतारेगी भाकपा
लखनऊ- 7 जून 2019, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी उत्तर प्रदेश में रिक्त हुयी सभी 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। उपर्युक्त
जानकारी यहां एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने दी।
उन्होने कहाकि इस संबन्ध में संबंधित जिला इकाइयों को
निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्याशियों के संबन्ध में प्रस्ताव तैयार कर राज्य केन्द्र
को भेजें। चुनावों की रणनीति पर 15 और 16 जून को लखनऊ में होने वाली राज्य कार्यकारिणी
की बैठक में विचार किया जायेगा। बैठक में लोकसभा चुनावों की समीक्षा भी की जाएगी।
बैठक में भाकपा के केन्द्रीय नेतागण भी भाग लेने पहुंच
रहे हैं।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
बुधवार, 29 मई 2019
at 6:19 pm | 0 comments |
बार बार जहरीली शराब से होरही मौतों के लिये मुख्यमंत्री जिम्मेदार : भाकपा
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने बाराबंकी में जहरीली शराब से एक बार फिर
दो दर्जन निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भाकपा की सदिच्छा है कि
इलाज करा रहे सभी लोग जल्द स्वस्थ होकर अपने परिवार के बीच पहुँचें।
घटना पर अफसोस जताते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश
ने कहाकि एक योगिया वस्त्रधारी की सरकार के शासन काल में जहरीली शराव के पीने की एक
दो नहीं पूरी आठ घटनायें होचुकी हैं। खुद बाराबंकी में यह दूसरी घटना है। इन घटनाओं
में अब तक डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। और अन्य दर्जनों नाजुक अंग गंवा चुके
हैं।
लेकिन इन घटनाओं को रोका नहीं जासका है। घटना के बाद
हर बार कहा जाता है कि योगीजी ने सख्त कार्यवाही के निर्देश देदिए हैं। कुछ अफसरों
को निलंबित कर दिया जाता है, मुआबजा दिया जाता है, कार्यवाहियों का नाटक किया जाता है और जांच बैठा दी जाती है मगर नतीजा सिफर
रहता है। खबर तो यह भी है कि बाराबंकी में जिस दुकान से यह जहरीली शराब बेची गयी उस
पर गत माहो में भी जहरीली शराब पकड़ी गयी थी। मगर कोई कार्यवाही नहीं हुयी क्योंकि ठेकेदार
शासक दल से संबंधित है।
भाकपा ने मांग की कि अब कोरी बयानबाजी और कार्यवाही
से कुछ होने वाला नहीं है। अब जबावदेही तय होनी चाहिये। भाकपा ने सवाल कियाकि क्या
इन संगीन मामलों के लिये मुख्यमंत्री जिम्मेदार नहीं हैं? क्या आबकारी मंत्री की कोई ज़िम्मेदारी नहीं है? क्या
उनका काम खाली बयानवाजी करना या दिखावटी कार्यवाही करना मात्र है?
डा॰ गिरीश ने कहाकि आवकारी अधिनियम में सजा ए मौत का
प्रावधान करने के बाद भी इन घटनाओं की पुनराव्रत्ति नहीं रुकी क्योंकि अपराधियों को
विश्वास है कि सत्ताधारी दल से रसूखों के चलते वे साफ बच निकलेंगे। वैसे भी अधिकाधिक
मुनाफा और पैसे कमाने की मानसिकता के आगे कड़े क़ानूनों का कोई मतलब नहीं है। भाजपा बिना
परिश्रम किये अधिक धन कमाने की मानसिकता पर पनपती है और धर्म का नशा फैला कर जहरीली
शराब बेचने की ज़िम्मेदारी से साफ बच निकलती है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि यद्यपि मुआबजा स्थाई समाधान नहीं
है फिर भी भाकपा मांग करती है कि म्रतक आश्रितों को पर्याप्त मुआबजा दिया जाये तथा
घायलों के संपूर्ण उपचार और पुनर्वास की व्यवस्था की जाये। लेकिन इससे भी आवश्यक बात
यह है कि उच्च स्तर पर पर नैतिक और रचनात्मक ज़िम्मेदारी तय हो ताकि भविष्य में ऐसी
जनसंहारक वारदातें न हों।
डा॰ गिरीश
रविवार, 31 मार्च 2019
at 12:51 pm | 0 comments |
भाकपा ने चन्द्रशेखर रावण को वाराणसी से प्रत्याशी बनाने की पेशकश की।
वाराणसी से मोदी के विरूध्द चन्द्रशेखर रावण सबसे
उपयुक्त उम्मीदवार
भाकपा ने की उन्हें संयुक्त प्रत्याशी बनाये जाने
की अपील
लखनऊ- 31 मार्च
2019, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने समस्त विपक्षी दलों से अनुरोध
किया कि वे वाराणसी से श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भीम आर्मी के नेता श्री चन्द्रशेखर
रावण को संयुक्त प्रत्याशी बनायें।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰
गिरीश ने कहाकि चन्द्रशेखर भी कामरेड कन्हैया कुमार की तरह फासीवादी, सांप्रदायिक, मनुवादी और कारपोरेट ताकतों के खिलाफ प्रतिरोध
की सशक्त आवाज बन कर उभरे हैं। मोदी के ढकोसले को उजागर करने को वे वाराणसी में वे
सबसे उचित प्रत्याशी हो सकते हैं। भाकपा ऐसी हर आवाज के साथ है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि यदि श्री रावण वाराणसी से चुनाव
लड़ते हैं तो भाकपा उनका पुरजोर समर्थन करेगी। यदि वे भाकपा के टिकिट पर चुनाव लड़ना
चाहेंगे तो पार्टी उन्हें यह मौका अवश्य देगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा उत्तर प्रदेश
बुधवार, 13 मार्च 2019
at 1:48 pm | 0 comments |
CPI asked action against U.P. Govt.for not checking manufacturing of illicit liquor.
उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से मौतों पर भाकपा ने
रोष जताया
निर्वाचन आयोग से कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की
लखनऊ- 13 मार्च, 2019- भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई ने कानपुर में जहरीली शराब से पुनः हुयी मौतों पर
गहरी चिंता जताई है। भाकपा ने प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाओं का इजहार
करते हुये म्रतकों के परिवारों और शराब के सेवन से बीमारों को पर्याप्त आर्थिक सहायता
प्रदान करने की मांग की है।
भाकपा ने निर्वाचन आयोग से भी आग्रह किया है कि वह उत्तर
प्रदेश में बड़े पैमाने पर बन रही और बिक रही अवैध शराब के मामले में शीघ्र संज्ञान
ले और योगी सरकार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करे।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰
गिरीश ने कहाकि यह आश्चर्यजनक है कि उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से लगातार बड़ी
संख्या में मौतें होरही हैं और कर्मकांडी सरकार मौत के इस पेय का निर्माण और वितरण
रोक नहीं पारही है। जितने लोग देश में आतंकी घटनाओं में मारे गये हैं उससे कहीं ज्यादा
योगी राज में जहरीली शराब से मारे जाचुके हैं। लेकिन योगी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी
है। जहां कोई दुर्घटना घट जाती है वहां तात्कालिक तौर पर कुछ कार्यवाही कर दी जाती
है।
भाकपा ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग से भी तुरत
संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही करने का आग्रह किया है। डा॰ गिरीश ने कहाकि निर्वाचन आयोग
के लखनऊ दौरे के समय हुयी भेंट में उन्होने आयोग के समक्ष यह सवाल मजबूती से उठाया
था कि उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अवैध शराब बन रही है जिसका चुनावों में दुरुपयोग
किया जायेगा।
निर्वाचन आयोग
ने इस पर कार्यवाही का आश्वासन दिया था। लेकिन चुनावों की घोषणा के बावजूद न केवल नकली
शराब बन रही है अपितु परचूनी की दुकानों तक पर बिक रही है। यह गरीबों के लिए जानलेवा
तो है ही, चुनावों की निष्पक्षता को भी संदेह के घेरे में लाने वाला है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
सोमवार, 4 मार्च 2019
at 2:23 pm | 0 comments |
Press Note of CPI, UP
पुलवामा आतंकी हमले पर श्वेतपत्र जारी करे केन्द्र
सरकार
दरोगा भर्ती प्रक्रिया में आरक्षितों को किनारे किया
गया
भाकपा राज्य काउंसिल में कई निर्णय लिये गये
लखनऊ- 4 मार्च 2019, भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी की यहां संपन्न दो दिवसीय बैठक में पुलवामा और उसके बाद लगातार होरहे आतंकी
हमलों और उनमें होरही हमारे जवानों की मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया और हमलों की कड़े
शब्दों में निन्दा की गई।
भाकपा राज्य काउंसिल ने केन्द्र सरकार से मांग की वह
पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद के घटनाक्रमों पर श्वेतपत्र जारी करे ताकि जनता के
मन में व्याप्त शंकाओं का समाधान किया जासके और उचित बहस चलायी जसके।
भाकपा को अपने
सुरक्षाबलों की बहादुरी पर गर्व है। जिस तरह से हमारी वायु सेना ने मध्य रात्रि को
सीमा के पार जाकर लक्ष्यों पर हमले बोले, बेशक वे प्रशंसनीय
हैं। पर मोदी सरकार,
भाजपा और गोदी मीडिया ने जिस तरह से वोट वटोरने को राजनीति फैलाई और मरने वाले
आतंकवादियों की संख्या के बारे में बड़े चड़े दाबे किये जनता इसकी सच्चाई जानना चाहती
है। जनता खुफिया सूचनाओं के बावजूद हुये पुलवामा जैसे भयावह आतंकी हमले की सच्चाई भी
जानना चाहती है। सरकार का दायित्व है कि वह जनता का भ्रम दूर करे अतएव श्वेतपत्र जारी
करे।
बैठक के भीतर हुये विचार विनिमय की जानकारी देते हुये
भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने बताया कि बैठक में इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि
दरोगा भर्ती परीक्षा में अनुसूचित वर्ग / आरक्षित वर्ग के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले
और 800 स्थान खाली छोड़ दिये गए। भाजपा शासन में चयनसमितियों में सामंती सोच के लोगों
की भरमार रही है जिसने जानबूझ कर इस वर्ग को रोजगार से बाहर रखा है। भाकपा का दाबा
है आज इस वर्ग में योग्य नौजवानों की कमी नहीं। राज्य सरकार को चयन प्रक्रिया से गुजर
चुके अभ्यर्थियों में से सीरियल वाइज़ 800 लोगों को तत्काल भर्ती करनी चाहिए। अन्यथा
इस भर्ती की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच करानी चाहिए।
भाकपा राज्य काउंसिल ने गत माह संपन्न राज्य कार्यकारिणी
बैठक के इस मंतव्य की पुष्टि की जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में यदि भाजपा के
विरूध्द सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एकजुट किया गया होता तो नतीजे निश्चय ही शानदार
रहे होते। लेकिन कुछ दलों ने निजी हितों को देश के हितों से ऊपर समझा और एक लंगड़ा गठबंधन
बना लिया। भाकपा उत्तर प्रदेश में वामपंथी धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक शक्तियों की
एकजुटता के लिये प्रयासरत है। डा॰ गिरीश ने कहाकि इसके नतीजे जल्दी ही सामने आयेंगे।
बैठक सदस्यता नवीनीकरण जल्द पूरा करने, लोकसभा चुनावों कि तैयारी और चुनाव फंड जनता से एकत्रित करने पर भी अहम फैसले
किये गये।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा , उत्तर प्रदेश
बुधवार, 27 फ़रवरी 2019
at 8:29 pm | 0 comments |
भाकपा प्रतिनिधिमंडल की निर्वाचन आयोग से भेंट
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने आज केन्द्रीय
निर्वाचन आयोग की टीम से योजना भवन में भेंट कर उन्हें उत्तर प्रदेश में लोकसभा
चुनाव से पहले की पेचीदा स्थितियों से अवगत कराया. निर्वाचन आयोग ने सभी बिन्दुओं
को गंभीरता से सुना और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया. भाकपा राज्य सचिव डा.
गिरीश के नेतृत्व में मिले इस प्रतिनिधिमंडल में राज्य कार्यकारिणी सदस्य फूलचंद
यादव एवं राज्य काउन्सिल सदस्य विनय पाठक भी थे. निम्न प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया
गया-
अप्रेल मई 2019 में होने जारहे लोकसभा चुनाव में रिकार्डतोड़ धन बहाए जाने की
संभावना है. भ्रष्टाचार के जरिये उन पूंजीवादी राजनैतिक दलों ने जो सत्ता में हैं
और रहते आये हैं, भारी पैमाने पर कालाधन इकट्ठा कर लिया है जिसका प्रयोग वे अवैध
तरीकों से आगामी चुनावों में करेंगे. ये दल ऐसे प्रत्याशियों को टिकिट देने जारहे
हैं जिनके पास अपार धन संपदा है. आप अवगत ही हैं कि मौजूदा लोकसभा में बड़ी संख्या
में करोडपति चुन कर पहुंचे थे. इस बार इससे भी ज्यादा करोडपति और अरबपति चुनाव
मैदान में होंगे. एक मोटा अनुमान है कि इस चुनाव में 2014 के लोकसभा चुनावों से
दोगुने से भी अधिक धन व्यय किया जाना है. विदेशी विशेषज्ञों ने भी ऐसी ही राय
व्यक्त की है. इससे लोकतंत्र को गंभीर खतरा है.
गत चुनावों में भी बड़े पैमाने पर शराब और पैसा बांटने की खबरें खुल कर सामने
आयीं थीं और इस बार भी ऐसा होने जारहा है. केन्द्र सरकार द्वारा ऐन चुनाव से पहले
सरकारी खैरातें भी भेजी जारही हैं. यह वोट हासिल करने का हथकंडा है. सच तो यह है
कि मतदान से दो- तीन दिन पहले सारी मर्यादायें तोड़ कर धन, उपहार और शराब बांटी
जाती है और चुनावी मशीनरी अकर्मण्य बनी रहती है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जैसे
अति अल्प खर्च में चुनाव लड़ने वाले दलों को इससे भारी हानि पहुँचती है.
निर्वाचन आयोग द्वारा लगायी गयी पाबंदियां भी छोटे दलों तक ही सिमट जाती हैं.
धनवान राजनीतिक दल हैलिकोप्टर्स चुनाव अभियान चलाते हैं और हम जैसे चार पहिया
वाहनों से प्रचार करने वालों के स्टार कैम्पेनर्स को जगह जगह चैकिंग का सामना करना
पड़ता है जिससे काफी समय खराब होता है. कई बार सुरक्षाबल अपमानित भी करते हैं. छोटी
मोटी चुनाव सामग्री भी साथ लेकर नहीं जाने दिया जाता है. अलग से वाहन किराये पर
लेकर चुनाव सामग्री भेजने लायक आर्थिक स्थिति भाकपा की नहीं है.
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पूर्व भी धर्मोन्माद, जातीय उन्माद और युध्दोन्माद
फैला कर चुनाव प्रभावित करने की कोशिशें चल रही हैं और चुनाव प्रचार के दौरान भी
कुछ दल ऐसा अवश्य करेंगे.
निर्वाचन आयोग की स्थाई मशीनरी न होने से सारा चुनाव संचालन सरकारी मशीनरी के
हाथों में आजाता है जिसका कि राजनैतिकीकरण होचुका है. और वह "जिसका शासन उसका
काम" के सिध्दांत पर काम करती है. ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ
रहे हैं अतएव वीवीपेट के साथ मतदान कराये जाने की जरूरत है.
अतएव लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों के हित में हम आपसे निम्न निवेदन कर रहे
हैं-
1- निर्वाचन के समय आयोग द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक खर्च पर कारगर रोक
लगायी जाये.
2- मतदान से पहले अवैध रूप से बांटे जाने वाले धन, उपहार एवं शराब आदि का
वितरण सख्ती से रोका जाये.
3- स्टार कैम्पेनर्स को रास्ते में चेकिंग से मुक्त रखा जाये. प्रचार सामग्री
साथ लेजाने की उन्हें अनुमति देनी चाहिये.
4- धार्मिक उन्माद जातीय उन्माद और युध्दोन्माद का सहारा लेने वाले दलों को
पहले सख्त चेतावनी दीजाये और न मानने पर उनके विरुध्द नियमानुसार कार्यवाही की
जाये.
5- निर्वाचन कार्य में लगायी गयी मशीनरी के शासक दल के प्रति समर्पण पर अंकुश लगाने
को कड़े कदम उठाये जायें.
6- निर्वाचन अधिक से अधिक वीवीपेट सहित मशीनों के साथ कराया जाये.
7- निर्वाचन हेतु प्रथक निर्वाचन मशीनरी के गठन पर भी विचार किया जाये.
8- भविष्य में समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली लागू करने पर विचार किया जाये ताकि
धनबल, बाहुबल, जातिवाद, संप्रदायवाद जैसे अनैतिक हथकंडों के बजाय नीतियों के आधार
पर चुनाव हो और हमारा लोकतंत्र मजबूत हो.
रविवार, 17 फ़रवरी 2019
at 7:13 pm | 0 comments |
CPI and CPI-M codemned Pulvama terrorist attack
पुलवामा की आतंकी कार्यवाही पर कम्युनिस्ट पार्टियों
ने गहरा क्षोभ व्यक्त किया
आगामी तीन दिनों तक प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन
करेंगी वामपंथी पार्टियां
लखनऊ- 17 फरबरी 2019, पुलवामा में हुये आतंकवादी हमलों से उत्पन्न स्थिति पर विचार करने को भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी एवं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी( मार्क्सवादी ) की एक संयुक्त बैठक
आज यहाँ भाकपा के राज्य कार्यालय पर संपन्न हुयी।
बैठक में पुलवामा में शहीद हुये सुरक्षाबलों की शहादत
पर गहरा रोष प्रकट किया गया। साथियों ने दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित
की। साथ ही शहीदों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाओं का इजहार किया।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में भाकपा के राज्य सचिव
डा॰ गिरीश एवं माकपा के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव ने आतंकवादियों की इस कायराना
हरकत की कड़े शब्दों में निन्दा की तथा कहाकि आतंक की राजनीति देश में गहरी जड़ें जमा
चुकी है और इससे निपटने को राजनेतिक और सख्त प्रशासनिक कदम उठाने होंगे। जजवाती बयानबाजी
और युद्धोन्माद फैलाने से समस्या का हल संभव नहीं है।
दोनों कम्युनिस्ट नेताओं ने कहाकि पिछले कई माह से तमाम
खुफिया एजेंसियां आतंकी हमले की सूचनाएँ देरही थीं और पाकिस्तान के मीडिया में आतंकवादियों
की हमले की धमकियां प्रकाशित होरही थीं फिर भी इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक लिए आतंकवादी
टहलते रहे और इतना बड़ा और घ्रणित कांड कर डाला।
यह सरकार के स्तर पर बड़ी चूक है जिसको जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने स्वीकारा भी है।
लेकिन देश का मगरूर नेत्रत्व तब भी चुनावी वैतरणी पार
करने की कवायद में जुटा था और आज भी अपनी संकीर्ण राजनैतिक कुचेष्टाओं से बाज नहीं
आरहा। यहाँ तक कि पाकिस्तान विरोध के नाम पर अल्पसंख्यकों को डराने धमकाने के निंदनीय
प्रयास भी किए जारहे हैं। संतोष की बात है कि देश की जनता ने आतंकवाद के विरुद्ध जबर्दस्त
एकजुटता प्रदर्शित की है वहीं शांति और भाईचारा बिगाड़ने वालों के मंसूबों पर पानी फेर
दिया है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि आतंक की इस घ्रणित कार्यवाही
का पुरजोर विरोध किया जाये और आतंकवाद के खिलाफ सख्त तार्किक कार्यवाही की मांग की
जाये। निर्णयानुसार भाकपा और माकपा के कार्यकर्ता आगामी तीन दिनों तक जिलो जिलों में
इस घटना के विरुद्ध अन्य वामदलों के साथ मिल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही आम जनता
से शान्ति और भाईचारा बनाये रखने की अपील करेंगे। विरोध प्रदर्शन में धरना/ प्रदर्शन/
आतंकवाद का पुतला दहन/ केंडिल मार्च आदि शामिल हैं।
भाकपा एवं माकपा नेत्रत्व ने सभी वामपंथी लोकतान्त्रिक
शक्तियों से इस अभियान में शामिल होने की अपील की है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा , उत्तर प्रदेश
बुधवार, 13 फ़रवरी 2019
at 4:46 pm | 0 comments |
इलाहाबाद और अलीगढ़ की घटनाओं से भाजपा की बदहवासी उजागर : भाकपा
लखनऊ- एक ओर भाजपा
सरकार एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को छात्रों के आयोजन में भाग लेने हेतु इलाहाबाद
जाने से रोकने का घोर अलोकतांत्रिक कदम उठाती है वहीं दूसरी ओर प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी-
ए॰ एम॰ यू॰ पर हमला बोलने के लिए अपनी अराजक फौज भेज कर दंगा भड़काने की साजिश रचती
है। दोनों ही घटनाएँ बेहद आपत्तिजनक हैं जिनकी सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों को निंदा
करनी चाहिए।
इतना ही नहीं कल की घटनाओं से बौखलाये संघ गिरोह ने
अलीगढ़ और उसके बहाने देश के अन्य भागों में सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ाने के उद्देश्य
से एएमयू में मन्दिर बनाने हेतु कार सेवा करने का ऐलान कर दिया और दंगाइयों की भीड़
को आज एएमयू की ओर कूच करा दिया। यदि पुलिस ने उन्हें रोका न होता तो कुछ भी अनहोनी
होसकती थी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में कहाकि ये घटनायें
इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अपना जनाधार खिसकने से भाजपा बेहद परेशान है और 2019
में वोट हासिल करने को सांप्रदायिक लपटें पैदा करने पर आमादा है। लेकिन संतोष की बात
यह है कि अब आम जनता उनके हथकंडों को भलीभाँति समझ गयी है और उन्हें हर बार मुंह की
खानी पड़ रही है।
डा॰ गिरीश ने कहाकि जो लोग एएमयू में मुस्लिम फ्रंट
बनाए के नाम पर मीटिंग कर रहे थे उनका उद्देश्य भाजपा के हाथ में एक मुद्दा देना था।
भाकपा उसकी भी आलोचना करती है। हर दिन एएमयू को लक्ष्य बनाकर कुछ न कुछ उत्पात मचाने
वाली भाजपा को उन्होने फिर से एक मुद्दा थमा ही दिया। अब कल की मारपीट में शामिल एएमयू
छात्रों पर देशद्रोह के आरोप मढ़ने की साजिश रची जारही है, परन्तु देशद्रोह का
आरोप अगर किसी पर बनता है तो उन संघियों पर बनता है जो कल एएमयू पर हमला बोलने पहुंचे
थे।
डा॰ गिरीश ने सवाल कियाकि जब इलाहाबाद में धर्म संसद
के नाम पर एकत्रित दंगाइयों की भीड़ से कुंभ की फिजा नहीं बिगड़ी तो एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय
में एक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के जाने से क्या आसमान टूट पड़ता? उन्होने यह भी सवाल उठाया है कि जब भाजपा आज तक अयोध्या में मन्दिर का निर्माण
नहीं करा सकी तो उसके द्वारा एएमयू में मन्दिर निर्माण का शिगूफ़ा उछालना एक विध्वंसकारी
षडयंत्र नहीं तो क्या है? सच तो यह है कि मोदी और योगी की सरकारें
हर तरह से बेनकाब होगयीं हैं और अब वे तानाशाही, दादागीरी और
सांप्रदायिकता के बल पर ही चुनावी लक्ष्य हासिल करना चाहती हैं।
भाकपा ने सभी वामपंथी एवं जनवादी शक्तियों का आह्वान
कियाकि वे भाजपा की इन फासिस्टी कारगुजारियों का माकूल जबाव दें।
डा॰ गिरीश
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