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गुरुवार, 18 जुलाई 2019
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उत्तर प्रदेश में घोरावल नर संहार के खिलाफ भाकपा का प्रदर्शन 25 जुलाई को
घोरावल नरसंहार इस दशक का सबसे बड़ा हत्याकांड: भाकपा
नरसंहार
मोबलिंचिंग और अन्य सवालों पर 25 जुलाई को प्रदर्शन करेगी भाकपा
लखनऊ- 18 जुलाई 2019, घोरावल नरसंहार, मोबलिंचिंग, किसानों की आत्महत्यायें, महिलाओं और दलितों पर अत्याचार, उत्तर प्रदेश की दयनीय
कानून व्यवस्था के खिलाफ और बाढ़ की विभीषिका से जान माल की सुरक्षा तथा बिजली के दामों
में प्रस्तावित व्रद्धि जैसे प्रमुख सवालों पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 25 जुलाई को
प्रदेश भर में सड़कों पर उतरेगी। इस दिन भाकपा जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर राज्यपाल
के नाम ज्ञापन सौंपे जायेंगे।
घोरावल नरसंहार को प्रदेश में इस दशक का सबसे बड़ा नरसंहार
बताते हुये भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने कहा है कि सोनभद्र, मिर्ज़ापुर तथा तराई के तमाम जिलों में अफसर, नेता और
माफिया आदिवासियों, दलितों और कमजोर तबकों की भूमियों पर तमाम
तरीकों से जबरिया कब्जे कर रहे हैं। वहाँ आदिवासी अधिनियम का भी सरेआम उल्लंघन होरहा
है। राज्य की सरकारें और प्रशासन कब्जे करने वालों के पक्ष में ही खड़े होते हैं। कल
सोनभद्र के घोरावल में हुआ नरसंहार सरकार और प्रशासन की इसी करतूत का परिणाम है। आदिवासी
दलितों पर हुये एकतरफा कातिलाना हमले को पुलिस प्रशासन अब आपसी झगड़े की शक्ल देने में
लगा है।
भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि उत्तर
प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। मोब लिंचिंग, जबरिया जयश्रीराम बोलने को मजबूर करना, महिलाओं दलितों
और अन्य कमजोर वर्गों पर अत्याचार, लूट, गोलीकांड, और यहाँ तक कि पुलिसकर्मियों की हत्याएं और
हमले आदि पल पल की बात होगयी है। आर्थिक संकट के चलते किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं, बाढ़ की विभीषिका से लोग तवाह होरहे हैं मगर शासक लोग भजन कीर्तन में समय जाया
कर रहे हैं। लुटी- पिटी जनता के ऊपर बिजली की बढ़ी दरें थोपे जाने की तैयारी भी चल रही
है।
25 जुलाई को इन सभी सवालों पर भाकपा जिला केन्द्रों
पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देगी। ज्ञापन में घोरावल कांड के समस्त दोषियों को कानून के
शिकंजे में कसने को न्यायिक जांच कराने, म्रतकों के परिवारीजनों
को रुपये 50 लाख प्रति म्रतक तथा घायलों को 5 लाख हानिराशि प्रदान किये जाने, आदिवासी अधिनियम पर अमल किये जाने, प्रदेश भर में दलितों, आदिवासियों और अन्य कमजोरों की ज़मीनों को कब्जामुक्त किये जाने, महिलाओं दलितों और निर्बल वर्ग पर होरहे अत्याचारों पर रोक लगाने, बिगड़ी कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने, किसानों की अर्थव्यवस्था
को सुधारे जाने, बाढ़ की तवाही से निजात दिलाने और बिजली की दरों
में प्रस्तावित व्रद्धि को रद्द करने की मांग की जायेगी।
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